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Muzaffarnagar प्रशासन की सख्ती: कलेक्ट्रेट कंट्रोल रूम का जिलाधिकारी ने किया औचक निरीक्षण, दिए कड़े निर्देश

Muzaffarnagar। प्रशासनिक सख्ती के तहत जिलाधिकारी उमेश कुमार मिश्रा ने कलेक्ट्रेट स्थित बार रूम (कंट्रोल रूम) का औचक निरीक्षण कर अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए।जिलाधिकारी ने कंट्रोल रूम में लगे सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से कलेक्ट्रेट परिसर और शहर के प्रमुख चौराहों की निगरानी व्यवस्था को परखा। इस दौरान उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी स्थिति में निगरानी प्रणाली में कोई लापरवाही न हो। उन्होंने यह सुनिश्चित करने को कहा कि कंट्रोल रूम चौबीसों घंटे सुचारू रूप से कार्य करे और हर गतिविधि पर पैनी नजर रखी जाए।


साफ-सफाई को लेकर दिए कड़े निर्देश

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कंट्रोल रूम की छत का भी दौरा किया, जहां पर पेड़ों के पत्तों और गंदगी को देखकर उन्होंने अधिकारियों को तत्काल सफाई करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालयों की सफाई और रखरखाव में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

इस दौरान जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) से बिल्डिंग के निर्माण की जानकारी ली। अपर जिलाधिकारी ने उन्हें अवगत कराया कि यह बिल्डिंग कोविड-19 महामारी के दौरान बनाई गई थी और इसका उद्घाटन स्वयं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा किया गया था।


पुरानी बिल्डिंग और मीटिंग हॉल का भी किया निरीक्षण

निरीक्षण अभियान के तहत जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट परिसर में स्थित पुराने मीटिंग हॉल का भी जायजा लिया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि भवनों के रखरखाव और कार्यालयों की व्यवस्था को सुधारने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि सभी प्रशासनिक भवनों में मरम्मत और सफाई व्यवस्था को प्राथमिकता दी जाए।

इस दौरान उनके साथ अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) गजेंद्र कुमार, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) राज बहादुर सिंह सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।


प्रशासनिक निरीक्षण क्यों है महत्वपूर्ण?

मुजफ्फरनगर प्रशासन की यह सक्रियता दर्शाती है कि जिले में सरकारी व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए लगातार निगरानी की जा रही है। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा किए गए इस तरह के निरीक्षण कई अहम कारणों से महत्वपूर्ण हैं:

:सुरक्षा व्यवस्था की मजबूती – कलेक्ट्रेट और शहर के मुख्य चौराहों पर निगरानी सिस्टम को अपडेट और सक्रिय रखने से किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत एक्शन लिया जा सकता है।

  1. कर्मचारियों की जवाबदेही – औचक निरीक्षण से सरकारी कर्मचारियों में जिम्मेदारी की भावना बढ़ती है और वे अपने कर्तव्यों का पालन बेहतर तरीके से करते हैं।
  2. साफ-सफाई और रखरखाव – सरकारी भवनों और कार्यालयों की स्वच्छता और मरम्मत व्यवस्था सुनिश्चित करने से कार्यक्षमता में सुधार होता है।
  3. जनता की सुविधा – जब प्रशासनिक कार्यालयों की व्यवस्था सही होगी तो आम जनता को भी अपने कार्यों को कराने में सुविधा होगी।

मुजफ्फरनगर प्रशासन की सक्रियता का असर

मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन पिछले कुछ समय से अपने कड़े फैसलों और लगातार निरीक्षण अभियानों के कारण चर्चा में है। कुछ ही दिन पहले जिलाधिकारी ने तहसील और अन्य सरकारी कार्यालयों में औचक निरीक्षण कर अधिकारियों और कर्मचारियों को कड़े निर्देश दिए थे।

इसके अलावा, जिले में अवैध निर्माण, अतिक्रमण और अन्य गैर-कानूनी गतिविधियों के खिलाफ भी प्रशासन सख्त रुख अपनाए हुए है। हाल ही में प्रशासन ने कई अवैध कब्जों को हटाने का अभियान चलाया था, जिसमें सरकारी जमीन पर किए गए अतिक्रमण को ध्वस्त किया गया था।


क्या कहते हैं शहरवासी?

शहर के निवासियों ने जिलाधिकारी के इस निरीक्षण अभियान का स्वागत किया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन की सक्रियता से सरकारी व्यवस्था में सुधार देखने को मिल रहा है।

राकेश कुमार, स्थानीय व्यापारी:
“इस तरह के औचक निरीक्षण होने चाहिए ताकि सरकारी कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लें। प्रशासन की यह पहल सराहनीय है।”

सुमन गुप्ता, गृहिणी:
“कलेक्ट्रेट और अन्य सरकारी कार्यालयों में स्वच्छता और सुरक्षा व्यवस्था पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। जिलाधिकारी द्वारा उठाया गया यह कदम सही दिशा में एक प्रयास है।”


भविष्य में और सख्ती की उम्मीद

प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, जिलाधिकारी द्वारा किए गए इस औचक निरीक्षण के बाद अन्य सरकारी विभागों में भी इसी तरह के निरीक्षण किए जा सकते हैं। सरकारी कार्यों में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी सख्त कार्रवाई की जा सकती है।

इसके अलावा, प्रशासन जिले में डिजिटल निगरानी प्रणाली को और मजबूत करने की योजना बना रहा है ताकि सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को और प्रभावी बनाया जा सके।


मुजफ्फरनगर प्रशासन की यह सक्रियता दर्शाती है कि सरकारी व्यवस्थाओं में सुधार के लिए लगातार निगरानी की जा रही है। जिलाधिकारी उमेश कुमार मिश्रा के इस औचक निरीक्षण ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जिले में सरकारी कार्यालयों की स्वच्छता, सुरक्षा और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रशासन के इस सख्त रुख से सरकारी तंत्र में अनुशासन बढ़ेगा और जनता को अधिक सुविधाएं मिलेंगी।

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