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Waqf Bill 2025 पर बवाल: संसद में आग उगलती बहस, मुस्लिम संपत्तियों पर कौन करेगा कब्जा? जानें पूरा विवाद

Waqf Bill 2025 बुधवार की देर रात लोकसभा ने वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को बहुमत से मंजूरी दे दी। 12 घंटे से अधिक चली गरमागरम बहस के बाद यह विधेयक 288 वोटों के समर्थन और 232 विरोधी वोटों के साथ पारित हो गया। अब गुरुवार को इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा, जहां सरकार और विपक्ष के बीच एक बार फिर जबरदस्त टकराव की उम्मीद है।

क्या है वक्फ बिल का मुख्य मुद्दा?

इस विधेयक के तहत वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में बड़े बदलाव प्रस्तावित हैं। सरकार का दावा है कि यह संशोधन वक्फ संपत्तियों के गैर-कानूनी कब्जे और दुरुपयोग को रोकने के लिए लाया गया है। हालांकि, विपक्ष इसे मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर हमला बता रहा है।

एक वरिष्ठ मंत्री ने बहस के दौरान चौंकाने वाला दावा किया – “अगर यह संशोधन नहीं लाया जाता, तो संसद भवन समेत दिल्ली की कई प्रमुख इमारतें वक्फ बोर्ड के अधीन चली जातीं!” उन्होंने 2013 में पिछली सरकार द्वारा किए गए बदलावों को भी निशाने पर लिया, जिसमें किसी भी धर्म के व्यक्ति को वक्फ संपत्ति बनाने की छूट दी गई थी।

विपक्ष का तीखा विरोध – “मुस्लिमों को निशाना बनाया जा रहा!”

विपक्षी दलों ने इस विधेयक को असंवैधानिक और मुस्लिम-विरोधी बताते हुए जमकर हंगामा किया। एक प्रमुख विपक्षी नेता ने आरोप लगाया – “यह सरकार मदरसों और मुस्लिम धार्मिक संपत्तियों को निशाना बना रही है। अब गैर-मुस्लिम अधिकारी वक्फ बोर्ड की जमीनों पर फैसले लेंगे, जो पूरी तरह अन्यायपूर्ण है!”

विपक्ष का आरोप है कि इस बिल के पास होने के बाद वक्फ संपत्तियों पर सरकार का नियंत्रण बढ़ जाएगा, जिससे मुस्लिम समुदाय के हितों को नुकसान पहुंचेगा।

NDA के सहयोगी दलों ने किया समर्थन

सत्ता पक्ष को इस बिल पर NDA के सहयोगी दलों का पूरा समर्थन मिला। जनता दल (यूनाइटेड), तेलुगु देशम पार्टी (TDP), लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) और अन्य दलों ने इसके पक्ष में मतदान किया। सरकार ने जोर देकर कहा कि यह बिल संपत्तियों के पारदर्शी प्रबंधन के लिए जरूरी है और इसका किसी धर्म विशेष से कोई लेना-देना नहीं है।

राज्यसभा में क्या होगा?

अब इस विधेयक को राज्यसभा में पेश किया जाएगा, जहां सरकार के पास बहुमत नहीं है। विपक्ष ने पहले ही इसे रोकने की रणनीति बना ली है। राज्यसभा में एक बार फिर जोरदार बहस और वॉकआउट देखने को मिल सकता है। अगर विधेयक राज्यसभा में पास नहीं होता, तो संवैधानिक प्रक्रिया के तहत लोकसभा द्वारा इसे दोबारा पारित कराने का रास्ता खुला रहेगा।

क्या है वक्फ संपत्ति और क्यों है विवाद?

वक्फ संपत्तियां मुस्लिम धार्मिक एवं पैतृक संपत्तियां होती हैं, जिनका उपयोग सामाजिक और धार्मिक कार्यों के लिए किया जाता है। भारत में लाखों एकड़ जमीन वक्फ बोर्ड के अधीन है। सरकार का कहना है कि इन संपत्तियों का सही इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए यह बिल जरूरी है, जबकि विपक्ष इसे मुस्लिम अधिकारों में दखलंदाजी मान रहा है।

आगे क्या?

राज्यसभा में इस विधेयक का भविष्य अभी अनिश्चित है। अगर यह पारित हो जाता है, तो मुस्लिम संगठनों द्वारा कोर्ट का रुख करने की भी संभावना है। इस मुद्दे पर देशभर में राजनीतिक बहस गर्म होने वाली है, खासकर आगामी चुनावों को देखते हुए।

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(यह खबर नवीनतम अपडेट के साथ जारी रहेगी।)

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