कांग्रेस पार्टी और उसके टुकड़े-टुकड़े गैंग के इको-सिस्टम को दूसरों को उपदेश देने का कोई अधिकार नहीं- Kiren Rijiju
केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू (Kiren Rijiju) ने कहा कि वह अदालत और उसकी स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं, लेकिन एक लक्ष्मण रेखा है जिसे पार नहीं किया जा सकता है। वहीं, दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर कहा कि सच बोलना देशभक्ति है, देशद्रोह नहीं। सच कहना देश प्रेम है, देशद्रोह नहीं। सच सुनना राजधर्म है,सच कुचलना राजहठ है। डरो मत।
अपने इस ट्वीट के साथ राहुल गांधी ने टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर का हवाला दिया था। राहुल का ये ट्वीट केंद्रीय कानून मंत्री Kiren Rijiju को पसंद नहीं आया और उन्होंने इसके जवाब में ट्वीट्स की बौछार कर दी।
Empty words by @RahulGandhi
If there is one party that is the antithesis of freedom, democracy and respect for institutions, it is the Indian National Congress.
This Party has always stood with Breaking India forces and left no opportunity to divide India. https://t.co/Rajl1pG2v8
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) May 11, 2022
Kiren Rijiju ने कांग्रेस नेता के शब्दों को खोखला बताया। रिजिजू बोले, ‘अगर कोई एक पार्टी है जो स्वतंत्रता, लोकतंत्र और संस्थानों के सम्मान की विरोधी है, तो वह कांग्रेस है।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा भारत को तोड़ने वाली ताकतों के साथ खड़ी रही है। उसने भारत को विभाजित करने का कोई मौका नहीं छोड़ा है।
Kiren Rijiju ने बीजेपी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार हमेशा भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करेगी। यह हमारे संविधान में निहित मूल्यों की भी रक्षा करेगा। उन्होंने लिखा कि कांग्रेस पार्टी और उसके टुकड़े-टुकड़े गैंग के इको-सिस्टम को दूसरों को उपदेश देने का कोई अधिकार नहीं है।
Kiren Rijiju ने आगे लिखा, “यूपीए सरकार का देशद्रोह के मामले दर्ज करने का सबसे खराब ट्रैक रिकॉर्ड है। 2012 में ‘रिकाउंटिंग मिनिस्टर’ पी. चिदंबरम की चौकस निगाहों में हजारों लोगों के खिलाफ देशद्रोह के मामले दर्ज किए गए थे। उन्होंने आगे लिखा, “यह इंदिरा गांधी सरकार थी जिसने भारत के इतिहास में पहली बार धारा 124A को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में डाला था। यह नई दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 में हुआ जो कि 1974 में लागू हुई। क्या कांग्रेस ने अपने पिछले कामों की जांच की है?
राजद्रोह कानून पर कोर्ट की रोक के बाद Kiren Rijiju ने कहा कि हमने अपनी बातों को स्पष्ट कर दिया है और कोर्ट के सामने प्रधानमंत्री का इरादा भी बताया है। अब इसके बाद क्या होता है मुझे नहीं पता लेकिन मैं ये कहना चाहता हूं कि हमें कोर्ट का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम भारतीय संविधान के प्रावधानों के साथ-साथ मौजूदा कानूनों का भी सम्मान करें।
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