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Muzaffarnagar जेल में नशा मुक्ति अभियान: अपराध की अंधेरी राह छोड़ने का संकल्प

मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar ) नशे की लत एक धीमा जहर है, जो सिर्फ एक इंसान को ही नहीं, बल्कि पूरे समाज और परिवार को भी तबाह कर देता है। इसी कड़ी में मुजफ्फरनगर जिला कारागार में नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत एक विशेष नशा मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अभियान में समाज कल्याण विभाग और आधारशिला ग्रामोत्थान सेवा संस्थान की अहम भूमिका रही, जिसमें जेल में बंद कैदियों को नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराते हुए उन्हें एक नया जीवन शुरू करने की प्रेरणा दी गई।

कैदियों को सुधरने का मौका, नशे को कहें ना!

कार्यक्रम के दौरान जिला समाज कल्याण अधिकारी विनीत मलिक ने कैदियों को संबोधित करते हुए कहा कि नशा न केवल व्यक्ति को खोखला कर देता है, बल्कि उसके रिश्तों को भी बर्बाद कर देता है। उन्होंने कैदियों से अपील की कि वे नशे की लत को हमेशा के लिए त्यागें और समाज में दोबारा अपने सम्मानजनक स्थान को प्राप्त करें।

उन्होंने कहा,
“नशे का कोई फायदा नहीं है, यह आपको अपनों से दूर कर देता है और अपराध की राह पर धकेलता है।”

उनका यह संदेश कैदियों के दिलों तक पहुंचा और उन्होंने भविष्य में नशे से दूर रहने की शपथ ली।

नशे से मुक्त होकर समाज की मुख्यधारा में लौटें

इस कार्यक्रम में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. प्रशांत कुमार ने भी कैदियों को प्रेरित करते हुए कहा कि नशा सिर्फ एक मानसिक आदत है, जिसे मजबूत इच्छाशक्ति से छोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा,

“हर व्यक्ति के जीवन में एक मौका आता है, जब वह खुद को बदल सकता है। अगर आप चाहें, तो अपराध और नशे की दुनिया को छोड़कर एक नई और अच्छी जिंदगी शुरू कर सकते हैं।”

डॉ. कुमार ने कैदियों को समझाया कि नशे का आकर्षण सिर्फ कुछ समय के लिए होता है, लेकिन इसका परिणाम पूरी जिंदगी को बर्बाद कर देता है। उन्होंने सकारात्मक सोच, योग, ध्यान और अन्य रचनात्मक कार्यों में व्यस्त रहने की सलाह दी, ताकि वे अपनी पुरानी आदतों को छोड़कर एक नए भविष्य की ओर बढ़ सकें।

नशा सिर्फ एक आदत नहीं, एक सामाजिक बीमारी है!

कार्यक्रम में डॉ. कुमी ग्रेवाल ने भी कैदियों को संबोधित किया और नशे के दीर्घकालिक दुष्प्रभावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि नशा सिर्फ व्यक्ति को ही नहीं, बल्कि उसके परिवार और आने वाली पीढ़ियों को भी प्रभावित करता है।

“अगर आप खुद को बचाना चाहते हैं, तो सबसे पहले नशे से छुटकारा पाना होगा। नशे में कोई सुख नहीं, सिर्फ भ्रम है।”

उन्होंने कैदियों को समझाया कि नशे की वजह से ही अपराध की दुनिया पनपती है। अगर व्यक्ति नशे से दूर रहे, तो वह कभी अपराध की ओर नहीं बढ़ेगा।

जेल अधीक्षक ने किया सम्मानित, कैदियों को सुधारने का मिला संदेश

इस विशेष जागरूकता कार्यक्रम के दौरान जेल अधीक्षक अभिषेक चौधरी ने सभी अतिथियों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया और जेल प्रशासन की ओर से उनका आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि यह जेल सिर्फ सजा काटने की जगह नहीं, बल्कि सुधार और आत्म-परिवर्तन की भी जगह है।

“हमारा लक्ष्य सिर्फ सजा देना नहीं, बल्कि सुधार भी करना है। हम चाहते हैं कि यहां से निकलने के बाद आप एक बेहतर इंसान बनें और समाज की मुख्यधारा में शामिल हों।”

कैदियों के लिए रोजगार और पुनर्वास की भी योजना

इस कार्यक्रम के दौरान चर्चा हुई कि कैदियों के सुधार और पुनर्वास के लिए उन्हें रोजगार और शिक्षा के अवसर भी दिए जाएंगे।

  • कैदियों को हस्तशिल्प, सिलाई, बढ़ईगिरी, और अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण दिए जाएंगे।

  • मनोरोग विशेषज्ञों द्वारा परामर्श सत्र आयोजित किए जाएंगे, ताकि वे अपनी भावनाओं को सही दिशा में ले जा सकें।

  • नशा मुक्ति केंद्रों से सहयोग लेकर विशेष पुनर्वास कार्यक्रम चलाए जाएंगे।

नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने की अपील

समाजसेवी नादिर राणा और संस्था के अध्यक्ष वसीम अहमद ने भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया और कैदियों को नशे से दूर रहने और अपने अनुभवों से समाज को जागरूक करने की अपील की।

“आप अपनी गलती से सीखें और दूसरों को भी सिखाएं। अगर आप दूसरों को नशे से बचा सकते हैं, तो यह आपके जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी।”

कैदियों के लिए यह कार्यक्रम बना उम्मीद की किरण!

इस पूरे कार्यक्रम में कैदियों ने बहुत ध्यान से सभी बातों को सुना और भविष्य में नशे और अपराध से दूर रहने की शपथ ली।

  • कई कैदियों ने कहा कि वे अब अपने परिवार के लिए एक नई शुरुआत करेंगे।

  • कुछ कैदियों ने नशा छोड़ने के संकल्प पत्र पर हस्ताक्षर भी किए।

इस अभियान ने न सिर्फ कैदियों के जीवन में बदलाव लाने की पहल की, बल्कि समाज में भी एक सकारात्मक संदेश दिया कि हर कोई बदल सकता है, अगर उसे सही दिशा मिले!


समाज में एक नई क्रांति की जरूरत!

आज जब नशा और अपराध की लत युवाओं को बर्बाद कर रही है, ऐसे में इस तरह के जागरूकता अभियान बहुत जरूरी हैं। यह कार्यक्रम साबित करता है कि हर इंसान को दूसरा मौका मिलना चाहिए, क्योंकि बदलाव हमेशा संभव है!

🔥 तो क्या आप भी इस मुहिम का हिस्सा बनेंगे? अपने आस-पास के लोगों को नशे से बचाने में मदद करें और समाज को नशा मुक्त बनाएं! 💪

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