अबू धाबी के वली अहद Sheikh Khaled bin Mohamed bin Zayed Al Nahyan की भारत यात्रा: द्विपक्षीय संबंधों में नया अध्याय
अबू धाबी के वली अहद (युवराज) Sheikh Khaled bin Mohamed bin Zayed Al Nahyan का भारत दौरा रविवार को दिल्ली पहुंचते ही चर्चा में आ गया। उनके स्वागत के लिए केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने हवाई अड्डे पर उनकी अगवानी की, और इसके बाद औपचारिक स्वागत समारोह आयोजित किया गया। यह यात्रा भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच द्विपक्षीय संबंधों में महत्व को दर्शाती है।
Sheikh Khaled bin Mohamed bin Zayed Al Nahyan की भारत यात्रा
Sheikh Khaled bin Mohamed bin Zayed Al Nahyan की इस दो दिवसीय यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत और यूएई के बीच सहयोग और संबंधों को और मजबूत करना है। इस यात्रा के दौरान, वली अहद और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी। यह वार्ता भारत और यूएई के बीच रणनीतिक साझेदारी को नई ऊँचाइयों तक पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण होगी।
भारत और यूएई के बीच बढ़ती दोस्ती
अगस्त 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संयुक्त अरब अमीरात की ऐतिहासिक यात्रा के बाद, दोनों देशों के बीच संबंधों में महत्वपूर्ण बदलाव आया। इस यात्रा के दौरान भारत और यूएई के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी की नींव रखी गई, जिसने दोनों देशों के आर्थिक और राजनीतिक संबंधों को नई दिशा दी। आज यूएई में करीब 35 लाख भारतीय निवास करते हैं, जो दोनों देशों के बीच गहरे संबंधों का संकेत हैं।
भारत के जी20 शिखर सम्मेलन में यूएई को विशेष आमंत्रित देश के रूप में निमंत्रित किया गया था, जो इस बात का प्रमाण है कि दोनों देशों के बीच आपसी सम्मान और सहयोग की भावना कितनी मजबूत है।
व्यापार और निवेश
शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की भारत यात्रा के दौरान व्यापार और निवेश पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा। दोनों देशों के व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल मुंबई में एक व्यापार मंच पर बैठक करेंगे, जिसमें भारत और यूएई के शीर्ष व्यापार नेता हिस्सा लेंगे। यह बैठक द्विपक्षीय व्यापार को प्रोत्साहित करने और नए व्यापारिक अवसरों की पहचान करने के लिए महत्वपूर्ण होगी।
भारत और यूएई के बीच 2022 में एक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिससे दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा मिला है। इसके साथ ही, जुलाई 2023 में स्थानीय मुद्रा निपटान (एलसीएस) प्रणाली पर भी हस्ताक्षर किए गए, जो द्विपक्षीय व्यापार के लिए भारतीय रुपये और दिरहम के उपयोग को प्रोत्साहित करेगा। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 में लगभग 85 अरब अमेरिकी डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार के साथ, दोनों देश एक-दूसरे के प्रमुख व्यापारिक साझेदार हैं। इसके अलावा, 2022-23 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामले में भी यूएई भारत में शीर्ष चार निवेशकों में शामिल है।
पश्चिम एशिया में तनाव और ऊर्जा सहयोग
वली अहद अल नाहयान की यात्रा के दौरान, पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच ऊर्जा और संपर्क जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर चर्चा की जाएगी। भारत और यूएई के बीच ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं पर भी विचार किया जाएगा, जिससे दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंध और मजबूत होंगे।
शेख खालिद की जीवनशैली और राजनीति
शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की जीवनशैली और राजनीति में भी खास महत्व है। वे अबू धाबी की शाही परिवार के एक प्रमुख सदस्य हैं और उनके नेतृत्व में अबू धाबी ने आधुनिक विकास और आर्थिक समृद्धि की ओर कई कदम उठाए हैं। उनकी राजनीति और जीवनशैली का प्रभाव न केवल यूएई बल्कि पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र पर पड़ा है।
अबू धाबी की आर्थिक शक्ति
अबू धाबी की आर्थिक शक्ति और धन संपत्ति विश्वस्तरीय है। यहाँ की समृद्धि और विकसित इंफ्रास्ट्रक्चर ने इसे वैश्विक व्यापार और वित्तीय केंद्र बना दिया है। शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की भारत यात्रा के माध्यम से, अबू धाबी और यूएई की आर्थिक शक्ति का प्रभाव और भी बढ़ेगा।
शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की भारत यात्रा से यह स्पष्ट होता है कि दोनों देशों के बीच संबंधों में एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है। यह यात्रा न केवल व्यापार और निवेश के अवसरों को बढ़ावा देगी, बल्कि भारत और यूएई के बीच रणनीतिक साझेदारी को भी नई ऊँचाइयों तक पहुंचाएगी।
इस यात्रा से भारत और यूएई के बीच दोस्ती और सहयोग की नई संभावनाओं की संभावना भी जगी है, जो आने वाले समय में दोनों देशों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।