Meerut News: रोडवेज निजीकरण के खिलाफ 7 दिसम्बर को प्रदेश भर के देंगे एक दिवसीय विशाल धरना
Meerut News: State Roads Transportation Corporation के निजीकरण की प्रक्रिया के खिलाफ काफी समय से मुखर रहे कर्मचारियों के संगठन एक बार फिर आंदोलित हो उठे हैं। रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने आज इस संबंध में निगम के प्रबन्ध निदेशक को आंदोलन का नोटिस थमा दिया है।
परिषद के महामंत्री गिरीश मिश्र ने आज आंदोलन का एलान करते कहा है कि सरकार ने परिवहन निगम के कारोबार को समेट कर इसके अस्तित्व को समाप्त करने जैसी स्थिति उत्पन्न पैदा कर दी है। ऐसे में हमारे पास आंदोलन के सिवाय अब कोई चारा नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि आंदोलन की शुरुआत में परिवहन निगम के नियमित, संविदा व आउटसोर्स आदि सभी संवर्गो के कर्मचारी 7 दिसम्बर को प्रदेश भर के प्रत्येक क्षेत्र में एक दिवसीय विशाल धरना देंगे।
यदि इसके बाद भी निगम प्रबन्धन व शासन द्वारा मांगों की पूर्ति के लिए सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया तो फिर 20 दिसम्बर को मांगों की पूर्ति की अद्यतन स्थिति की समीक्षा कर आंदोलन को और तेज करने के लिए निर्णय लिया जाएगा।
परिषद के महामंत्री गिरीश मिश्र के अनुसार यह भी निर्णय लिया गया है कि यदि निगम प्रबन्धन व शासन ने समय रहते मांगों पर निर्णय करने की बजाय कर्मचारियों को आंदोलन के प्रति हतोत्साहित करने के उद्देश्य से किसी स्तर पर कोई उत्पीड़नात्मक कार्यवाही करता है, तो यह आंदोलन घोषित दिनांक से पूर्व भी प्रारंभ हो सकता है, जिसकी अलग से कोई नोटिस नहीं दी जाएगी।
गत ढाई सालों से रोडवेज बेड़े में नई बसें नहीं आई हैं। ऐसे में निगम का बस बेड़ा जर्जर हो चुका है और यह जर्जर बस बेड़ा से स्पेयर पाटर्स के अभाव व कर्मचारियों की कमी के चलते प्रिवेन्टिव मेन्टीनेंस विधिवत न होने के कारण और अधिक जीर्ण-शीर्ण होता जा रहा है। यहां तक कि पहले बैट्रियों के अभाव में और फिर टायरों के अभाव में प्रत्येक डिपो में दर्जनों बसें ऑफ रोड खड़ी रही हैं।
हमने पांच सूत्रीय मांगो को लेकर एमडी रोडवेज को आज नोटिस दिया है। नोटिस में दी गई प्रमुख मांगों में जुलाई 2018 से बकाया महंगाई भत्ते की किश्तों का देय दिनांक से भुगतान कराये जाने तथा कई निगमों में निगम निदेशक मंडल से अनुमोदनोपरान्त मंहगाई भत्ता भुगतान करने की व्यवस्था परिवहन निगम में लागू की जाए
जेन्यून स्पेयर पाटर्स की भारी कमी को तत्काल दूर कर बसें ऑन रोड की जाएं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम को उत्तर प्रदेश राजकीय रोडवेज में पुनर्गठन किया जाए आदि.

