मुज़फ्फरनगर: रिमझिम बारिश से गर्मी से मिली राहत, सडके बनी तालाब
मुजफ्फरनगर। देर शाम से ही रिमझिम तो कभीं झमाझम बारिश हुई, जिससे मौसम सुहावना हो गया। बारिश से लोगों ने राहत की सांस ली। वहीं वर्षा फसलों के लिए संजीवनी है, लेकिन गन्ने की पछेती फसल में खरपतवार की समस्या खड़ी हो गई है।
वहीं लगातार हो रही रिमझिम बारिश से शहर के कई मुख्य सड़कों व मौहल्लों में पानी भर गया है। हालात यह हो गये है कि दुपहिया व चोपहिया वाहनों को भी खींचकर ले जाना पड रहा है। मुज़फ्फरनगर। रात से हो रही बारिश के कारण शहर की सड़कें हुई जलमग्न नालियों की सफाई न होने के कारण सड़कें बनी तालाब घरो में पानी -पानी हो गया है।
शहर में रात भर बारिश होती रही। सुबह के समय तेज बारिश हुई। जिस कारण महावीर चौक, शिव चौक, रुड़की रोड, जनकपुरी, रामपुरी, साकेत में जलभराव होने से नागरिकों को परेशानी हुई। शहर से शेरपुर जाने वाले मार्ग पर जलभराव और सड़क टूटने के कारण ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा ।
गांधी कालोनी, सुभाष नगर, खालापार और सरवट में भारी जल भराव से जिंदगी बेहाल रही। मंगलवार रात्रि से लगातार व बुधवार सुबह से ही बारिश जारी रही।कभी हल्की तो कभी झमाझम बारिश होती रही। बारिश से मौसम सुहावना हो गया। बारिश ने मौसम को खुशगवार बना दिया। लोगों कोउमस भरी गर्मी से निजात मिली। बारिश से नगर व देहात क्षेत्र में जलभराव होने से लोगों को परेशानी हुई। कई दिन से लोग गर्मी से बेहाल थे।
अचानक मौसम को मिजाज बदला। पहले हल्की बूंदें गिरनी शुरू हुई, लेकिन फिर तेज बारिश होने लगी। बारिश से बचने के लिए लोगों को दुबकना पड़ा। बारिश से सड़क और गली-मोहल्लों में जलभराव के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। बारिश के बीच नई मंडी थाना क्षेत्र के बागोवाली की वाल्मीकि बस्ती में बरसात के कारण २ लोगों के कच्चे मकान गिर गये।
इसमें एक व्यक्ति घायल हो गया। सूचना पर तहसीलदार साहब ने लेखपाल को मौके पर भेजकर नुकसान का आकलन कराया और जल्द ही पीड़ितों को मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया।
दूसरी ओर चरथावल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पूरी तरह से तालाब में तब्दील हो गया है चरथावल सीएचसी में २ सप्ताह पूर्व गिरी दीवार का निर्माण न होने से पूरी कालोनी का पानी भी चरथावल में सीएचसी में भर गया है।
कुल मिलाकर चरथावल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डाक्टरों के चेंबर ,ओपीडी तक आने-जाने के रास्ते में पानी भर जाने से मरीजों का अस्पताल में आने का रास्ता बंद हो गया है। कई पेड़ भी सीएचसी में उखड़ गए हैं यही नहीं डॉक्टरों को पानी भर जाने से सांप का भी खतरा मंडरा रहा है।