Israel ने तीन मंजिला मकान पर मिसाइल दागी, 25 फिलिस्तीनियों की मौत
गाजा शहर में रविवार को इजरायली हमलों में 25 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई. चिकित्सा सूत्रों और प्रत्यक्षदर्शियों ने रविवार को यह जानकारी दी.समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने चिकित्सा सूत्रों के हवाले से बताया कि गाजा शहर के ज़ायटौन में एक आवासीय इमारत पर युद्धक विमानों के हमले में बच्चों सहित 15 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए.
स्थानीय सूत्रों और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, युद्धक विमानों ने बिना किसी पूर्व चेतावनी के तीन मंजिला मकान पर मिसाइल दागी. Israel के सरकारी स्वामित्व वाले कान टीवी समाचार के अनुसार, इज़राइली सेना 20 फरवरी से हमास से संबंधित बुनियादी ढांचे को निशाना बनाकर कार्रवाई कर रही है. उसी दिन, गाजा शहर के पश्चिम में तटीय सड़क पर इजराइली हवाई हमलों में 10 फिलिस्तीनी मारे गए थे.
स्थानीय सूत्रों और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि इजरायली बलों ने सहायता ट्रकों की प्रतीक्षा कर रहे व्यक्तियों को निशाना बनाकर गोले दागे और हवाई हमले किए. इनमें से 10 लोग मारे गए और अन्य घायल हो गए.
गाजा शहर में हुए इजरायली हमलों में 25 फिलिस्तीनियों की मौत के बाद, दुनिया भर में इस दुखद घटना की चर्चा हो रही है. इस हमले के पीछे इजरायली सेना की कार्रवाई को लेकर उठने वाले सवालों के साथ-साथ, मोरलिटी और इंसानियत की मामूलीता पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है.
चिकित्सा सूत्रों और प्रत्यक्षदर्शियों की जानकारी के अनुसार, इजरायली सेना ने गाजा शहर के ज़ायटौन में स्थित एक आवासीय इमारत पर हमला किया, जिसमें बच्चों सहित 15 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. इस हमले में सिर्फ जिज्ञासा और सवालों की बौछार नहीं उत्पन्न हो रही है, बल्कि यह भी मोरलिटी और मानवता के सवालों को उठा रहा है.
स्थानीय सूत्रों और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इजरायली सेना ने तीन मंजिला एक आवासीय इमारत पर मिसाइल दागी, बिना किसी पूर्व चेतावनी के. इससे स्थानीय लोगों में हैरानी और आत्मघाती भावना का सामना करना पड़ा. इसके बाद हुए हमले में गाजा शहर के पश्चिम में तटीय सड़क पर इजराइली हवाई हमलों में 10 फिलिस्तीनी मौके पर मर गए थे.
इजराइली सरकार के तर्क के अनुसार, इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य हमास से संबंधित बुनियादी ढांचे को निशाना बनाना था. यह इजराइली सेना की तरफ से दावा है कि वे नकरात्मक गतिविधियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं और इसका लक्ष्य अपने नागरिकों की सुरक्षा है. हालांकि, इस घटना ने साबित किया है कि इस तरह की कठिनाईयों में जिन्हें सबसे ज्यादा नुकसान होता है, वह आम जनता ही होती है.
स्थानीय सूत्रों और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इजराइली बलों ने सहायता ट्रकों की प्रतीक्षा कर रहे व्यक्तियों को निशाना बनाकर गोले दागे और हवाई हमले किए. इसके परिणामस्वरूप, 10 लोगों की मौके पर मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. इससे यह सवाल उठता है कि क्या इस तरह की कठिनाइयों का हल जबरदस्ती से होना चाहिए, या फिर समाधान के लिए बातचीत और दिप्लोमेसी का ही सही माध्यम है?
इस दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में, दुनिया भर के नेताओं को शांति और समझौते की दिशा में कदम बढ़ाने की आवश्यकता है. इस घटना ने सिर्फ एक ही क्षेत्र के लोगों को ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व को भी यह दिखा दिया है कि असंतुलन से होने वाले विस्तारित संघर्षों का समाधान आपसी बातचीत, समझौता और सशक्त दिप्लोमेसी में ही है.
इस दुखद समय में, शोकग्रस्त परिवारों के प्रति हमारी संवेदनाएँ हैं और हम उनके साथ हैं. हम सभी को इस संघर्ष को शांति और समृद्धि की दिशा में समाधान निकालने के लिए सामंजस्य और धैर्य बनाए रखने का आह्वान करते हैं.