Kailasa का भंडाफोड़: भगोड़े गुरु Nithyananda का ‘दिव्य धोखा’ और बोलीविया में जमीन हड़पने की साजिश
एक स्वघोषित ‘संप्रभु राष्ट्र’ जिसने दुनिया को अपने झूठे पासपोर्ट, काल्पनिक संविधान और नकली मुद्रा से बरगलाया, आज धोखाधड़ी, जमीन हड़पने और अंतरराष्ट्रीय घोटालों के आरोपों में घिर चुका है। यह कहानी है ‘यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ Kailasa’ की, जिसका नेतृत्व करने वाला भगोड़ा आध्यात्मिक गुरु Nithyananda खुद को ‘भगवान का अवतार’ बताता है, लेकिन उसकी असली पहचान एक धोखेबाज़ और यौन उत्पीड़न के आरोपी की है।
कौन है नित्यानंद? भारत से बोलीविया तक एक धोखेबाज़ की यात्रा
नित्यानंद, जिसका असली नाम अरुणाचलम राजशेखरन है, भारत में बेंगलुरु के पास अपने आश्रम से शुरुआत करके एक विवादित ‘गुरु’ बन गया। उसने खुद को ‘हिज डिवाइन होलीनेस, सुप्रीम पोंटिफ ऑफ हिंदुइज्म’ घोषित किया और अलौकिक शक्तियों का दावा करने लगा। उसने झूठमूठ के चमत्कार दिखाए—अंधों को देखने का वादा किया, सूर्योदय का समय बदलने का दावा किया, और खुद को भगवान का अवतार बताया।
लेकिन सच्चाई यह है कि भारत में उस पर बलात्कार, यौन उत्पीड़न और धोखाधड़ी के कई केस दर्ज हैं। आरोपों से बचने के लिए वह देश से फरार हो गया और फिर ‘कैलासा’ नामक एक काल्पनिक देश बनाकर दुनिया को बेवकूफ बनाने लगा।
क्या है ‘यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा’? एक झूठी राष्ट्र की कहानी
Nithyananda ने दावा किया कि ‘Kailasa’ एक प्राचीन हिंदू राष्ट्र है जो एंडीज पर्वतों में स्थित है। उसने अपने झूठे देश के लिए पासपोर्ट, मुद्रा, झंडा और यहां तक कि एक ‘कॉस्मिक संविधान’ भी बनाया। उसके अनुयायियों ने दुनिया भर में इस काल्पनिक राष्ट्र को मान्यता दिलाने की कोशिश की, लेकिन अधिकांश देशों ने इसे एक मजाक की तरह खारिज कर दिया।
लेकिन हाल की घटनाओं ने कैलासा की असलियत को उजागर कर दिया है। बोलीविया में नित्यानंद के 20 सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया है, जिन पर ‘जमीन हड़पने’ और ‘धोखाधड़ी’ के गंभीर आरोप लगे हैं।
बोलीविया में जमीन हड़पने की साजिश: कैसे किया गया धोखा?
बोलीविया के स्वदेशी समुदायों को निशाना बनाकर नित्यानंद के अनुयायियों ने एक बड़ा धोखा किया। उन्होंने जंगल की आग के बाद सहायता का झूठा वादा करके बाउरे समुदाय के लोगों से 1,000 साल का जमीन का पट्टा हासिल कर लिया। शुरुआत में उन्होंने सालाना 200,000 डॉलर देने का वादा किया, लेकिन बाद में अनुबंध में बदलाव करके जमीन के साथ-साथ हवाई अधिकार और प्राकृतिक संसाधनों पर भी कब्जा करने की कोशिश की।
बाउरे नेता पेड्रो गुआसिको ने स्वीकार किया कि उनसे धोखे से हस्ताक्षर करवाए गए, लेकिन अब वे इसका विरोध कर रहे हैं। बोलीविया सरकार ने भी कैलासा को किसी भी तरह की मान्यता देने से इनकार कर दिया है।
दुनिया भर में शर्मिंदगी: कैलासा के विवादों की लंबी लिस्ट
- पराग्वे: 2023 में एक अधिकारी ने कैलासा के साथ समझौता करने के बाद इस्तीफा दे दिया।
- अमेरिका: नेवार्क के मेयर ने कैलासा के साथ ‘सिस्टर सिटी’ डील को रद्द कर दिया।
- बोलीविया: राष्ट्रपति लुइस आर्से के साथ फोटो खिंचवाने वाले कैलासा प्रतिनिधियों को गिरफ्तार किया गया।
क्या अब नित्यानंद का गिरफ्तारी होगा?
नित्यानंद फिलहाल कहीं छिपा हुआ है, लेकिन बोलीविया और भारत दोनों जगह उसके खिलाफ कार्रवाई तेज हो रही है। भारत सरकार उसे भगोड़ा घोषित कर चुकी है, और अब बोलीविया में भी उसके खिलाफ मामला बन रहा है। क्या इस बार उसके ‘दिव्य चमत्कार’ उसे बचा पाएंगे? या फिर अंतरराष्ट्रीय कानून उसकी करतूतों का जवाब देगा?
धर्म के नाम पर धोखाधड़ी का अंत होगा?
नित्यानंद और कैलासा का मामला सिर्फ एक व्यक्ति का धोखा नहीं, बल्कि उन सभी लोगों के लिए एक सबक है जो अंधविश्वास और झूठे गुरुओं के चक्कर में फंस जाते हैं। अब समय आ गया है कि दुनिया भर की सरकारें ऐसे फर्जी संगठनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें, ताकि धर्म के नाम पर हो रही धोखाधड़ी को रोका जा सके।