ठंडी हवा के चलते धूप की तपिश भी एक बार को ठंडी हवा में फीकी पड़ती दिखाई दी
मुजफ्फरनगर। चौथे दिन भी सूरज निकला। ठंडी हवा के चलते धूप की तपिश भी एक बार को ठंडी हवा में फीकी पड़ती दिखाई दी। लोग दिन में भी कंपकंपाते हुए दिखाई पड़े।
बाजारों, सड़कों पर लोगों की आवाजाही कम हो गई है। बुजुर्गों और बच्चों को लेकर लोग अधिक सचेत हैं। हालांकि तेज धूप के समय लोगों ने धूप में बैठकर उसका आंनद भी लिया।
जनपद में चार दिन पूर्व हुई बारिश और ओलावृष्टि के बाद से ठंड लगातार बढ़ी है। दो दिन तक आकाश में बादल छाए रहे और सूरज नहीं निकला। इसके चलते अधिकतम तापमान लुढ़ककर काफी नीचे आ गया।
मंगलवार को दिन में सूरज निकला, लेकिन सर्द हवा के कारण सूरज की गर्मी बेअसर रही। यही नहीं अधिकतम तापमान १८.२ तक ही पहुंच पाया। लोग दिन में भी ठिठुरते नजर आए।
सर्द हवा चलने के कारण सड़कों पर दुपहिया वाहनों की संख्या कम हो गई है। सुबह-शाम में लोग मजबूरी में ही घर से बाहर निकल पा रहे हैं। बाजार सुबह देर से खुल रहे हैं और शाम को जल्दी बंद हो रहे हैं। बाजार में गर्म कपड़ों, मेवे और मूंगफली आदि की डिमांड बढ़ी है।
फसलों के लिए लाभकारीः उपकृषि निदेशक
मुजफ्फरनगर। उप निदेशक कृषि जसबीर सिंह तेवतिया का कहना है कि लगातार बढ रही ठंड जिले की फसलों के लिए लाभकारी है। गन्ना और गेहूं के लिए ठंड अच्छी है। यदि पाला पड़ता है तो सब्जी की फसलों को नुकसान हो सकता है।
हार्ट की समस्या बढ़ती हैः डॉक्टर सत्यम-मुजफ्फरनगर। हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ सत्यम राजवंशी का कहना है कि सर्दी के मौसम में दिल की बीमारियां खासकर दिल के दौरे के नए मामले ४० प्रतिशत तक बढ जाते हैं।
गिरते तापमान और सर्द हवा के संपर्क में आने से दिल, दिमाग और शरीर की धमनियां सिकुड़ जाती हैं। ठंडी हवा और वायरल इंफेक्शन ने सांस की नली में सूजन आ जाती है।
ब्लड प्रेशर बढ़ता है और खून में ऑक्सीजन कम होती है। दिल पर अतिरिक्त दबाव बढ़ता है। सिकुड़ी हुई नसों में खून गाढ़ा होकर जमने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए सर्दी से बचाव जरूरी है।