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Muzaffarnagar में किसानों का बड़ा धरना: गन्ने का भाव बढ़ाने से लेकर एमएसपी कानून तक, सरकार के खिलाफ भड़का आक्रोश

Muzaffarnagar जिला कचहरी परिसर में किसानों का जबरदस्त हुजूम उमड़ा, जिसने सरकार की नीतियों के खिलाफ आग उगलते हुए गन्ने का भाव बढ़ाने, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी वाला कानून लागू करने, सिंचाई के लिए बिजली के घंटे बढ़ाने और अवैध भूमि अधिग्रहण पर रोक लगाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया। जय किसान आंदोलन के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन में सैकड़ों किसानों ने हिस्सा लिया और जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया।

क्या हैं किसानों की मुख्य मांगें?

  1. गन्ने का उचित मूल्य: किसानों का आरोप है कि सरकार गन्ने का भाव मुद्रास्फीति के अनुसार नहीं बढ़ा रही, जिससे उनकी मेहनत का फल नहीं मिल पा रहा।
  2. MSP गारंटी कानून: स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार C2+50 फॉर्मूले पर MSP की कानूनी गारंटी मांगी गई।
  3. बिजली आपूर्ति: सिंचाई के लिए बिजली के घंटे घटाकर 7 कर दिए गए हैं, जिससे खेती प्रभावित हो रही है।
  4. अवैध भूमि अधिग्रहण: शेरनगर, बिलासपुर और धनेडा गांव की 3500 बीघा जमीन के अवैध अधिग्रहण के खिलाफ मोर्चा खोला गया।
  5. आवारा पशुओं का उत्पीड़न: खेतों को नुकसान पहुंचाने वाले आवारा पशुओं पर नियंत्रण की मांग।

“सरकार कॉरपोरेट के इशारे पर चल रही है”

जय किसान आंदोलन के नेताओं ने सरकार पर कड़े हमले बोलते हुए कहा कि मोदी सरकार कॉरपोरेट लॉबी के दबाव में काम कर रही है, जो किसानों को उनके अधिकारों से वंचित करके कृषि क्षेत्र पर कब्जा जमाना चाहती है। संस्थापक सदस्य पुष्पेंद्र कुमार ने कहा, “सरकार ने 11 साल से MSP गारंटी कानून बनाने से किसानों को टाल रखा है। अब हम चुप नहीं बैठेंगे!”

“तीन काले कानून वापस लाने की साजिश”

मंडल महासचिव अंकुर भाटी ने आगाह किया कि कृषि विपणन पर प्रस्तावित नई नीति, वास्तव में पहले वापस लिए गए तीन किसान विरोधी कानूनों को ही दोबारा लागू करने की चाल है। “किसानों ने एक बार इन कानूनों को रद्द करवाया था, दोबारा ऐसा नहीं होने देंगे!”

धरने में शामिल हुए प्रमुख नेता

इस प्रदर्शन में जय किसान आंदोलन के जिलाध्यक्ष पवन चौहान, मंडल प्रभारी ओपी चौहान, मंडल अध्यक्ष वेदपाल गुर्जर, प्रवीण सिरोही सहित सैकड़ों किसान मौजूद रहे। अशोक प्रधान, अनिल प्रधान, शुभम राणा, मोहम्मद एहसान, सरदार अमित सेठी जैसे कई नेताओं ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द ही मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन और बड़े स्तर पर फैलाया जाएगा।

क्या आगे की रणनीति?

जय किसान आंदोलन ने साफ कर दिया है कि वह MSP कानून और गन्ने के उचित दाम की लड़ाई से पीछे नहीं हटेगा। अगले चरण में जिला स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक बड़े प्रदर्शनों की योजना बनाई जा रही है। किसानों ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने ध्यान नहीं दिया, तो दिल्ली कूच का ऐलान किया जा सकता है।

मुजफ्फरनगर का यह धरना साफ संदेश देता है कि किसान अब सरकार के झांसे में नहीं आने वाले। उनकी मांगें स्पष्ट हैं और वे इन्हें मनवाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। सरकार को चाहिए कि वह तुरंत किसानों की समस्याओं का समाधान करे, नहीं तो आंदोलन और भी भयावह रूप ले सकता है।


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