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शनि की साढ़ेसाती से बचना है तो कर दें ये उपाय,हो जाएंगे शनि महाराज प्रसन्न…

साढ़े साती के नाम से कई लोग डर जाते हैं। हर कोई बस यही कामना करता है कि उनके जीवन में साढ़े साती कभी न आए।

हालांकि शास्त्रों के अनुसार हर व्यक्ति के जीवन में एक बार तो शनि की साढ़े साती जरूर आती है और इसके शुरू होते ही जीवन में कई प्रकार के कष्ट आने लग जाते हैं। लेकिन ये जरूरी नहीं है कि हर किसी के जीवन पर शनि की साढ़े साती का नकारात्मक प्रभाव ही पड़े। कई लोगों के जीवन पर साढ़े साती का सकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है।

कब शुरू होती है शनि की साढ़े साती

पंडितों के अनुसार शनि जब चंद्र राशि से एक भाव पहले भ्रमण करना शुरू कर दें। तब व्यक्ति के जीवन में शनि की साढ़ेसाती शुरू होती है। शनि की साढ़ेसाती शुरू होने पर इसे अनदेखा न करें और नीचे बताए गए उपाय करें।

क्योंकि जिन लोगों के जीवन पर शनि की साढ़ेसाती का नकारात्मक असर पड़ता है, उन लोगों का जीवन दुखों से भर जाता है। तो आइए जानते हैं शनि की साढ़ेसाती से बचने के उपायों के बारे में-

जरूर चढ़ाएं सरसों का तेल

कहा जाता है कि जो लोग शनि देव को सरसों का तेल अर्पित करते हैं। उन लोगों को कभी भी शनि देव कष्ट नहीं देते हैं। एक कथा के अनुसार शनि देव ने हनुमान जी से वादा किया था कि जो लोग उनकी पूजा करते समय उन्हें सरसों का तेल अर्पित करेंगे। उनके जीवन में कभी दुख नहीं आएंगे। इसलिए शनिवार के दिन आप शनिदेव को सरसों का तेल जरूर अर्पित करें।

सरसों के तेल के अलावा शनि देव को काली चीजें भी अर्पित किया करें। काला रंग शनि देव को काफी प्रिय है, इसलिए काले रंग की वस्तु इन्हें अर्पित करने से ये आपके अनुकूल ही फल देते हैं। शनिवार को शनिदेव के मंदिर जाकर आप इन्हें काले तिल, काले वस्त्र व काली दाल चढ़ा सकते हैं।

करें काली चीजों का दान

शनिवार को काली चीजों का दान जरूर करना चाहिए। काली चीजों का दान करने से शनिदेव शांत रहते हैं। शनिवार को नहाने के बाद मंदिर जाकर पहले शनिदेव का पूजन करें।

उसके बाद काली चीजें गरीब लोगों में बांटे दें। इसके अलावा आप चाहें तो गरीब लोगों को तला हुआ भोजन भी खिला सकते हैं।

हनुमान जी की पूजा करें

शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए व इन्हें शांत रखने के लिए हनुमान जी की पूजा करें। शनिवार को हनुमान और शनिदेव की पूजा करने से ये ग्रह शांत रहता है और साढ़ेसाती के बुरे प्रभाव से रक्षा होती है।

हनुमान जी की पूजा करते हुए आप हनुमान चालीसा व सुंदरकांड का पाठ करने। ऐसा करने से शनि से मिलने वाले कष्ट कम हो जाते हैं।
शनि के बीज मंत्र का जाप

शनि की साढ़ेसाती शुरू होने पर आप शनि के बीज मंत्र- “ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम:” का जाप करें। हर शनिवार को मंदिर जाकर इसका जाप करने से इनकी कृपा बन जाकी है। इसके अलावा शनि मंत्र- ऊँ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का 108 बार जाप करना भी उत्तम फल देता है।

पीपल के वृक्ष के पास दीया जलाएं

शनि की साढ़ेसाती शुरू होने पर आप पीपल के पेड़ के नीचे एक दीपक जलाना शुरू कर दें। प्रतिदिन और खासकर शनिवार के दिन सूर्यास्त के बाद पीपल के पेड़ के पास सरसों का दीपक जलाया करें। ये उपाय करने से शनि से जुड़े सभी दोष खत्म हो जाते हैं।

रखें इन बातों का ध्यान –

शनिवार को शनि स्तोत्र का पाठ भी कर सकते हैं। आप बस इस बात का ध्यान रखें की आप इसका पाठ शनिदेव के मंदिर जाकर ही करें। कभी भी घर में शनिदेव की मूर्ति न रखें।

शनिवार को लोहे की वस्तु न खरीदें। इस दिन लोहे की वस्तु खरीदने से शनि ग्रह भारी हो जाता है। शनिवार को चप्पल या काला जूता खरीदने से बचें। इसके अलावा इस दिन किसी से कोई भी काली चीज भी लेने से बचें।

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धर्म के गूढ़ रहस्यों और ज्ञान को जनमानस तक सरल भाषा में पहुंचा रहे श्री रवींद्र जायसवाल (द्वारिकाधीश डिवाइनमार्ट,वृंदावन) इस सेक्शन के वरिष्ठ सामग्री संपादक और वास्तु विशेषज्ञ हैं। वह धार्मिक और ज्योतिष संबंधी विषयों पर लिखते हैं।

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