Vasundhara Raje के काफिले में बड़ा हादसा: पुलिस वाहन पलटा, 4 जवान घायल, पूर्व सीएम ने खुद संभाला मोर्चा
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की कद्दावर नेता Vasundhara Raje के काफिले में बड़ा हादसा हो गया। उनकी सुरक्षा में शामिल पुलिस वाहन बाली और कोट बालियान के बीच एक बाइक सवार को बचाने की कोशिश में पलट गया, जिसमें चार पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस घटना ने न सिर्फ सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए, बल्कि राजे के मानवीय पक्ष को भी उजागर किया।
घटना की पृष्ठभूमि:
Vasundhara Raje मुंडारा गांव जा रही थीं, जहां वे पूर्व मंत्री ओटाराम देवासी की मां के निधन पर शोक व्यक्त करने वाली थीं। इसी दौरान उनका काफिला हादसे का शिकार हो गया। पुलिस वाहन में कुल सात जवान सवार थे। हादसे में घायल जवान रूपाराम, भागचंद, सूरज, नवीन और जितेंद्र को तुरंत एम्बुलेंस से बाली के राजकीय चिकित्सालय भेजा गया।
घटना के तुरंत बाद वसुंधरा राजे ने मोर्चा संभाला। जैसे ही उन्हें हादसे की खबर मिली, उन्होंने तुरंत अपनी गाड़ी रुकवाई और घायल जवानों की मदद के लिए आगे बढ़ीं। उन्होंने न केवल मौके पर घायलों को संभाला, बल्कि एम्बुलेंस का इंतजार किए बिना खुद उनकी देखरेख में उन्हें अस्पताल भिजवाया।
वसुंधरा राजे का मानवीय चेहरा:
पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर घटना की जानकारी साझा की। उन्होंने लिखा:
“मुंडारा से जोधपुर लौटते समय पीछे चल रही पुलिस की जीप के पलट जाने से पुलिसकर्मी रूपाराम जी, भागचंद जी, सूरज जी, नवीन जी व जितेंद्र जी घायल हो गए। घायल पुलिसकर्मियों को तुरंत एम्बुलेंस से राजकीय चिकित्सालय बाली पहुंचाया गया, जहां प्राथमिक उपचार कर उन्हें छुट्टी दे दी गई है। मैं उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करती हूं।”
इस पोस्ट के साथ वसुंधरा ने घायलों के साथ अपनी तस्वीरें भी साझा कीं। इन तस्वीरों में वे पुलिसकर्मियों के पास खड़ी हुई नजर आईं, जो उनके संवेदनशील और मानवीय दृष्टिकोण को दर्शाता है।
घटना का कारण और सुरक्षा चिंताएं:
हादसे का मुख्य कारण काफिले में चल रहे वाहन का अचानक अनियंत्रित हो जाना बताया जा रहा है। बाइक सवार को बचाने की कोशिश में वाहन पलट गया। सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसी घटनाएं काफिले की सुरक्षा में खामियों को उजागर करती हैं।
सवाल उठते हैं:
- क्या काफिले की स्पीड अधिक थी?
- क्या सुरक्षा दल को बेहतर प्रशिक्षण की आवश्यकता है?
- क्या दुर्घटनास्थल पर सड़क की स्थिति खराब थी?
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वाहन में सवार सात पुलिसकर्मियों में से कुछ को मामूली चोटें आई हैं, जबकि चार को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।
राजनीतिक प्रतिक्रिया:
हादसे के बाद बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने वसुंधरा राजे के इस कदम की सराहना की। कई नेताओं ने सोशल मीडिया पर उनके प्रयासों की तारीफ करते हुए इसे “सच्चे नेता की पहचान” बताया।
इसके विपरीत, विपक्ष ने इस घटना पर सवाल उठाए। कांग्रेस नेताओं ने सुरक्षा व्यवस्था पर चिंता जताते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं वीवीआईपी काफिलों में अक्सर होती हैं और उन्हें रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
काफिले के दौरान हादसों की बढ़ती घटनाएं:
यह घटना कोई नई नहीं है। देशभर में वीवीआईपी काफिलों के दौरान सड़क दुर्घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। इससे न केवल सुरक्षा बलों की जान जोखिम में पड़ती है, बल्कि सड़क पर चलने वाले आम नागरिकों को भी खतरा होता है।
अन्य घटनाओं का जिक्र:
- 2019: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के काफिले की गाड़ी पलटने से तीन पुलिसकर्मी घायल हुए थे।
- 2021: महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के काफिले में शामिल एक वाहन सड़क पर गड्ढों के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
सुरक्षा उपायों की आवश्यकता:
विशेषज्ञों का मानना है कि वीवीआईपी काफिलों की सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीकों और बेहतर प्रशिक्षण की जरूरत है। इसके साथ ही, सड़क पर चलने वाले अन्य वाहनों को भी सुरक्षित दूरी बनाए रखने के लिए जागरूक किया जाना चाहिए।
- सड़क की स्थिति: काफिलों के लिए चुनी गई सड़कों की जांच की जानी चाहिए।
- गति नियंत्रण: काफिले के वाहनों की गति सीमित होनी चाहिए।
- प्रशिक्षण: सुरक्षा कर्मियों को वाहन चलाने और जोखिम प्रबंधन में विशेषज्ञता दी जानी चाहिए।
इस घटना ने न केवल वसुंधरा राजे की संवेदनशीलता को उजागर किया, बल्कि यह भी साबित किया कि वीवीआईपी काफिलों की सुरक्षा में सुधार की सख्त जरूरत है। वसुंधरा राजे के त्वरित और मानवीय कदम ने जनता के बीच उनके प्रति सम्मान बढ़ाया है।

