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आरबीआई की नई डिप्टी गवर्नर Poonam Gupta: IMF से लेकर वर्ल्ड बैंक तक, एक शानदार करियर की कहानी

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बड़ा फैसला लेते हुए Poonam Gupta को अपना नया डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया है। यह नियुक्ति तब हुई है जब पूर्व डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा ने जनवरी में पद छोड़ दिया था। पूनम गुप्ता न केवल एक प्रख्यात अर्थशास्त्री हैं, बल्कि उनका करियर भी काफी प्रेरणादायक है।

तीन साल के लिए मिली जिम्मेदारी

सरकार ने पूनम गुप्ता को आरबीआई के डिप्टी गवर्नर पद पर तीन साल के लिए नियुक्त किया है। मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने इस पर मुहर लगा दी है। उनकी नियुक्ति उस तारीख से प्रभावी होगी, जब वह आधिकारिक रूप से कार्यभार संभालेंगी।

एनसीएईआर से आरबीआई तक का सफर

इससे पहले, पूनम गुप्ता नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (NCAER) की महानिदेशक थीं। इसके अलावा, वह प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य और 16वें वित्त आयोग की सलाहकार समिति की संयोजक भी रह चुकी हैं। यह पद उनके लिए नया नहीं है, क्योंकि वह पहले से ही देश की आर्थिक नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

IMF और वर्ल्ड बैंक में दो दशक का अनुभव

पूनम गुप्ता का करियर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चमका है। वह वाशिंगटन स्थित अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और वर्ल्ड बैंक में लगभग 20 साल तक वरिष्ठ पदों पर काम कर चुकी हैं। इस दौरान उन्होंने वैश्विक आर्थिक मुद्दों पर गहन शोध किया और कई देशों की आर्थिक नीतियों को प्रभावित किया। 2021 में वह भारत लौटीं और एनसीएईआर से जुड़ गईं।

शिक्षा के क्षेत्र में भी अहम योगदान

पूनम गुप्ता सिर्फ एक अर्थशास्त्री ही नहीं, बल्कि एक प्रख्यात शिक्षाविद भी हैं। उन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड (अमेरिका), और भारतीय सांख्यिकी संस्थान (ISI) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में अध्यापन कार्य किया है। इसके अलावा, वह नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी (NIPFP) में RBI चेयर प्रोफेसर और आईसीआरआईईआर में प्रोफेसर के रूप में भी कार्यरत रही हैं।

शैक्षणिक योग्यता: देश-विदेश से डिग्रियां

पूनम गुप्ता की शैक्षणिक पृष्ठभूमि काफी प्रभावशाली है। उन्होंने अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड से अर्थशास्त्र में मास्टर्स और पीएचडी की उपाधि हासिल की है। इसके अलावा, दिल्ली यूनिवर्सिटी के दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से भी उन्होंने मास्टर्स किया है। 1998 में, अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र पर उनके शोध के लिए उन्हें एक्जिम बैंक पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।

क्या बदलाव ला सकती हैं पूनम गुप्ता?

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर के रूप में पूनम गुप्ता की नियुक्ति को एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। उनका व्यापक अनुभव और वैश्विक नजरिया भारतीय बैंकिंग और आर्थिक नीतियों को नई दिशा दे सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि वह मुद्रास्फीति, ब्याज दरें और डिजिटल करेंसी जैसे मुद्दों पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

एक नए युग की शुरुआत?

Poonam Gupta की नियुक्ति न केवल आरबीआई के लिए, बल्कि पूरे भारतीय बैंकिंग क्षेत्र के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। उनका अनुभव और विशेषज्ञता देश की आर्थिक प्रगति को नई गति दे सकती है। अब देखना यह है कि वह इस नई भूमिका में कैसा प्रदर्शन करती हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था को किस दिशा में ले जाती हैं।

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