मिडिल ईस्ट में जंग की आग: Israel का कहर, हिजबुल्लाह और हमास का अंत करने का दावा – दुनिया हुई दो खेमों में बंटी
नई दिल्ली: मिडिल ईस्ट में इस वक्त जंग की लपटें और गहरी होती जा रही हैं। Israel ने हाल ही में फिलिस्तीन में हमास और लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ जोरदार हमले शुरू किए हैं। इजरायल का दावा है कि वह इन दोनों संगठन को समाप्त करने का इरादा रखता है और इसके लिए उसने लगातार बमबारी की योजना बनाई है। इजरायल की इस कड़ी कार्रवाई के चलते बड़ी संख्या में नागरिक भी मारे गए हैं। मंगलवार को हुए हमले में लेबनान में 77 और गाजा में 143 लोगों की जान चली गई, जिनमें कई मासूम बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं। इसके बाद पूरी दुनिया में इजरायल की तीखी आलोचना होने लगी है।
जंग के गहरे बादल: इजरायल-ईरान तनाव का उभार
Israel और ईरान के बीच तनाव की स्थिति पहले से ही थी, मगर अब इसमें और तेजी आ गई है। ईरान ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर इजरायल ने उसकी सुरक्षा को खतरे में डाला तो वह भी हमला करने से पीछे नहीं हटेगा। ईरान और इजरायल के बीच इस तनाव के कारण मिडिल ईस्ट के अन्य देशों में भी आशंका की स्थिति बन गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस युद्ध का असर पूरे क्षेत्र पर पड़ेगा और संभवतः ईरान इजरायल पर पलटवार भी कर सकता है।
युद्ध में आम नागरिकों की जानमाल का नुकसान
इजरायल द्वारा लगातार की जा रही बमबारी का सबसे दुखद पहलू यह है कि इसमें बड़ी संख्या में आम नागरिक मारे जा रहे हैं। लेबनान और गाजा में बच्चों और महिलाओं की मौत ने मानवीय संवेदनाओं को झकझोर कर रख दिया है। कई अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने इजरायल की इन सैन्य कार्यवाहियों की कड़ी निंदा की है। संयुक्त राष्ट्र सहित कई देशों ने भी इस युद्ध को रोके जाने की मांग की है ताकि आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
हिजबुल्लाह और हमास का जवाबी हमला: क्या ये संगठन इजरायल को हिला देंगे?
हालांकि इजरायल ने हमास और हिजबुल्लाह को समाप्त करने का प्रण लिया है, मगर इन संगठनों ने भी इजरायल को जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। हिजबुल्लाह ने हाल ही में लेबनान से इजरायली क्षेत्रों में रॉकेट हमले किए, जिसमें कुछ इजरायली नागरिक भी घायल हुए हैं। इसी तरह हमास ने भी गाजा से इजरायली क्षेत्रों पर रॉकेट दागे, जिससे वहां की जनता में भय और चिंता का माहौल बन गया है। इस समय दोनों ओर से हमले जारी हैं और कोई भी पक्ष पीछे हटने को तैयार नहीं दिख रहा।
अमेरिका की भूमिका: इजरायल की निंदा या समर्थन?
इजरायल के इन हमलों को लेकर अमेरिका की प्रतिक्रिया ने भी सबका ध्यान आकर्षित किया है। पहले जहां अमेरिका ने इजरायल के हमलों का बचाव किया था, वहीं अब अमेरिकी प्रशासन की ओर से भी इजरायल की आलोचना सुनने में आ रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति और अन्य शीर्ष अधिकारियों ने इजरायल को समझाया है कि बेकसूर नागरिकों की मौत से बचने के उपाय किए जाएं। हालांकि, अमेरिका ने अभी भी इजरायल को सैन्य समर्थन देना जारी रखा है, जिससे यह स्पष्ट है कि वह इजरायल के खिलाफ नहीं जा रहा।
मिडिल ईस्ट में बंटती दुनिया: क्या यह नया विश्व युद्ध का संकेत है?
इजरायल और हिजबुल्लाह, हमास के बीच हो रही इस लड़ाई ने पूरी दुनिया को दो खेमों में बांट दिया है। जहां कुछ देश इजरायल के समर्थन में खड़े हैं, वहीं कई अन्य देश इसे मानवीय संकट मानते हुए इसकी निंदा कर रहे हैं। इसके अलावा रूस और चीन जैसे बड़े देश भी इस पूरे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं और स्थिति को ध्यान में रखते हुए अपनी प्रतिक्रिया देने की तैयारी में हैं। कई विशेषज्ञ इस बात से चिंतित हैं कि अगर जल्द ही इस विवाद का समाधान नहीं निकला, तो यह जंग एक बड़े विश्व युद्ध का रूप ले सकती है।
शांति की उम्मीदों पर पानी: क्या राजनयिक समाधान संभव है?
इस संकट को खत्म करने के लिए कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और देशों ने मध्यस्थता करने की पहल की है। संयुक्त राष्ट्र ने भी इजरायल और फिलिस्तीन के बीच एक दीर्घकालिक शांति स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है। इसके साथ ही यूरोपीय यूनियन और कई अरब देश भी इस जंग को खत्म करने के लिए वार्ता का समर्थन कर रहे हैं। लेकिन Israel और हिजबुल्लाह, हमास के बीच गहरे मतभेद और अविश्वास के चलते शांति वार्ता के रास्ते कठिन नजर आ रहे हैं। दोनों ही पक्ष अपनी अपनी शर्तों पर अड़े हुए हैं, जिससे एक त्वरित समाधान की संभावना कम है।
युद्ध का भविष्य: आगे क्या हो सकता है?
मिडिल ईस्ट में इस समय युद्ध की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। हर दिन इस जंग में नई चुनौतियाँ खड़ी हो रही हैं और मिडिल ईस्ट के देशों में संघर्ष का माहौल बन रहा है। इजरायल और ईरान के बीच का तनाव किसी भी वक्त एक भयंकर युद्ध में बदल सकता है, जो पूरे क्षेत्र के लिए खतरा साबित हो सकता है। वैश्विक शक्ति संतुलन भी इस समय दांव पर है, और मिडिल ईस्ट का यह संकट पूरे विश्व पर असर डाल सकता है।
मिडिल ईस्ट का भविष्य किस दिशा में जा रहा है?
मिडिल ईस्ट में चल रही इस लड़ाई ने पूरे विश्व को हिला कर रख दिया है। इस युद्ध का प्रभाव सिर्फ मिडिल ईस्ट तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसका असर आर्थिक, राजनैतिक और सामरिक तौर पर पूरी दुनिया पर पड़ेगा। मिडिल ईस्ट के इस विवाद से कई देशों में तेल की कीमतें बढ़ रही हैं और वहां की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है। इस युद्ध में शामिल सभी पक्षों को चाहिए कि वे जल्द ही इस समस्या का समाधान ढूंढें ताकि मिडिल ईस्ट की धरती पर शांति स्थापित हो सके और वहां के लोग एक बार फिर सुरक्षित जीवन जी सकें।