उत्तर प्रदेश

ACS गृह Avneesh Awasthi और डीजीपी ने की कानून-व्यवस्था की समीक्षा, अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश

CM Yogi Adityanath के निर्देश पर  योजना भवन (Yojna Bhawan) से एक वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग का आयोजन किया गया। जिसके माध्यम से जिलेवार किये गये प्रयासों की गहन समीक्षा की गयी। वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग की अध्यक्षता करते हुये अपर मुख्य सचिव, गृह Avneesh Awasthi ने कहा कि प्रदेश में विभिन्न प्रकार के माफियाओं को चिन्हित कर उनके विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट (Gangster Act) में प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। जिससे जमीनी स्तर पर अपराधियों में सरकार की सख्त कार्रवाई का संदेश जाये।

अपर मुख्य सचिव, गृह ने अभियोजन विभाग की पूरी मशीनरी से अपेक्षा की है कि वह और अधिक गतिशीलता से कार्य करें। प्रदेश में कानून व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करने की दिशा में अपना सम्पूर्ण समर्पण एवं सहयोग प्रदान करें। उन्होंने माफियाओं, जघन्य अपराधियों, महिला व बाल अपराधों में शामिल अपराधियों को प्रभावी पैरवी कर अधिकतम सजा जैसे मृत्यु दण्ड, आजीवन कारावास, 10 वर्ष या उससे ज्यादा या उससे कम अवधि की सजा दिलाये जाने में अब तक हुई प्रगति की जिलेवार गहन समीक्षा की।

Avneesh Awasthi ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक थाने में टॉप-10 अपराधियों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध नियमानुसार प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। अगर इन अपराधियों द्वारा किसी भी जिले में अपराध किया जाता है तो सम्बन्धित थाना और जिलों से सम्बन्धित पुलिस अधिकारी का उत्तरदायित्व निर्धारित किया जायेगा।

वहीं, प्रमुख सचिव, न्याय ने कहा कि गैंगस्टर एक्ट में जिले में लम्बित प्रकरणों की प्रभावी समीक्षा मॉनिटरिंग सेल की बैठक में की जाय। गवाहों का पूर्ण विवरण उनके फोन नम्बर सहित चार्जशीट में भी अंकित किया जाय। जिससे अभियोजन पक्ष को मदद मिल सके। उन्होंने गवाहों की सुरक्षा के लिये भी समुचित प्रयास किये जाने पर भी विशेष बल दिया।

पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल (DGP Mukul Goel) ने कहा कि अपराधियों को प्रभावी पैरवी कर अधिकतम दण्ड दिलाये जाने में अभियोजन कार्य से जुड़े अधिकारियों का विशेष महत्व है। जिसके लिये उन्हें अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन पूरी लगन व निष्ठा से करना होगा। उन्होंने लम्बित चार्जशीट व फाइनल रिपोर्ट के प्रकरणों को न्यायालय में शीघ्र दाखिल किये जाने पर विशेष बल दिया।

अपर पुलिस महानिदेशक, अभियोजन आशुतोष पाण्डेय ने आईसीजेएस प्रणाली के प्रभावी उपयोग पर बल देते हुये कहा कि इससे पुलिस, अभियोजन, कारागार विभाग को कोर्ट से संबंधित जानकारी तत्काल मिलने में सहायता मिलती हैं। उन्होंने कहा कि वाद विचारण, चार्ज फ्रेफिंग से लेकर अंतिम बहस तक का कार्य समयबद्ध रूप से योजना बनाकर किया जाय जिससे बेहतर परिणाम प्राप्त हो सके।

वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से शासन की प्राथमिकताओं के अनुरूप आगामी योजना के अन्तर्गत अगले 100 दिनों के कार्यक्रम के परिप्रेक्ष्य में अपराधियों एवं माफियाओं को कठोर दण्ड से दण्डित कराये जाने तथा महिलाओं और बालिकाओं के विरूद्ध अपराध, आयुध अधिनियम एवं जहरीली शराब से संबंधित आबकारी अधिनियम से संबंधित अपराधों में इस अभियान के अन्तर्गत संबंधित अपराधों में पिछले सात दिनों में की गयी कार्यवाहियों का जनपदवार विस्तृत मूल्यांकन किया गया।

प्रदेश के चिन्हित शीर्ष 25 माफियाओं एवं उनके गिरोहों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की समीक्षा में बताया गया कि विगत एक सप्ताह में जनपद फतेहपुर में 2 तथा बदायूँ, जालौन, बांदा, हमीरपुर एवं मऊ में एक-एक अपराधियों को सजा दिलाई गई। शेष जनपदों द्वारा इस दिशा में सार्थक प्रयास किये जा रहे हैं।

पॉक्सो न्यायालयों में पिछले एक सप्ताह में प्रदेश में 48 मामलों में सजा करायी गयी। इन कार्यवाहियों में झांसी एवं बरेली में सर्वाधिक 5 और 4 बाराबंकी, वाराणसी, कानपुर नगर, जालौन एवं सीतापुर में 3-3, चंदौली, गौतमबुद्धनगर एवं रायबरेली में 2-2 तथा आगरा, बदायूं, बस्ती, गोण्डा, बहराइच, बलरामपुर, इटावा, औरैया, अयोध्या, अमेठी, मेरठ, बागपत, बुलन्दशहर, हापुड़, सहारनपुर, फतेहपुर, बाँदा एवं भदोही में 1-1 सजा करायी गयी।

बीते सप्ताह में महिलाओं के विरूद्ध लैंगिक, बलात्कार एवं अन्य गंभीर अपराधों में कुल 25 अभियुक्तों को सजा दिलाई गयी। इसमें 6 अभियुक्तों को आजीवन कारावास, 4 अभियुक्तों को 10 वर्ष या उससे अधिक की सजा एवं 15 अभियुक्तों को 10 वर्ष से कम की सजा करायी गयी। इस अभियान में सबसे अधिक 3-3 अभियुक्तों को आजीवन कारावास कराने वाले जनपद शाहजहाँपुर एवं बदायूँ हैं। दस वर्ष या उससे अधिक सजा कराने में जनपद अलीगढ़ में 2 तथा कानपुर नगर एवं गाजीपुर में 1-1 अभियुक्तों को सजा करायी गयी। दस वर्ष से कम सजा कराने वालों में जनपद गोण्डा में सर्वाधिक 6 अभियुक्त, जालौन में 3, मुजफ्फरनगर में 2 तथा आगरा, अमरोहा, सम्भल एवं कानपुर नगर में एक अभियुक्त को सजा दिलायी गयी।

पिछले सप्ताह विशेष और स्थानीय विधि (एसएलएल) के अपराधों जैसे आयुध अधिनियम और जहरीली शराब के आबकारी अधिनियम के अपराधों में प्रगति की समीक्षा की गयी।

आयुध अधिनियम के कुल 48 मामलों में सजा करायी गयी। जिसमें सर्वाधिक 9-9 अभियुक्तों को जनपद रामपुर एवं बिजनौर में, हापुड़ में 7, मुरादाबाद में 5, गाजियाबाद में 4, फिरोजाबाद, इटावा, खीरी, सुलतानपुर में 2-2 एवं सम्भल, कानपुर नगर, मेरठ, उन्नाव, गौतमबुद्धनगर एवं महोबा में 1-1 अभियुक्तों को सजा करायी गयी। साथ ही जहरीली शराब से सम्बन्धित आबकारी अधिनियम में सजा करायी गयी।

News Desk

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