कांग्रेस में घमासान! Shashi Tharoor का बगावती तेवर, क्या पार्टी से होगी विदाई?
कांग्रेस पार्टी की अंदरूनी राजनीति में उथल-पुथल थमने का नाम नहीं ले रही है। अब पार्टी के दिग्गज नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद Shashi Tharoor खुलकर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। उनके हालिया बयानों से राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। क्या थरूर कांग्रेस का साथ छोड़ सकते हैं? क्या वह किसी नई राजनीतिक राह की ओर बढ़ रहे हैं? आइए जानते हैं पूरी कहानी।
थरूर की नाराजगी, कांग्रेस की चिंता
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने हाल ही में अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर की। उन्होंने साफ कहा कि यदि उन्हें पार्टी में उचित सम्मान नहीं मिला, तो वह गंभीर कदम उठाने पर विचार करेंगे। उनके इस बयान ने पार्टी के अंदर खलबली मचा दी है। कांग्रेस के अंदर पहले से ही असंतोष का माहौल बना हुआ है और अब थरूर के बयान ने इस आग में घी डालने का काम किया है।
सूत्रों के मुताबिक, शशि थरूर लंबे समय से खुद को कांग्रेस पार्टी के भीतर हाशिए पर महसूस कर रहे हैं। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से उनकी दूरी बढ़ती जा रही है। हाल ही में उन्होंने केरल की लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) सरकार की नीतियों की तारीफ की, जो कांग्रेस की विचारधारा से मेल नहीं खाती। इससे कांग्रेस हाईकमान में असहजता बढ़ गई।
मोदी और एलडीएफ सरकार की तारीफ, कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी?
शशि थरूर के हालिया बयानों ने पार्टी में हड़कंप मचा दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा और वहां डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात को सकारात्मक बताया। उन्होंने कहा कि इस यात्रा के कुछ नतीजे भारतीयों के लिए लाभदायक हो सकते हैं।
इतना ही नहीं, थरूर ने केरल की एलडीएफ सरकार की कुछ नीतियों की भी तारीफ कर दी, जिससे कांग्रेस का असहज होना लाजिमी था। पार्टी के प्रवक्ताओं ने तुरंत सफाई दी कि यह थरूर की व्यक्तिगत राय है, कांग्रेस पार्टी की नहीं। लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि थरूर के इन बयानों के पीछे कोई बड़ी योजना हो सकती है।
क्या थरूर कांग्रेस को कहेंगे अलविदा?
अगर शशि थरूर कांग्रेस छोड़ते हैं, तो यह पार्टी के लिए एक बड़ा झटका होगा। कांग्रेस पहले ही ज्योतिरादित्य सिंधिया, गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल जैसे दिग्गज नेताओं को खो चुकी है। ऐसे में थरूर का जाना कांग्रेस की कमजोर होती पकड़ को और उजागर करेगा।
थरूर के पास तीन संभावित रास्ते हो सकते हैं:
- बीजेपी जॉइन करना: कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि कांग्रेस में उनका सम्मान नहीं हुआ, तो वह बीजेपी का दामन थाम सकते हैं।
- स्वतंत्र राजनीति: वह एक स्वतंत्र नेता के तौर पर अपनी नई पहचान बना सकते हैं, जैसे कई अन्य नेताओं ने किया है।
- अन्य दलों से जुड़ना: वह किसी तीसरे मोर्चे का हिस्सा बन सकते हैं, जिसमें केरल की सीपीएम या अन्य क्षेत्रीय दल शामिल हो सकते हैं।
कांग्रेस में कलह जारी, राहुल गांधी पर भी सवाल!
कांग्रेस के अंदर गुटबाजी का यह कोई पहला मामला नहीं है। पहले भी कई दिग्गज नेताओं ने राहुल गांधी की नेतृत्व शैली पर सवाल उठाए हैं। जी-23 ग्रुप के बागी नेता पहले ही कांग्रेस नेतृत्व से नाराजगी जता चुके हैं।
थरूर का यह विरोध कहीं न कहीं यह भी दर्शाता है कि कांग्रेस का मौजूदा नेतृत्व अपने वरिष्ठ नेताओं को संतुष्ट नहीं कर पा रहा है। पहले गुलाम नबी आजाद ने पार्टी छोड़ी, फिर कई राज्यों में कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा। अब थरूर जैसे प्रभावशाली नेता की नाराजगी कांग्रेस के लिए एक और बड़ा झटका साबित हो सकती है।
क्या थरूर बीजेपी में जाएंगे?
राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि थरूर का अगला कदम बीजेपी की ओर हो सकता है। हालांकि, उन्होंने अभी तक इस बारे में कोई खुला बयान नहीं दिया है, लेकिन उनके हालिया बयान बीजेपी के करीब लगते हैं।
थरूर ने मोदी की अमेरिका यात्रा की तारीफ की, जो उनके विचारों में बदलाव का संकेत हो सकता है। बीजेपी भी दक्षिण भारत में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है, और थरूर जैसे लोकप्रिय नेता उनके लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं।
थरूर के राजनीतिक करियर पर नजर
शशि थरूर 2009 से तिरुवनंतपुरम से सांसद हैं और कांग्रेस के जाने-माने चेहरे माने जाते हैं। वे संयुक्त राष्ट्र में ऊंचे पदों पर रह चुके हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी अच्छी पहचान है।
- 2009: कांग्रेस के टिकट पर पहली बार लोकसभा पहुंचे।
- 2014: नरेंद्र मोदी की लहर के बावजूद सीट बरकरार रखी।
- 2019: बीजेपी के कड़े मुकाबले के बावजूद जीत दर्ज की।
- 2022: कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में खड़े हुए, लेकिन हार गए।
उनकी मजबूत पकड़ और प्रभावशाली व्यक्तित्व को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि वह जहां भी जाएंगे, बड़ा असर डाल सकते हैं।
कांग्रेस का अगला कदम क्या होगा?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि कांग्रेस पार्टी शशि थरूर को मनाने के लिए क्या करेगी? पार्टी पहले ही कई बड़े नेताओं को खो चुकी है और अगर थरूर भी अलग होते हैं, तो कांग्रेस की स्थिति और खराब हो सकती है।
अगर कांग्रेस नेतृत्व सही समय पर ठोस कदम नहीं उठाता, तो थरूर के अलावा कई और नेता भी असंतोष जताते हुए अलग राह पकड़ सकते हैं।
निष्कर्ष नहीं, बल्कि आगे क्या?
शशि थरूर की नाराजगी कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी है। क्या वह बगावत करेंगे? क्या वह बीजेपी में जाएंगे? या फिर किसी अन्य दल का हिस्सा बनेंगे? यह तो आने वाला समय बताएगा, लेकिन एक बात तय है—कांग्रेस की मौजूदा स्थिति बेहद नाजुक है, और यह संकट और गहराने वाला है।