वैश्विक

Russia ने यूक्रेन में भारतीय कंपनी पर बरसाईं मिसाइलें! कुसुम फार्मा के गोदाम पर हमला, बच्चों-बुज़ुर्गों की दवाएं तबाह

Russia और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध में एक और चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है। इस बार हमला न सिर्फ यूक्रेनी सरहद पर हुआ है, बल्कि इसकी जद में आया है एक भारतीय कंपनी का प्रतिष्ठित फार्मा गोदाम। जी हां, कीव में स्थित कुसुम फार्मा के गोदाम को रूसी मिसाइल ने निशाना बनाया है। इस हमले को लेकर यूक्रेन के दूतावास और ब्रिटिश राजदूत दोनों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

🇮🇳 भारतीय कंपनियों को निशाना बना रहा रूस?

यूक्रेन में भारतीय दूतावास के X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से किए गए पोस्ट में साफ तौर पर रूस पर आरोप लगाया गया कि उसने “जानबूझकर” भारतीय व्यापारिक प्रतिष्ठानों को निशाने पर लिया है। पोस्ट में कहा गया, “आज एक रूसी मिसाइल ने यूक्रेन में भारतीय फार्मास्युटिकल कंपनी कुसुम के गोदाम पर हमला किया। भारत के साथ ‘विशेष मित्रता’ का दावा करते हुए, मॉस्को ने जानबूझकर भारतीय व्यवसायों को निशाना बनाया। इस हमले के साथ रूस ने बच्चों और बुजुर्गों के लिए बनाई गई दवाओं को नष्ट कर दिया।”

🧯 गोदाम में लगी भीषण आग, भारी नुकसान

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मिसाइल हमले के बाद कुसुम फार्मा के गोदाम में भीषण आग लग गई। दमकल की कई गाड़ियाँ मौके पर पहुंचीं, लेकिन तब तक गोदाम में रखी लाखों रुपये की दवाएं जलकर राख हो चुकी थीं। इनमें जीवनरक्षक दवाएं, बच्चों के सिरप, बुज़ुर्गों के लिए कार्डियक मेडिसिन और गंभीर बीमारियों की दवाएं शामिल थीं।

🇬🇧 ब्रिटिश राजदूत की प्रतिक्रिया

यूक्रेन में ब्रिटेन की राजदूत मेलिंडा सिमंस ने भी इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि कीव में फार्मा गोदाम पर रूसी ड्रोन और मिसाइल हमले किए गए हैं। उनका कहना था कि यह सिर्फ एक गोदाम नहीं था, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ था।

“रूस न केवल सैन्य ढांचों को बल्कि आम नागरिकों की मदद करने वाले संस्थानों को भी तबाह कर रहा है। कुसुम फार्मा जैसे संस्थान, जो युद्ध के बीच भी जीवन को बचाने का काम कर रहे हैं, उन पर हमला करना घोर अमानवीय कृत्य है।”

🏥 कुसुम फार्मा: यूक्रेन में भारतीय पहचान

कुसुम फार्मास्युटिकल्स एक भारतीय मूल की कंपनी है जिसका मुख्यालय भारत में है लेकिन इसकी बड़ी मौजूदगी यूक्रेन में भी है। कंपनी पिछले एक दशक से यूक्रेनी लोगों को किफायती और प्रभावी दवाएं उपलब्ध करवा रही है। कीव, खारकीव और ओडेसा जैसे शहरों में इसके उत्पादन और वितरण केंद्र सक्रिय हैं।

🛡️ क्या भारत करेगा विरोध?

