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Rajasthan: विश्वप्रसिद्ध पथमेड़ा गौशाला में Lumpy skin संक्रामक बीमारी से 500 से अधिक गायों की मौत

Rajasthan में तेजी से फैल रही Lumpy skin संक्रामक बीमारी गौवंश के लिए जानलेवा हो गई है. विशेषकर गौशालाओं में इस रोग का अटैक सबसे अधिक देखने को मिल रहा है. एक जगह बड़ी संख्या में मौजूद गौवंश तेजी से इससे संक्रमित हो रहे हैं.

विश्व की सबसे बड़ी गौशाला माने जाने वाली जालोर जिले की Pathmeda Gaushala की करीब 1 लाख 50000 से अधिक गायों पर बड़ा संकट मंडरा रहा है. पथमेड़ा गोधाम से जुड़े हुए सभी गौशालाओं में लगभग पिछले 7 दिनों में 500 से अधिक गायों की मौत हो गई है. वहीं 1500 से अधिक गायें संक्रमित हैं. संक्रमण के डर गौशालाओं से कई कर्मचारी भागने लग गये हैं.

संक्रमण का यह आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है. चिकित्सा विभाग की टीमों के पास कोई उपचार नहीं होने की वजह से देसी तरीके से गायों को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं. इस रोग में गायों में बुखार आना, आंखों और नाक से स्राव, मुंह से लार निकलना, पूरे शरीर में गांठों जैसे नरम छाले पड़ना और दूध उत्पादन में कमी आना जैसे लक्षण दिखते हैं. इसके अलावा इस रोग में शरीर पर गांठें बन जाती हैं. गर्दन और सिर के पास इस तरह के नोड्यूल ज्यादा दिखाई देते हैं. गोशाला संचालकों की ओर से सोशल मीडिया के माध्यम से सहयोग की अपील की जा रही है.

राजस्थान में लंपी स्किन के मामले करीब दस दिन पहले सामने आए थे. इसके बाद यह रोग राजस्थान के कई जिलों के गौवंश में फैल गया है. इसका सबसे अधिक असर जालोर जिले में है. यहां सांचौर के पथमेड़ा गोदाम आनंद वन की 6 गौशालाओं में खतरनाक लंपी वायरस फैल गया है. यहां बीते 10 दिनों में लंपी स्किन बीमारी से करीब 500 गायों की मौत हो चुकी है. जबकि 1500 से अधिक गायों में संक्रमण फैला हुआ है. पड़ोसी राज्य गुजरात में बीते कुछ दिन में 1000 से ज्यादा गौवंश की मौत चुकी बताई जा रही है.

ठाकुर गौसेवा आश्रम पालड़ी में वर्तमान में 5 हजार से ज्यादा गौवंश है. इसमें से 700 गाये लंपी स्किन बीमारी की चपेट में आ गई है. इसके बाद गायों की मौतें होनी शुरू हो गई. सोशल मीडिया के माध्यम से सहयोग की अपील की जा रही है. गायों के मौत की खबर के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है.

पथमेड़ा गौशाला के विट्ठल कृष्ण महाराज ने बताया कि शुरू में तो प्रतिदिन चार से पांच गायों की मौत हो रही थी. लेकिन पिछले चार दिनों से रोजाना 25 से 30 गायों की मौत हो रही है. उन्होंने राज्य सरकार से इस बीमारी के लिए सहायता राशि के साथ ही दवाइयां उपलब्ध कराने की भी मांग की है.

आसपास के क्षेत्र से प्रतिदिन इस गौशाला में लंपी स्किन बीमारी से ग्रसित 20 से अधिक गौवंशों को लाया जा रहा है. इस गौशाला में 100 से अधिक गांव के युवा गायों को सेवा में लगे हुए हैं. इस बीमारी से ग्रसित गायों को अलग रखकर उनका इलाज किया जा रहा है. गौशाला में स्थानीय लोग मजबूरी में धूप और नीम के पत्तों के रस से गायों का देशी उपचार कर रहे हैं.

Courtesy: श्याम सुंदर विश्नोई. This article is extracted with thanks & zero benefits from: Source link 

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