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खाद्यान घोटाले पर मंत्री गंभीर: डीएम से लिखित में मांगी सभी जानकारी

 मुजफ्फरनगर-जिले में पिछले दिन कोरोना संकट में खाद्यान बांटने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है,जिले के दो मंत्रियों ने इस मामले में जिलाधिकारी को पत्र लिखकर हर बिंदु पर जवाब माँगा है,मंत्रियों के इस रूख के बाद अब मामले में बड़ी कार्यवाही होने की सम्भावना बन गयी है

अवगत ही है कि पिछले सप्ताह ही लखनऊ से आये नोडल अधिकारी आर.एन.यादव ने जब चरथावल में प्रवासी मजदूरों को रखने के लिए बनाये गए सेंटर पर छापा मारा था

तो वहां खाना ही नहीं पहुंचा था और पता चला था कि खाना रोज ही ऐसे ही पहुँचता है और जब खाना पहुंचा भी, तो बहुत घटिया स्तर का था, जिस पर नोडल अधिकारी ने सारी जानकारी जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे को दी

डीएम से लिखित में मांगी सभी जानकारी.,डीएम बोली-पूरी जांच होगी,जो दोषी होगा, बख्शा नहीं जाएगा

तो जिलाधिकारी ने खाद्यान आपूर्ति करने वाली फर्म पर तत्काल छापा मारने एसडीएम खतौली इन्द्रकांत दिवेदी और खाद्य विभाग की टीम को छापा मारने के निर्देश दिए.टीम वहां पहुंची तो पता चला कि वहां तो फर्म का नवीनीकरण ही नहीं है और व्यवस्था बहुत ख़राब है,जिस पर उस फर्म को सील कर दिया गया है और सेम्पल ले लिए गए |

जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने इस मामले में तत्काल तहसीलदार सदर पुष्कर राय चौधरी को प्राथमिक स्तर पर दोषी मानते हुए,निलंबित कर दिया जबकि अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमित सिंह को अवकाश पर भेज दिया और पूरे मामले की जाँच अपर जिलाधिकारी वित्त आलोक कुमार को सौंप दी |

इस मामले में बुधवार को केन्द्रीय पशुधन राज्य मंत्री संजीव बालियान ने विकास भवन में बैठक ली थी जिसमे प्रदेश के दोनों मंत्री व तीनो विधायकों समेत सभी अफसर मौजूद थे तो उसमे मंत्रियों ने जिलाधिकारी से खाद्यान की पूरी रिपोर्ट मांगी थी

लेकिन अभी तक रिपोर्ट न मिलने पर मंत्रियों ने जिलाधिकारी को लिखित पत्र भेज कर जवाब तलब किया है |

केन्द्रीय मंत्री ने जिलाधिकारी को भेजे पत्र में पूछा है कि जिले में जो 11 हजार किट खरीदी गयी वो किस फर्म से खरीदी गयी ?,क्या प्रक्रिया अपनाई गयी.?.कौन नोडल अधिकारी था.?,कैसे टेंडर हुए.?.भुगतान कैसे हुआ और कितना हुआ.?

.साथ ही कौन लाभार्थी है, जिन्हें बांटा गया | प्रदेश के राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल ने तो यह भी पूछा है कि प्रदेश से कितना फंड आया..? और उसमे कितना कहाँ खर्च हुआ..?

साथ ही जब हर तहसील को धन आबंटित कर दिया गया था तो एक ही फर्म को खरीद का आदेश क्यों दिया गया ? जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने बताया कि इस खरीद का पूरा विवरण अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमित सिंह के ही पास है इसलिए मंत्रियो के पत्रों को अपर जिलाधिकारी प्रशासन को ही भेज दिया गया है

उनसे हर बिंदु पर विस्तृत जवाब माँगा गया है और तुरंत ही सभी सूचना मंत्रियों को उपलब्ध करा दी जायेगी |उन्होंने कहा कि खाद्यान में अगर कोई भी दोषी होगा, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा

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