खेल जगत

4 करोड़, प्लॉट और बयानबाज़ी: Vinesh Phogat पर राजनीति का नया अखाड़ा

हरियाणा की सियासत में एक बार फिर से खेल और खिलाड़ियों के नाम पर बवाल मच गया है। इस बार मुद्दा है जुलाना से कांग्रेस विधायक और मशहूर अंतरराष्ट्रीय पहलवान Vinesh Phogat  को सरकार द्वारा 4 करोड़ रुपये की इनामी राशि और एक प्लॉट देने की घोषणा का। सोशल मीडिया से लेकर विधान सभा और राजनीतिक गलियारों तक, हर तरफ यही चर्चा है—क्या यह सम्मान है या सियासी दांव?

🔥 बबीता फोगाट के ट्वीट ने भड़काई चिंगारी

बीजेपी नेत्री और स्वयं अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रह चुकीं बबीता फोगाट ने एक ऐसा ट्वीट कर दिया, जिससे माहौल और भी गरमा गया। बिना नाम लिए उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:

“यदि सरकार 15 साल पहले वर्तमान सुविधाएं मुहैया करवाती तो मेडल के मामले में भारत आज अलग मुकाम पर होता।”

इस बयान को सीधे तौर पर विनेश फोगाट पर तंज माना गया। सोशल मीडिया पर बबीता और विनेश समर्थकों के बीच ज़ोरदार भिड़ंत देखने को मिली। जहां एक ओर कुछ लोग बबीता का समर्थन कर रहे थे, वहीं बड़ी संख्या में लोग विनेश के पक्ष में भी नजर आए।

🎯 विनेश का पलटवार: ‘2 रुपए लेकर ट्वीट करने वालों…’

विनेश फोगाट ने भी चुप बैठने का इरादा नहीं रखा। उन्होंने सीधा जवाब दिया और ट्विटर पर लिखा:

“2 रुपए लेकर ट्वीट करने वालों और फ्री का ज्ञान बांटने वालों… जरा ध्यान से सुनो। तुम्हारी जानकारी के लिए बता दूं, अब तक करोड़ों के ऑफर ठुकरा चुकी हूं। सॉफ्ट ड्रिंक्स से लेकर ऑनलाइन गेमिंग तक, पर मैंने कभी अपने उसूलों का सौदा नहीं किया।”

विनेश ने अपनी मेहनत, ईमानदारी और आत्मसम्मान की बात करते हुए कहा कि वे उस धरती की बेटी हैं जहां “आत्मसम्मान मां के दूध में घुला होता है।”

उनके इस बयान ने न सिर्फ लोगों का दिल जीता, बल्कि इस पूरे मामले को एक भावनात्मक मोड़ भी दे दिया।


🏟️ विनेश का सपना: इंटरनेशनल स्पोर्ट्स एकेडमी

सरकार से मिली 4 करोड़ की रकम को लेकर विनेश ने साफ कहा कि यह केवल इनाम नहीं बल्कि उनके एक लंबे अरसे से संजोए हुए सपने को साकार करने का माध्यम है। उन्होंने एलान किया कि वह इस रकम से इंटरनेशनल लेवल की एक खेल एकेडमी बनाएंगी।

“यह सिर्फ इनाम नहीं, अवसर है। मैं चाहती हूं कि हमारे गांव, हमारे राज्य और देश के बच्चे विश्व स्तर की ट्रेनिंग पा सकें। मैंने अपनी जिंदगी में जो कुछ सीखा, वो सब अगली पीढ़ी तक पहुंचाना चाहती हूं।”

उनका यह सपना अब और भी बड़ा प्रतीत हो रहा है, क्योंकि यह मामला अब सियासी रंग भी ले चुका है।


🏛️ मुख्यमंत्री का बयान: विनेश हमारे लिए हीरो हैं

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इस पूरे विवाद को शांत करने की कोशिश की। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह निर्णय राजनीतिक नहीं है और सरकार किसी खिलाड़ी को सम्मान देने में पीछे नहीं हटेगी।

“नाम देना राजनीति का विषय नहीं है। सरकार विनेश के सम्मान में कोई कमी नहीं छोड़ेगी। विनेश फोगाट हमारे लिए हीरो हैं।”

लेकिन यह बयान भी कुछ लोगों के गले नहीं उतर रहा। विरोधी दलों ने आरोप लगाया है कि सरकार ने इस कदम से एक ओर खिलाड़ियों का इस्तेमाल किया है, तो दूसरी ओर इसे वोट बैंक राजनीति से भी जोड़ा जा रहा है।


🏅 ओलिंपिक विवाद भी जुड़ा

बात यहीं खत्म नहीं होती। विनेश फोगाट का नाम हाल ही में पेरिस ओलिंपिक 2024 के विवाद से भी जुड़ा रहा। बताया गया कि वह फाइनल मुकाबले तक पहुंच गई थीं लेकिन 100 ग्राम अधिक वजन होने के चलते उन्हें मुकाबले से बाहर कर दिया गया।

इस पर भी हरियाणा सरकार ने उन्हें सिल्वर मेडलिस्ट जैसा सम्मान देने की घोषणा की थी। लेकिन विनेश ने बजट सत्र के दौरान सरकार की पोल खोल दी:

“8 महीने हो गए, सरकार ने वादा किया था लेकिन एक कदम भी आगे नहीं बढ़ाया।”

उनके इस बयान से सरकार की प्रतिबद्धता पर सवाल उठ खड़े हुए हैं।


📊 राजनीतिक समीकरण और फोगाट बहनों की रार

एक और दिलचस्प मोड़ यह है कि जहां Vinesh Phogat  कांग्रेस विधायक हैं, वहीं बबीता फोगाट भाजपा की नेता। दोनों बहनों का अतीत भले ही खेलों में एक जैसा हो, लेकिन वर्तमान में वे दो अलग ध्रुवों पर खड़ी हैं। ऐसे में हर बयान को राजनीतिक चश्मे से देखा जा रहा है।

राजनीति और खेल का यह मेल अपने आप में चर्चा का विषय बन गया है। एक ओर जहां सरकार का कहना है कि उनका कदम केवल सम्मान देने के लिए है, वहीं विपक्ष इसे राजनीतिक स्टंट बता रहा है।


🧭 क्या यह खिलाड़ियों के सम्मान का सही तरीका है?

सवाल सिर्फ विनेश को मिले इनाम का नहीं, बल्कि उस नीति और नीयत का भी है जिससे खिलाड़ियों को सम्मानित किया जाता है। क्या यह रकम और प्लॉट केवल प्रचार हैं? या फिर खिलाड़ियों को लंबे समय तक समर्थन देने के लिए एक सशक्त शुरुआत?

साथ ही, जो खिलाड़ी राजनीति में भी उतर चुके हैं, उनके लिए इन फैसलों की पारदर्शिता और ईमानदारी को बनाए रखना जरूरी है। क्योंकि खिलाड़ियों की छवि पर किसी भी तरह का सियासी छींटा उनके संघर्षों को छोटा कर देता है।


📌 नज़रें आगे की राह पर

अब सभी की नजर इस बात पर टिकी है कि विनेश फोगाट की एकेडमी कब शुरू होगी, और सरकार अपने वादे पर कितनी जल्दी अमल करती है। साथ ही, क्या बबीता और विनेश के बीच की खटास आने वाले समय में हरियाणा की राजनीति को और गर्म करेगी?

एक बात तय है — यह मामला केवल 4 करोड़ का नहीं, यह सम्मान, राजनीति, खेल और व्यक्तिगत गरिमा का संगम बन चुका है।

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