उत्तर प्रदेश

Amroha: गोद ली फुफेरी बहन ने गुस्से में भाई के सिर पर मारा डंडा, प्लास्टिक की रस्सी से चिराग की गला घोंटकर कर दी हत्या

Amroha पंडकी गांव में दंपती ने जिस लड़की को गोद लिया था, उसने ही उनके घर का चिराग बुझा दिया। दंपती के पुत्र चिराग (12) की खता सिर्फ इतनी थी कि उसने गोद ली गई फुफेरी बहन से माता-पिता के कहने पर खेत पर जाने के लिए कह दिया था। इसी पर भड़की किशोरी ने चिराग से झगड़ा किया। झगड़े के दौरान किशोरी ने चिराग की गर्दन पर डंडा मारा, जिससे वह बेहोश होकर मुंह के बल गिर गया। यह देख घबराई किशोरी ने प्लास्टिक की रस्सी से चिराग की गला घोंटकर हत्या कर दी। पुलिस ने बालक चिराग हत्याकांड का खुलासा किया।

सीओ ने बताया कि देहात थानाक्षेत्र केतवाली पंडकी गांव में चौबीस घंटे के अंदर दो बच्चों की मौत हो गई थी। आठ मई को गांव के ही बारह वर्षीय चिराग का शव मिला। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी गला घोंटकर हत्या किए जाने की पुष्टि हुई।

इस मामले में Amroha पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज की थी। सीओ अंजलि कटारिया ने बताया कि चिराग के पिता राजू और मां खेमवती दोनों दिव्यांग है। दोनों ही गांव में किराए की दुकान में कपड़ों की सिलाई करते हैं। 12 वर्षीय चिराग कक्षा तीन में पढ़ता था।

उसकी बहन कक्षा पांच और छोटा भाई जय भी उसी स्कूल में कक्षा एक में पढ़ते थे। बुधवार को तीनों भाई बहन स्कूल नहीं गए थे। राजू और उनकी 15 वर्षीय बेटी तड़के में खेत पर काम करने चले गए थे। जिसके बाद सुबह करीब नौ बजे चिराग और उसका छोटा भाई जय साइकिल से  खाना पहुंचा कर आए थे।

खेत से लौटने के बाद दोनों भाई अपनी मां खेमवती के पास दुकान पर रुक गए थे। पीछे से उनकी बहन भी घर आ गई थी लेकिन तभी राजू ने खेमवती को फोन करके लड़की को खेत पर भेजने के लिए कहा।  तभी खेमवती के कहने पर चिराग अपनी बहन को खेत पर जाने को कहने के लिए घर पहुंचा

इसी बात पर चिराग और उसकी बहन के बीच झगड़ा हुआ। तभी गुस्से में आकर बहन ने चिराग के गर्दन में पीछे डंडा मार दिया। जिससे चिराग बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ा।  मुंह के बल गिरने के कारण उसके चेहरे पर चोट लग गई।

जिसके बाद उसकी बहन घबरा गई और प्लास्टिक की रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी। बाद में अकेले ही चिराग के शव को दीवार और ईंटों के देर के बीच डाल दिया। इसके बाद घर के बाहर निकल कर शोर मचा दिया था।

देश में मानवीय गुनाहों के चरम स्तर तक पहुंचने का यह एक और दुखद उदाहरण है, जो अमरोहा के केतवाली पंडकी गांव में हुआ। एक दंपती ने अपनी बेटी से झगड़े के दौरान हत्या कर दी, जिसे उसने अपने ही हाथों सम्पन्न किया। इस घटना ने समाज में अच्छे और बुरे के बीच की सम्बन्धों पर गहरा सवाल उठाया है।

यह घटना दिखाती है कि बच्चों के साथ गलत सलूक करने वाले माता-पिता भी होते हैं, जो उनकी स्वार्थी भावनाओं के चलते उन्हें हत्या तक पहुंचा सकते हैं। इसके साथ ही यह घटना सामाजिक समर्थन की महत्वता को भी दिखाती है, क्योंकि शायद अगर किशोरी को समाज ने सहारा दिया होता, तो यह घटना नहीं होती।

इस घटना से हमें समाज में विवादित मुद्दों के संबंध में सोचने की आवश्यकता है। हमें यह याद रखना चाहिए कि बच्चों के प्रति हमारी जिम्मेदारी होती है और हमें उन्हें सम्मान देना चाहिए। इसके अलावा, समाज को इस तरह की हिंसा को रोकने के लिए सकारात्मक कदम उठाने की जरुरत है, जैसे कि जागरूकता बढ़ाना और बच्चों को समाज में सुरक्षित रखने के लिए प्रयास करना।

इस घटना से हमें यह भी सिखने को मिलता है कि हमें अपने बच्चों के साथ उचित संवाद और समझदारी से बातचीत करनी चाहिए। बच्चों के भावनाओं को समझने की कोशिश करनी चाहिए और उन्हें समाज में स्थान देने की महत्वता को समझाना चाहिए। इसके लिए हमें उन्हें स्थानीय स्तर पर सहायता प्रदान करनी चाहिए, ताकि वे समाज में सम्मानित महसूस करें और उनकी समाज में सक्रिय भागीदारी हो सके।

इस घटना के माध्यम से हमें यह भी याद रखना चाहिए कि विवादित स्थितियों में हिंसा का सहारा लेना समाज के लिए हानिकारक हो सकता है। हमें समाज में समरसता और विवादों को शांति से हल करने की कला सीखनी चाहिए। इसके लिए हमें सकारात्मक सोचने की आवश्यकता है और हमें समाज में सहयोग और समरसता की भावना को बढ़ावा देना चाहिए।

इस घटना का सामाजिक प्रभाव है कि हमें यह बताता है कि हमें अपने समाज में अच्छे और सही नीतियों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। हमें बच्चों को समाज में समाहित बनाने के लिए सक्रिय रूप से काम करना चाहिए और उन्हें स्वतंत्रता का महत्व समझाना चाहिए। इसके लिए हमें उन्हें उचित मार्गदर्शन और प्रेरणा प्रदान करनी चाहिए, ताकि वे समाज में सक्रिय भागीदारी कर सकें और उनकी समाज में मान्यता हो।

इस घटना को देखते हुए हमें यह भी याद रखना चाहिए कि हमें अपने समाज में शांति और सद्भावना को बनाए रखने की जरुरत है। हमें अपने समाज को समरसता और सहयोग की भावना से परिपूर्ण रखना चाहिए और हमें अपने समाज के सभी सदस्यों के साथ समझौता करना चाहिए। इसके लिए हमें सकारात्मक दिशा में काम करना चाहिए और हमें अपने समाज में समरसता और विवादों को शांति से हल करने की कला सीखनी चाहिए।

 

News-Desk

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