निष्पक्ष कार्यप्रणाली: डीएम ने एक झटके में दिया तीन करोड़ भुगतान का आदेश
मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् के द्वारा शहर के विकास के लिए कराये गये १४वें एवं १५वें वित्त आयोग के अन्तर्गत कार्यों का भुगतान आखिरकार समयअवधि के अंतिम दिन जिलाधिकारी सीबी सिंह की सख्ती के कारण देर रात जारी कर दिया गया। इसके लिए लम्बित रखी जा रही पत्रावलियों को तेजी से निटपारा करते हुए करीब ३ करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया।
इस मामले में जिलाधिकारी की निष्पक्षता और कार्यप्रणाली की ठेकेदारों ने जमकर सराहना की और आरोप लगाया कि प्रशासन के कुछ अधिकारी अनावश्यक रूप से भुगतान नहीं होने देना चाह रहे थे।
उन्होंने इस मामले में पालिका चेयरपर्सन की सकारात्मक नीति और सहयोग को भी प्रशंसनीय बताया। बता दें कि नगरपालिका परिषद् के द्वारा शहर में १४वें और १५वें वित्त आयोग के अन्तर्गत विकास कार्य कराये गये थे। इन निर्माण कार्यों के पूर्ण हो जाने के बाद भुगतान के लिए तत्कालीन डीएम सेल्वा कुमारी जे. ने एडीएम वित्त एवं राजस्व आलोक कुमार और पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खण्ड के एक्सईएन की कमेटी बनाकर जांच के आदेश दिये थे।
जांच समिति की संस्तुति के बाद ही भुगतान किया जाना था। इसमें शहर में हुए करीब ३८ निर्माण कार्यों की जांच समिति के द्वारा जांच के बाद भुगतान की संस्तुति कर दी थी, लेकिन इसके बाद भी ठेकेदारों का भुगतान नहीं किया जा रहा था। जबकि ३१ जुलाई भुगतान के लिए अंतिम तिथि निर्धारित थी।
इस मामले में कान्ट्रैक्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष आदेश त्यागी के नेतृत्व में शनिवार को डीएम चन्द्रभूषण सिंह से मिले थे। ठेकेदारों ने जांच में पास की गयी ३८ पत्रावलियों पर भी भुगतान नहीं किये जाने की शिकायत की तो डीएम ने तत्काल ही एडीएम वित्त, एक्सईएन, सिटी मजिस्ट्रेट और पालिका के ईओ को अपने कार्यालय में तलब किया। उन्होंने पत्रावलियों को लम्बित रखने पर कड़ी नाराजगी जताई थी। इसके साथ ही तत्काल भुगतान कराने के निर्देश दिये।
ठेकेदार आदेश त्यागी ने बताया कि डीएम की सख्ती के कारण देर रात करीब ३८ पत्रावलियों का भुगतान जारी कर दिया गया है। इससे ठेकेदारों को काफी राहत मिली है। अब शहर में बन्द पड़े निर्माण कार्यों को भी शुरू कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि अभी तक इस मामले में कोई सुनवाई नहीं हो पा रही थी
लेकिन जिलाधिकारी सीबी सिंह ने इसमें संवेदनशीलता के साथ उनका पक्ष सुना और सख्ती के साथ उनका भुगतान कराने के लिए सहयोग किया। उन्होंने सभी ठेकेदारों की ओर से जिलाधिकारी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस मामले में कुछ अधिकारियों ने अनावश्यक रूप से अडंगा लगाया और ठेकेदारों को परेशान किया।
अंतिम दिन भुगतान नहीं होता तो उनके सामने आर्थिक रूप से काफी संकट खड़ा हो सकता था। उन्होंने चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल द्वारा भुगतान कराने के लिए दिये गये सकारात्मक सहयोग की भी सराहना की है।