Indian Navy का बड़ा एक्शन: हिंद महासागर में 2500 किलो ड्रग्स के साथ तस्करों का पर्दाफाश
भारत सरकार ड्रग्स के खिलाफ जंग में लगातार सख्त कदम उठा रही है। देश के विभिन्न हिस्सों में जांच एजेंसियों की कार्रवाई के चलते करोड़ों रुपये के नशीले पदार्थ बरामद किए जा चुके हैं। लेकिन अब यह लड़ाई सिर्फ जमीन तक सीमित नहीं है—Indian Navy ने समुद्र में भी ड्रग माफियाओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए एक ऐतिहासिक सफलता हासिल की है।
पश्चिमी हिंद महासागर में तैनात भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस तरकश ने एक बड़े अभियान के तहत 2500 किलोग्राम से अधिक ड्रग्स जब्त किए हैं। यह ऑपरेशन न केवल भारतीय नौसेना की क्षमता को दर्शाता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करने की उसकी प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है।
समुद्री सुरक्षा में भारत की बढ़ती भूमिका
आईएनएस तरकश जनवरी 2025 से हिंद महासागर में तैनात है और संयुक्त नौसेना बल (सीएमएफ) के तहत काम कर रहा है। यह युद्धपोत काउंटर-टेररिज्म टास्क फोर्स (सीटीएफ-150) का हिस्सा है, जिसका मुख्यालय बहरीन में स्थित है। इस बल का प्राथमिक उद्देश्य समुद्री अपराध, ड्रग तस्करी और आतंकवादी गतिविधियों पर नकेल कसना है।
इसके अलावा, आईएनएस तरकश ने हाल ही में बहुराष्ट्रीय नौसेना अभ्यास ‘एनजैक टाइगर’ में भाग लिया, जिसमें विभिन्न देशों की नौसेनाएं शामिल थीं। यह अभ्यास समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने और अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए आवश्यक समन्वय को बढ़ावा देता है।
कैसे हुआ ड्रग्स का पता?
31 मार्च 2025 को आईएनएस तरकश को भारतीय नौसेना के P8I गश्ती विमान से कुछ संदिग्ध जहाजों की गतिविधियों के बारे में जानकारी मिली। इन जहाजों पर अवैध ड्रग तस्करी का संदेह था। इसके बाद नौसेना ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी।
आईएनएस तरकश ने अपना रुख बदलते हुए संदिग्ध जहाजों को ट्रैक किया। इस दौरान मुंबई स्थित मैरीटाइम ऑपरेशन सेंटर और P8I विमान के साथ समन्वय बनाए रखा गया। जब एक संदिग्ध डाउ नौका (एक प्रकार की छोटी मछली पकड़ने वाली नाव) पर नजर पड़ी, तो नौसेना ने उसे घेर लिया।
इसके बाद मरीन कमांडो की एक विशेष टीम ने नौका पर छापा मारा और गहन तलाशी अभियान चलाया। तलाशी के दौरान 2386 किलोग्राम हशीश और 121 किलोग्राम हेरोइन बरामद हुए, जिनकी कुल कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में कई सौ करोड़ रुपये आंकी जा रही है।
तस्करों की हरकतों पर नजर
जांच में पता चला कि ड्रग्स को जहाज के विभिन्न डिब्बों में छुपाकर ले जाया जा रहा था। नौका के चालक दल से पूछताछ की गई, जिसमें उनकी कार्यप्रणाली और इस क्षेत्र में चल रही अन्य तस्करी गतिविधियों के बारे में जानकारी हासिल की गई।
इस पूरे ऑपरेशन में नौसेना के हेलीकॉप्टर ने भी अहम भूमिका निभाई, जिसने संदिग्ध जहाजों पर नजर रखी और अन्य आवाजाही को मॉनिटर किया।
ड्रग्स के खिलाफ भारत की जंग: अब समुद्र में भी दमदार एक्शन
यह ऑपरेशन साबित करता है कि भारतीय नौसेना न केवल देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा कर रही है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी जिम्मेदारी निभा रही है। ड्रग तस्करी जैसे संगठित अपराधों से निपटने के लिए भारत अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा दे रहा है।
इस मामले में रक्षा मंत्रालय ने भी नौसेना की सराहना की है और कहा है कि ऐसी कार्रवाइयां हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने में मदद करेंगी।
क्या है आगे की रणनीति?
भारतीय नौसेना ने स्पष्ट किया है कि वह समुद्री ड्रग तस्करी और आतंकवादी फंडिंग जैसी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखेगी। इसके लिए उन्नत निगरानी तकनीक, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और तेज गश्ती अभियानों को और मजबूत किया जाएगा।
इस बड़ी सफलता के बाद अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह ड्रग कार्टेल किसी बड़े आतंकी नेटवर्क से जुड़ा है? जांच एजेंसियां इसकी पड़ताल कर रही हैं।
भारतीय नौसेना की यह कार्रवाई न केवल ड्रग माफियाओं के लिए एक बड़ा झटका है, बल्कि यह दुनिया को संदेश देती है कि भारत समुद्री सुरक्षा के मामले में कोई समझौता नहीं करेगा। अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में भारत की मजबूत उपस्थिति दिखाती है कि अब तस्करों के लिए समुद्र भी सुरक्षित नहीं रहा!