एसीएफ अभियान में खोजे जा रहे Tuberculosis मरीज: जेल, अनाथ आश्रम, नारी निकेतन, ओल्ड एज होम, कुष्ठ आश्रम और मदरसों में स्क्रीनिंग
Tuberculosis को जड़ से खत्म करने के उद्देश्य से शासन के निर्देश पर जनपद में सक्रिय क्षय रोगी खोज (एसीएफ) अभियान शुरू हो गया है। 20 फरवरी से शुरू हुए इस अभियान के तहत जिला जेल, अनाथ आश्रम, नारी निकेतन, ओल्ड एज होम, कुष्ठ आश्रम और मदरसों की स्क्रीनिंग की जा रही है। इसके बाद 24 फरवरी से स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर टीबी मरीजों को खोजने का काम करेंगी।
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. लोकेश चंद गुप्ता ने बताया – सक्रिय क्षय रोगी खोज (एसीएफ) अभियान के लिए विभाग ने प्लान तैयार किया है। पहले चार दिन टीम जिला जेल, मदरसों में स्क्रीनिंग करेंगी। इस दौरान स्क्रीनिंग के साथ-साथ क्षय रोग के बारे में संवेदीकरण किया जाएगा। खासकर धर्मगुरुओं से अपील की जाएगी कि वह समाज में क्षय रोग के प्रति जागरूकता में क्षय रोग विभाग की मदद करें।
आवासीय संस्थानों के बाद घर-घर क्षय Tuberculosis रोगी खोजने के लिए स्क्रीनिंग की जाएगी। 24 फरवरी से स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर टीबी मरीजों को खोजेंगी। इस दौरान संभावित मरीजों की सूची तैयार कर जांच करवाई जाएगी, उसके उपरांत पॉजिटिव मिलने वाले मरीजों का इलाज शुरू किया जाएगा।
क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के जिला समन्वयक सहबान उल हक ने बताया- क्षय रोग विभाग की टीम भ्रमण के दौरान टीबी के बारे में जागरूक भी कर रही है। लोगों को बताया जा रहा है कि टीबी से मिलते – जुलते लक्षण आने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर जांच अवश्य कराएं। टीबी पूरी तरह साध्य रोग है लेकिन इसे छिपाने से रोग गंभीर रूप धारण कर लेता है
साथ ही फेफड़ों की Tuberculosis होने पर इस बीच आसपास रहने वाले अन्य लोगों को भी टीबी का संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि फेफड़ों की टीबी संक्रामक होती है। टीबी उन्मूलन तभी संभव है जब लक्षण आते ही इसकी जांच और पुष्टि होने पर उपचार शुरू कर दिया जाए। जिला पीपीएम कोऑर्डिनेटर प्रवीन कुमार ने बताया – अभियान में दो दिनों में 10361 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। इस दौरान 201 मरीजों के सैंपल लिए गए।