चीनी मिलों पर किसानों का 76.47 करोड़ बकाया
मुजफ्फरनगर। जिले की दो चीनी मिलों पर किसानों का बीते सत्र का 76.47 करोड़ बकाया है। बीते वर्ष का 97 प्रतिशत भुगतान हो चुका है, केवल तीन प्रतिशत बकाया है।
चीनी मिल के पेराई सत्र 2018-19 में जिले की चीनी मिलों ने किसानों से 29 अरब 38 करोड़ 94 लाख 47 हजार का गन्ना खरीदा था। आठ में से छह चीनी मिलें खतौली, मंसूरपुर, मोरना, टिकौला, तितावी, रोहाना किसानों का समस्त भुगतान कर चुकी है।
दो चीनी मिलों भैसाना और खाईखेड़ी पर ही बकाया है। चीनी मिल भैसाना पर गत वर्ष का चार अरब 57 करोड़ 27 लाख 95 हजार बकाया था। चीनी मिल, इसमें से तीन अरब 87 करोड़ 18 लाख 79 हजार का भुगतान कर चुकी है। चीनी मिल पर इस वक्त 70 करोड़ नौ लाख 16 हजार बकाया है। खाईखेडी चीनी मिल पर छह करोड़ 38 लाख बकाया है। किसानों का कुल 76 करोड़ 47 लाख 38 हजार बकाया है।
डीसीओ डॉ आरडी द्विवेदी का कहना है कि खाईखेड़ी दो-तीन दिन में समस्त भुगतान कर देगी और भैसाना का इसी माह के अंत तक होने की संभावना है। भैसाना प्रतिदिन चीनी की बिक्री के हिसाब से भुगतान कर रही है। उन्होंने बताया कि गन्ना मूल्य घोषित होते ही नए सत्र का भुगतान प्रारंभ हो चुका है। दो दिन में नए सत्र का भुगतान 200 करोड़ से ऊपर हो सकता है।
चीनी मिलों को रिकवरी से भारी लाभ-गन्ने से इस बार चीनी की रिकवरी जिले में अन्य सालों से अधिक चल रही है। बीते वर्ष नौ दिसंबर तक चीनी मिलों की रिकवरी का कुल औसत 10.43 प्रतिशत था, जो इस बार 10.79 प्रतिशत पहुंच गया है।
नौ दिसंबर को एक दिन का औसत बीते वर्ष 10.96 प्रतिशत चल रहा था, इस बार यह 11.33 पर चल रहा है। इस बार दिसंबर माह में ही कुल औसत 11 प्रतिशत से ऊपर पहुंचने की संभावना है। प्रतिदिन का औसत 12 प्रतिशत तक जा सकता है। बीते वर्ष पूरे सत्र का औसत 11.71 प्रतिशत रहा था। इस बार यह 12 प्रतिशत से काफी ऊपर होने की संभावना है। डीसीओ डॉ आरडी द्विवेदी का कहना है कि इस बार रिकवरी पुराने सभी रिकार्ड तोड़ सकती है।