Supreme Court की तल्ख टिप्पणी के बाद हुई तीस्ता सीतलवाड़ गिरफ्तार
तीस्ता सीतलवाड़ समेत सेवानिवृत्त डीजीपी आरबी श्रीकुमार, पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को को गिरफ्तार किया है। बता दें कि यह गिरफ्तारी 2002 में हुए गुजरात दंगे से जुड़े एक मामले में Supreme Court की तल्ख टिप्पणी के बाद हुई है।
दरअसल 2002 में हुए गुजरात दंगे को लेकर एक एसआईटी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 55 राजनेताओं को क्लीन चिट दी थी। जिसके खिलाफ पूर्व कांग्रेस नेता अहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस याचिका को सर्वोच्च अदालत ने खारिज कर एसआईटी की रिपोर्ट को सही बताया।
Supreme Court ने अपनी टिप्पणी में कहा कि कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग करने में शामिल सभी लोगों को कटघरे में खड़ा होना चाहिए और कानून के अनुसार कार्रवाई होनी चाहिए।” कोर्ट ने यह भी कहा था कि मामले में जकिया जाफरी की भावनाओं के साथ को-पेटिशनर सीतलवाड़ ने खिलवाड़ किया। कोर्ट ने तीस्ता की भूमिका की जांच की बात कही थी।
एटीएस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में पूर्व आईपीएस अधिकारियों आर बी श्रीकुमार और संजीव भट्ट पर आरोप है कि उन्होंने 2002 के गुजरात दंगों के मामलों में निर्दोष लोगों को झूठा फंसाने की कोशिश की। उनपर आपराधिक साजिश का आरोप है।
Supreme Court ने अपनी टिप्पणी में कहा कि गुजरात में 2002 हुए दंगों और उस पर एसआईटी की रिपोर्ट पर झूठे खुलासे करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार की यह दलील मजबूत है कि मामले को बढ़ा चढ़ाकर दिखाने और सनसनीखेज बनाने के लिए इसमें गलत गवाही दी गईं। बता दें कि तत्कालीन आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट, और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी आरबी श्रीकुमार ने इस मामले में गवाही दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि संजीव भट्ट और आर बी श्रीकुमार ने अपने आप को मामले में चश्मदीद गवाह के तौर पर पेश किया। न्यायालय ने कहा, गुजरात सरकार के असंतुष्ट अधिकारियों के साथ-साथ अन्य लोगों ने एक संयुक्त प्रयास में मामले में सनसनी पैदा करने की कोशिश की।