Muzaffarnagar News: प्राकृतिक खेती पर किसान गोष्ठी का आयोजन
जानसठ। (Muzaffarnagar News) भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान संस्थान मोदीपुरम मेरठ द्वारा भारतीय इंटर कॉलेज नंगला मंदोड के प्रांगण में अन्नदाता देवो भवः के अंतर्गत प्राकृतिक खेती के ऊपर एक किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें आसपास के गांवों के ४५० से अधिक किसानों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों शिक्षाविदों व आम जन सामान्य को खेती एवं कृषकों के प्रति सम्मान पैदा करने व उनके महत्व को समझाने पर केंद्रित था। कृषि प्रणाली संस्थान के निदेशक डॉ. आजाद सिंह पंवार ने बताया कि आजादी के बाद हमारे देश के किसानो ने जी तोड़ मेहनत करके देश को कृषि के क्षेत्र में विश्व में अग्रिम पटल पर लाकर खड़ा कर दिया है, जिसके कारण हमारा देश आज कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन गया है।
उन्होंने यह भी बताया कि कृषि प्रणाली संस्थान ने ६० से अधिक समेकित कृषि प्रणाली मॉडल और कई जैविक कृषि प्रणाली मॉडल के द्वारा देश के किसानों की खाद्य आजीविका एवं आय सुरक्षा सुदृढ़ करने पर दिन रात काम कर रहा है। निदेशक एव अतिथियों द्वारा क्षेत्र के जाने-माने प्रगतिशील किसानों व समाजसेवियों को सम्मानित भी किया गया।
तकनीकी सत्र के दौरान मुजफ्फरनगर जिले के उपनिदेशक कृषि डॉ राजेंद्र गन्ना शोध संस्थान के संयुक्त निदेशक डॉक्टर वीरेश सिंह जिला गन्ना अधिकारी डॉ आरडी द्विवेदी कृषि विभाग से विशेषज्ञ अरविंद शर्मा आदि वक्ताओं ने सरकार द्वारा किसानों के लिए कृषि एवं पशुपालन पर चलाई गई।
विभिन्न प्रकार की योजनाओं गन्ने पर आधारित कृषि प्रणाली से संबंधित योजनाओं गन्ने की प्रजातियों व उत्पादन तकनीकी के बारे में विस्तार से बताया। गन्ना शोध संस्थान के संयुक्त निदेशक डॉक्टर बिरेश सिंह ने बताया कि आज गन्ने की सीओ ०२३८ प्रजाति कई बीमारियों व कीड़ों के प्रति ग्राही हो गई है।
जिसके कारण हमें अन्य उन्नत प्रजातियों जैसे सीओएसई १३२३५, सीओ १५०२३ और सीओएलके १४२०१ के द्वारा गन्ना कृषि प्रणाली के विविधीकरण की सलाह दी गई। जिससे कि गन्ने की उपज बनाए रखने के साथ-साथ कीट एवं बीमारियों से होने वाले नुकसान को भी बचाया जा सके। डॉ. प्रकाश चंद्र घासल ने प्राकृतिक खेती की संकल्पना व तरीकों के बारे में किसानों को अवगत कराया।