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Muzaffarnagar में सड़क सुरक्षा की क्रांति: अवैध ई-रिक्शा पर सख्ती, ओवरलोडेड वाहनों पर कड़ी कार्रवाई

Muzaffarnagarजिला सड़क सुरक्षा समिति की जनवरी 2025 की बैठक, एक अनूठे और महत्वपूर्ण कदम के साथ संपन्न हुई। इस बैठक की अध्यक्षता जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने ज़ूम ऐप के माध्यम से की। राज्य सड़क सुरक्षा परिषद द्वारा मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हाल ही में आयोजित बैठक के निर्देशों का पालन करते हुए, 1 जनवरी से 31 जनवरी 2025 के बीच राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह मनाने का निर्णय लिया गया। इस महत्वपूर्ण बैठक में सड़क सुरक्षा से जुड़े तमाम पहलुओं पर गहराई से चर्चा हुई, जिससे जिले में सड़क सुरक्षा को नए आयाम मिलने की उम्मीद है।


राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह का महत्व और आगामी योजनाएं

बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) को निर्देश दिया कि एक विस्तृत एक्शन प्लान तैयार किया जाए। इस प्लान में सभी स्टेकहोल्डर विभागों और कार्यदायी संस्थाओं की भूमिका तय की जाएगी। योजना के तहत सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए निम्नलिखित पहलुओं पर जोर दिया जाएगा:

  • सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान: स्कूलों, कॉलेजों, और कार्यालयों में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
  • व्यवस्थित यातायात संचालन: मुख्य चौराहों और व्यस्त क्षेत्रों में ट्रैफिक नियंत्रण के लिए तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल।
  • चेकिंग अभियान: नियमित रूप से वाहनों की फिटनेस और वैध लाइसेंस की जांच।

अवैध ई-रिक्शा पर सख्ती: भीड़ और यातायात अव्यवस्था का समाधान

बैठक का एक महत्वपूर्ण हिस्सा शहर के भीतर अवैध ई-रिक्शाओं के कारण उत्पन्न भीड़भाड़ की समस्या पर चर्चा रहा।

  • फिटनेस और लाइसेंस चेकिंग: जिलाधिकारी ने एआरटीओ को सख्त निर्देश दिए कि शहर के भीतर चल रही सभी ई-रिक्शाओं की फिटनेस की जांच नियमित रूप से की जाए।
  • अवैध संचालन पर रोक: जिन ई-रिक्शाओं के पास लाइसेंस नहीं है, उन्हें तत्काल प्रभाव से बंद किया जाएगा।
  • नियंत्रित संचालन: ट्रैफिक पुलिस के साथ मिलकर एक ठोस योजना बनाई जाएगी, ताकि शहर के मुख्य मार्गों पर ई-रिक्शा का संचालन व्यवस्थित हो।

ओवरलोडेड वाहनों पर कार्रवाई: सुरक्षित यातायात की दिशा में बड़ा कदम

जिले में ओवरलोडेड वाहनों, विशेष रूप से गन्ने से भरे ट्रकों और अनफिट वाहनों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया गया।

  • सड़क सुरक्षा के लिए खतरा: ऐसे वाहन न केवल यातायात जाम का कारण बनते हैं, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं का बड़ा कारण भी हैं।
  • पुलिस विभाग की जिम्मेदारी: ओवरलोडेड और अनफिट वाहनों पर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए पुलिस विभाग को सख्त निर्देश दिए गए।

शहरी कचरा प्रबंधन पर विशेष ध्यान

बैठक में शहरी क्षेत्रों में नगर पालिका द्वारा सड़कों पर कूड़ा डालने की समस्या पर भी चर्चा हुई। जिलाधिकारी ने नगर पालिका अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे कचरे के लिए एक वैकल्पिक स्थान चिन्हित करें, ताकि सड़कों पर गंदगी और बीमारियों का खतरा कम किया जा सके।


सड़क सुरक्षा माह: जनता से अपील

जिलाधिकारी ने जनता से अपील की कि वे सड़क सुरक्षा के नियमों का सख्ती से पालन करें। हेलमेट और सीट बेल्ट का उपयोग करें और बच्चों को ट्रैफिक नियमों के बारे में शिक्षित करें।


अधिकारियों का रुख और जनता की उम्मीदें

जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने कहा कि यह अभियान केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि इसमें जनता की भागीदारी भी जरूरी है। अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि सड़क सुरक्षा को लेकर जिले में हर संभव कदम उठाए जाएंगे।


यह बैठक मुजफ्फरनगर के लिए एक नई शुरुआत है। आने वाले दिनों में अगर इस योजना को सही तरीके से लागू किया गया, तो यह न केवल जिले की सड़कों को सुरक्षित बनाएगा, बल्कि पूरे राज्य के लिए एक मिसाल कायम करेगा।

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