Gautam adani से मिलीं Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री Mamata Banerjee ने मशहूर उद्योगपति Gautam adani से मुलाक़ात की। मुलाक़ात की तस्वीरें सामने आने पर यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास ने ममता बनर्जी के रणनीतिक सलाहकार प्रशांत किशोर पर निशाना साधा।
यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास ने Mamata Banerjee और गौतम अडानी के बीच हुई मुलाक़ात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा कि भाई PK, कम से कम सेठ जी तो दूसरा ढूंढ लेते। दरअसल बंगाल चुनाव के बाद से ही ममता बनर्जी अलग अलग राज्यों में जाकर वहां के प्रमुख लोगों से मुलाक़ात कर रही हैं और प्रशांत किशोर को ही इन मुलाकातों का रणनीतिकार माना जा रहा है।
Mamata Banerjee और गौतम अडानी की मुलाक़ात पश्चिम बंगाल के राज्य सचिवालय में हुई। इस दौरान दोनों के बीच की मुलाक़ात करीब डेढ़ घंटे तक चली। मुलाक़ात के बाद गौतम अडानी ने भी इसकी पुष्टि करते हुए तस्वीर अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा की और लिखा कि ममता बनर्जी के साथ पश्चिम बंगाल में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा हुई। साथ ही उन्होंने कहा कि वे अगले साल अप्रैल में होने वाले बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट में भी शिरकत करेंगे।
Delighted to meet @MamataOfficial, Hon'ble Chief Minister Mamata Banerjee.
Discussed different investment scenarios and the tremendous potential of West Bengal. I look forward to attending the Bengal Global Business Summit (BGBS) in April 2022. pic.twitter.com/KGhFRJYOA4— Gautam Adani (@gautam_adani) December 2, 2021
बैठक Mamata Banerjee के मुंबई दौरे के बाद हुई। बुधवार को Mamata Banerjee ने मुंबई में सिविल सोसायटी के लोगों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने जावेद अख्तर, महेश भट्ट, सुधींद्र कुलकर्णी, शत्रुधन सिन्हा, स्वरा भास्कर सहित कई लोगों से भेंट की। इसके अलावा उन्होंने अपने मुंबई दौरे पर एनसीपी नेता शरद पवार से भी मुलाक़ात किया और विपक्षी एकता का आह्वान करते हुए यूपीए के अस्तित्व पर ही सवाल उठा दिया।
बयान के बाद कांग्रेस ममता पर हमलावर हो गई। ममता के रणनीतिक सलाहकार प्रशांत किशोर ने उनका बचाव करते हुए ट्वीट कर कांग्रेस पर निशाना साधा। प्रशांत किशोर ने कहा कि कांग्रेस जिस विचार और स्थान का प्रतिनिधित्व करती है वो एक मजबूत विपक्ष के लिए काफ़ी अहम है।
लेकिन कांग्रेस नेतृत्व को दैवीय अधिकार नहीं है वो भी तब जब पार्टी पिछले 10 सालों में 90 फीसदी चुनावों में हारी है। विपक्ष के नेतृत्व का फ़ैसला लोकतांत्रिक तरीके से होने दें।