Mahakumbh में खूनी खेल! महामंडलेश्वर पर जानलेवा हमला, किन्नर अखाड़े में मचा हड़कंप
Mahakumbh का पावन संगम, जहां आस्था की गंगा बहती है, वहां अचानक एक सनसनीखेज वारदात ने सनसनी फैला दी। महाकुंभ मेला क्षेत्र में गुरुवार देर रात किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर कल्याणीनंद गिरि और उनके तीन शिष्यों पर जानलेवा हमला किया गया। इस घटना से किन्नर अखाड़े में हड़कंप मच गया है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है, लेकिन हमलावरों की गिरफ्तारी अभी तक नहीं हो पाई है।
आखिर क्या हुआ उस रात? हमले की पूरी कहानी
गुरुवार रात का समय था, महाकुंभ नगरी भक्तों की भीड़ से गुलजार थी। महामंडलेश्वर कल्याणीनंद गिरि अपने तीन शिष्यों के साथ अखाड़े से निकलकर जा रही थीं। अचानक, छह से अधिक हमलावरों ने उनकी कार को घेर लिया और पहले धारदार हथियार से हमला कर दिया। हमले से बचने की कोशिश में उनके शिष्यों ने बीच-बचाव किया, लेकिन बदमाशों ने उन पर भी हमला कर दिया।
कल्याणीनंद गिरि ने बताया,
“हम लोग जैसे ही अखाड़े से बाहर निकले, वैसे ही कुछ लड़कों ने हमारी गाड़ी को घेर लिया। वे आक्रामक थे, उन्होंने चाकू जैसे धारदार हथियार से मुझ पर वार किया। मेरे शिष्यों ने रोकने की कोशिश की, तो उन पर भी हमला कर दिया गया।“
काफी देर चली हाथापाई, फिर भाग निकले हमलावर
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमलावरों और महामंडलेश्वर के बीच काफी देर तक संघर्ष चला। महामंडलेश्वर और उनके शिष्यों ने खुद को बचाने की कोशिश की, लेकिन हमलावरों ने उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया। घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई, जिसके बाद हमलावर अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले।
घायल कल्याणीनंद गिरि और उनके शिष्यों को तुरंत मेला क्षेत्र के सेक्टर दो स्थित ‘सेंट्रल अस्पताल’ में भर्ती कराया गया। अस्पताल सूत्रों के अनुसार, सभी की हालत स्थिर है, लेकिन वे सदमे में हैं।
किन्नर अखाड़े में आक्रोश, संतों ने उठाए सुरक्षा पर सवाल
हमले के बाद किन्नर अखाड़े में भारी नाराजगी है। अखाड़े से जुड़े संतों और अनुयायियों का कहना है कि महाकुंभ जैसे पावन स्थल पर इस तरह की वारदात बेहद निंदनीय है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि हमलावरों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए।
महामंडलेश्वर के एक अनुयायी ने कहा,
“यह हमला सिर्फ महामंडलेश्वर पर नहीं बल्कि पूरे किन्नर अखाड़े पर किया गया है। अगर हमारे गुरुजी सुरक्षित नहीं हैं, तो आम श्रद्धालु कैसे सुरक्षित रहेंगे?”
क्या पुरानी दुश्मनी का नतीजा था यह हमला?
पुलिस जांच के अनुसार, यह हमला किसी व्यक्तिगत रंजिश का परिणाम हो सकता है। थाना अन्न क्षेत्र के प्रभारी निरीक्षक शंभू सिंह ने बताया कि किन्नर अखाड़े की ओर से शिकायत मिली है और शुरुआती जांच में किन्नरों के दो गुटों के बीच पुरानी दुश्मनी की बात सामने आई है।
इससे पहले भी एक और किन्नर, हिमांगी सखी पर हमला हुआ था। पुलिस इस मामले की भी जांच कर रही है कि क्या इन दोनों घटनाओं का आपस में कोई संबंध है।
महाशिवरात्रि स्नान से पहले सुरक्षा पर उठे सवाल
महाकुंभ मेला अपने अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ रहा है, लेकिन इस तरह की घटनाओं ने श्रद्धालुओं और संतों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन के अनुसार, अगला बड़ा स्नान महाशिवरात्रि पर 26 फरवरी 2025 को होगा, जो कुंभ का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण स्नान होगा।
महाशिवरात्रि पर लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए आएंगे, ऐसे में इस हमले ने सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। अखाड़ों से जुड़े कई संतों ने प्रशासन से मांग की है कि सुरक्षा को और कड़ा किया जाए और संदिग्ध लोगों की निगरानी बढ़ाई जाए।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच
पुलिस ने इस मामले में अज्ञात हमलावरों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। लेकिन, अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और जल्द ही आरोपियों को पकड़ा जाएगा।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया,
“हम सभी संभावित एंगल से मामले की जांच कर रहे हैं। किन्नर अखाड़े के सदस्यों और अन्य संतों से भी पूछताछ की जा रही है। यह व्यक्तिगत दुश्मनी का मामला भी हो सकता है। जल्द ही इस मामले में बड़ी कार्रवाई होगी।”
क्या महाकुंभ की पवित्रता पर खतरा?
महाकुंभ सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि हजारों साल पुरानी परंपरा और आस्था का प्रतीक है। हर 12 साल में होने वाला यह महासंगम विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है, जहां करोड़ों श्रद्धालु आते हैं।
लेकिन, अगर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद नहीं रही तो श्रद्धालुओं की आस्था पर आघात लग सकता है। इस हमले ने महाकुंभ की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले को कितनी जल्दी सुलझा पाता है और क्या महाशिवरात्रि स्नान से पहले सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाते हैं या नहीं।