डिप्टी एसपी Kripa Shankar Kanaujiya पर जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई, डिमोट कर बना दिया गया सिपाही
महिला सिपाही के साथ कानपुर की एक होटल में रात गुजारते हुए पकड़े गए उन्नाव के बीघापुर के तत्कालीन सीओ (डिप्टी एसपी ) Kripa Shankar Kanaujiya पर जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई हो गई है और उनको डिमोट कर सिपाही बना दिया गया है. यह मामला जुलाई 2021 का है जब एक दिन कृपा शंकर ने एसपी से छुट्टी मांगी थी और वे ‘गायब’ हो गए थे. इस चर्चित मामले में लंबी जांच- पड़ताल के बाद उनका डिमोशन कर दिया गया है.
Kripa Shankar Kanaujiya ने 6 जुलाई 2021 को एसपी उन्नाव से पारिवारिक वजहों से छुट्टी मांगी थी और वे घर जाने का कहकर कहीं और चले गए थे. इधर, जब वे घर नहीं पहुंचे और उनके सारे फोन बंद आ रहे थे तो उनकी पत्नी को अनहोनी की आशंका हुई और उन्होंने एसपी से ही छानबीन करने का आग्रह कर दिया. अब पूरे जिले की पुलिस, सर्विलांस ने कृपा शंकर कनौजिया को तलाशना शुरू कर दिया था. लोकेशन के आधार पर पता चला कि वे कानपुर में हैं.
इस पर पुलिस की एक टीम कानपुर के फीलखाना थाना क्षेत्र के होटल मंदाकिनी में पहुंचकर पूछताछ की थी. यहां सीओ Kripa Shankar Kanaujiya और महिला सिपाही दोनों एक ही रूम में मिले थे. पुलिस ने सीओ Kripa Shankar Kanaujiya से पूछताछ की तो पता चला कि वे छुट्टी लेकर आए हैं और उनके साथ मिली महिला बालिग है और दोनों ने अपने-अपने पहचान पत्र होटल को दिए थे. ऐसे में पुलिस टीम जानकारी लेकर लौट आई थी. इस घटना के बाद कुछ सीसीटीवी फुटेज और वीडियो भी वायरल हुए थे और इस घटना से विभाग की खूब किरकिरी हुई थी.
सोशल मीडिया में सीओ Kripa Shankar Kanaujiya ने नए- पुराने मामले में भी वायरल हो रहे थे. ऐसे में कनौजिया और महिला सिपाही को सस्पेंड कर दिया था. अब करीब 3 साल बाद पुलिस विभाग ने मामले की जांच पूरी करने के बादद तत्कालीन सीओ कृपा शंकर कनौजिया को डिमोट कर सिपाही बना दिया है. इस संबंध में सरकारी आदेश जारी हो गए हैं.
उन्नाव के बीघापुर के तत्कालीन सीओ (डिप्टी एसपी) कृपा शंकर कनौजिया के साथ कानपुर की एक होटल में महिला सिपाही के साथ रात गुजारते हुए पकड़े जाने के बाद उनकी जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गई है और उन्हें डिमोट कर सिपाही बना दिया गया है। यह मामला जुलाई 2021 का है जब कृपा शंकर ने छुट्टी मांगी थी और वे अवाक् छुट्टी के बाद घर नहीं पहुंचे थे। इस मामले में उनकी जांच-पड़ताल के बाद डिमोशन कर दिया गया है।
मामले का संक्षेप
कनौजिया ने 6 जुलाई 2021 को एसपी उन्नाव से पारिवारिक वजहों से छुट्टी मांगी थी और वे घर जाने का कहकर कहीं और चले गए थे। उनकी पत्नी को उनके अवाक् छुट्टी की आशंका हुई और उन्होंने छानबीन करने का आग्रह किया। उसके बाद पूरे जिले की पुलिस ने उन्हें खोजने की कोशिश शुरू की। लोकेशन के आधार पर पता चला कि वे कानपुर में हैं।
जांच के बाद डिमोटन
कनौजिया को कानपुर के होटल मंदाकिनी में महिला सिपाही के साथ पकड़ा गया था। उन्हें छुट्टी लेकर आते हुए मिली महिला बालिग थी और दोनों ने होटल को अपने पहचान पत्र दिए थे। पुलिस टीम ने जांच की और जानकारी लेकर लौट आई थी। यहां पुलिस ने कार्रवाई करने का निर्णय लिया और उन्हें सस्पेंड कर दिया गया।
सोशल मीडिया में विवाद
इस मामले के बाद सोशल मीडिया पर कनौजिया का वीडियो वायरल हो रहा है और उसका नाम चर्चा में है। यह मामला न केवल एक नैतिक मामला है बल्कि समाज के लिए भी एक संदेहपूर्ण संकेत है।
सिपाही और अधिकारियों की जिम्मेदारी
पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की जिम्मेदारी है कि वे अपने कर्तव्यों को सच्चाई और न्याय की दिशा में पूरा करें। इस मामले में सीओ की जांच और उनके डिमोटन की कार्रवाई एक सकारात्मक कदम है, लेकिन साथ ही यह भी एक संदेहपूर्ण मुद्दा है जो समाज के सामने उठा है।
समाज की दृष्टि में
इस मामले से समाज को यह संदेश मिलता है कि वे अपने जिम्मेदारी को सच्चाई और न्याय की दिशा में पूरा करें। अधिकारी और सेवकों को अपनी नैतिकता पर ध्यान देने की जरूरत है ताकि वे समाज के विश्वास और समर्थन को हमेशा बनाए रख सकें।
कानपुर होटल में हुई इस घटना को एक नैतिक संदेश के रूप में देखा जा सकता है जो हमें समाज के विश्वास को बनाए रखने की दिशा में एक नया कदम चुकाने की जरूरत को दिखाता है। इस संदेश को लेकर सभी सुरक्षा एजेंसियों और अधिकारियों को सतर्क रहने की आवश्यकता है