अब बड़ा सवाल यह है कि भारत इस हमले पर कैसी प्रतिक्रिया देगा? प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार भारतीय राजदूत ने कीव में सुरक्षा की समीक्षा की है और स्थानीय अधिकारियों से बातचीत की है।

भारत और रूस के रिश्ते ऐतिहासिक रहे हैं। लेकिन इस हमले ने दोनों देशों के रिश्तों में एक असहजता जरूर ला दी है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भारत सरकार को अब “विशेष मित्रता” के दावे की समीक्षा करनी होगी।

🌍 यूक्रेन में भारतीय व्यापारिक हितों पर मंडरा रहा खतरा

यह कोई पहली घटना नहीं है जब रूस ने यूक्रेन में विदेशी व्यापारिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया हो। इससे पहले भी तेल, परिवहन और तकनीकी क्षेत्रों से जुड़ी कंपनियों पर हमले हो चुके हैं। लेकिन भारतीय फार्मा कंपनी पर सीधा हमला होना, वैश्विक स्तर पर एक नया संदेश देता है।

यूक्रेनी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वह रूस की इस “आक्रामक नीति” की निंदा करे और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करे।

🔍 युद्ध में दवाओं की कमी – एक मानवीय संकट

इस मिसाइल हमले के बाद यूक्रेन में दवाओं की भारी किल्लत देखने को मिल सकती है। खासतौर पर जिन क्षेत्रों में कुसुम फार्मा सप्लाई करती थी, वहां अब जीवनरक्षक दवाओं की आपूर्ति ठप हो गई है। यूक्रेनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस विषय में आपात बैठक बुलाई है और वैकल्पिक आपूर्ति चैनल की खोज की जा रही है।

📦 ‘मेड इन इंडिया’ फार्मा ब्रांड पर हमला

यह हमला सिर्फ एक गोदाम पर नहीं बल्कि ‘मेड इन इंडिया’ फार्मा ब्रांड पर भी सीधा वार है। भारतीय दवाएं विश्वस्तर पर अपनी गुणवत्ता और किफायती दाम के लिए जानी जाती हैं। कई युद्धग्रस्त क्षेत्रों में यही दवाएं मरीजों की आखिरी उम्मीद होती हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के हमले भारतीय कंपनियों के वैश्विक विस्तार को रोक सकते हैं। साथ ही निवेशकों और व्यापारियों के बीच असुरक्षा की भावना भी बढ़ा सकते हैं।

🤝 वैश्विक प्रतिक्रिया और संभावित नतीजे

संयुक्त राष्ट्र और विश्व स्वास्थ्य संगठन इस मसले पर नजर रखे हुए हैं। यदि यह प्रमाणित होता है कि यह हमला जानबूझकर किया गया था, तो रूस पर और कड़े प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।

✍️ आगे क्या?

  • यूक्रेनी सरकार द्वारा हमले की जांच जारी

  • भारत की राजनयिक प्रतिक्रिया का इंतजार

  • दवाओं की वैकल्पिक आपूर्ति की व्यवस्था

  • अन्य भारतीय प्रतिष्ठानों की सुरक्षा बढ़ाई गई


📌चेतावनी
यह हमला एक संकेत है कि युद्ध अब सिर्फ सैनिकों और बमों तक सीमित नहीं रहा। यह व्यापार, स्वास्थ्य, मानवीयता और वैश्विक संतुलन तक पहुँच चुका है। अब समय है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस पर गंभीरता से विचार करे – क्योंकि अगला निशाना कौन होगा, कोई नहीं जानता।


📍 जारी है जंग, लेकिन सवाल है — क्या यह सिर्फ रूस और यूक्रेन की लड़ाई है या पूरी मानवता की परीक्षा?

 

News-Desk

News Desk एक समर्पित टीम है, जिसका उद्देश्य उन खबरों को सामने लाना है जो मुख्यधारा के मीडिया में अक्सर नजरअंदाज हो जाती हैं। हम निष्पक्षता, सटीकता, और पारदर्शिता के साथ समाचारों को प्रस्तुत करते हैं, ताकि पाठकों को हर महत्वपूर्ण विषय पर सटीक जानकारी मिल सके। आपके विश्वास के साथ, हम खबरों को बिना किसी पूर्वाग्रह के आप तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। किसी भी सवाल या जानकारी के लिए, हमें संपर्क करें: [email protected]

News-Desk has 18283 posts and counting. See all posts by News-Desk

Avatar Of News-Desk

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

sixteen + fourteen =