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Maldives के तेवर बदल रहे हैं: चीन के दबाव और भारत के साथ संबंध: 2बार मालदीव गया चीन का जासूसी जहाज, फिर भी ….

Maldives एक छोटे से द्वीप समूह है जो हिंद महासागर के अन्दर स्थित है और इसकी सुंदरता, पर्यटन, और सांस्कृतिक विविधता से विख्यात है। इसके इतिहास और संस्कृति में भी गहराई और विविधता है। हाल ही में इस देश में हुई घटनाओं ने विवाद और चर्चाओं को जन्म दिया है। एक ऐसा मामला है जो चीन और भारत के बीच तनातनी की ओर इशारा करता है।

मालदीव सरकार के प्रमुख मोहम्मद मुइज्जू ने हाल ही में एक बयान जारी किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि चीन के समुद्री अनुसंधान जहाज को मालदीव के जल क्षेत्र में अनुसंधान करने की अनुमति नहीं दी गई है। उन्होंने इसकी वजह बताई है कि हिंद महासागर की शांति और सुरक्षा उसके पड़ोसी देशों के लिए महत्वपूर्ण हैं, जिसमें भारत भी शामिल है।

चीन के इस नजरिए का मुख्य लक्ष्य है अपनी विस्तारवादी रणनीतियों को मजबूत करना। इसके लिए वह अपने विज्ञान और अनुसंधान क्षेत्र में विभिन्न देशों के साथ सहयोग और अनुसंधान का सहारा लेता है। लेकिन इसके साथ ही यह भी सत्य है कि इसके अनुसंधान जहाजों के पास रहने का भी खतरा है, जिन्हें दुनिया भर के देश खतरा मानते हैं।

मालदीव के विदेश मंत्री का इस बयान से स्पष्ट होता है कि देश चीन के विस्तारवादी अभियान के खिलाफ खड़ा है और इसे अपने जल क्षेत्र में चीनी अनुसंधान जहाजों को नहीं आने देगा। यह एक महत्वपूर्ण संकेत है और इसे ध्यान में रखना चाहिए।

इस घटना से स्पष्ट होता है कि भारत के आसपास के देश चीन के विस्तारवाद के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं और इसे लेकर विचार विमर्श हो रहा है। भारत को भी इस तरह के दिवसों में अपनी रक्षा और सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए अपनी रणनीति को समीक्षित करने की जरुरत है।

मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार ने मालदीव के जल क्षेत्र में अनुसंधान उद्देश्यों के लिए चीनी जहाज को अनुमति नहीं दी है. मालदीव के विदेश मंत्री का यह बयान ऐसे वक्त में आया है, जब चीन का समुद्री अनुसंधान जहाज (जिसे जासूसी जहाज के तौर पर देखा जा रहा है) जियांग यांग होंग 3 फिर से मालदीव पहुंचा है. यह बीते दो महीने में दूसरी बार है, जब चीन का जासूसी जहाज मालदीव पहुंचा है.

भारत दौरे पर आए मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने कहा, ‘हिंद महासागर की शांति और सुरक्षा भारत, मालदीव, श्रीलंका और हमारे पड़ोस के बाकी देशों के लिए महत्वपूर्ण है. इसलिए, जैसा कि मैंने पहले कहा था, हम साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे. चीनी जहाज के मालदीव यात्रा को लेकर विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने व्यक्तिगत रोटेशन और मैत्रीपूर्ण पोर्टेबल परमिट जारी किए और चीनी पक्ष से राजनयिक मंजूरी मिली, जो मालदीव में बहुत आम है.

उन्होंने आगे कहा, ‘तो यह इसी तरह हुआ है कि हम एक शांतिपूर्ण देश के रूप में उन जहाजों का स्वागत करते हैं, जो शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए आते हैं. लेकिन वे मालदीव के जल क्षेत्र में अनुसंधान के लिए नहीं आए, हमने मालदीव के जल क्षेत्र में अनुसंधान के लिए चीनी जहाज को अनुमति नहीं दी है.’ मालदीव के विदेश मंत्री मूसा ज़मीर ने कहा कि मालदीव के जल क्षेत्र में रिसर्च करने वाले जहाजों का स्वागत नहीं है.

समाज के लिए भी इस घटना का महत्व है। यह दिखाता है कि अन्य देशों के साथ सहयोग और समरसता में ही हमारी सुरक्षा है। इससे हमें यह सिखने को मिलता है कि विश्व में एकजुटता और समरसता का होना कितना महत्वपूर्ण है।

इस तरह की घटनाएं हमें यह याद दिलाती हैं कि हमें अपने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने की आवश्यकता है। इससे हमारा समाज और देश दोनों ही फायदा उठा सकता है और हम एक सुरक्षित और विकसित भविष्य की ओर अग्रसर हो सकते हैं।

 

News-Desk

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