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Russia-Ukraine War में नया मोड़: जेलेंस्की का सनसनीखेज दावा – रूस की तरफ से लड़ रहे चीनी सैनिक, दो बंदी बनाए गए!

कीव/डोनेट्स्क।Russia-Ukraine War की आग अब और भी तीव्र होती जा रही है और इस बार इसमें एक चौंकाने वाला अंतरराष्ट्रीय ट्विस्ट सामने आया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने आरोप लगाया है कि चीन के सैनिक अब रूस के साथ मिलकर यूक्रेन के खिलाफ मोर्चा संभाल रहे हैं। यही नहीं, उन्होंने दावा किया है कि यूक्रेनी सेना ने डोनेट्स्क क्षेत्र में दो चीनी नागरिकों को गिरफ्तार भी किया है, जो कथित रूप से रूसी सेना के लिए लड़ रहे थे।

इस आरोप ने पूरी वैश्विक राजनीति को हिला दिया है। युद्ध की स्थिति में एक तीसरे महाशक्ति देश का नाम आना न केवल अंतरराष्ट्रीय मंचों पर चिंता का विषय बन गया है, बल्कि इससे चीन की कथित तटस्थता पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।


डोनेट्स्क में चीनी सैनिकों से आमना-सामना, दो गिरफ्तार

ज़ेलेंस्की ने मंगलवार को कीव में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह सनसनीखेज खुलासा किया। उन्होंने कहा, “हमारी सेनाओं का डोनेट्स्क के समीप छह चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष हुआ। हमने उनमें से दो को पकड़ लिया है। इनके पास से पहचान पत्र, बैंक कार्ड, और कई गोपनीय दस्तावेज बरामद हुए हैं।”

यूक्रेनी खुफिया विभाग अब इन दोनों चीनी बंदियों से पूछताछ कर रहा है। शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार, वे रूसी सेना की एक इकाई के साथ मिलकर फ्रंटलाइन पर लड़ाई कर रहे थे।


जेलेंस्की का दो टूक: “चीन तटस्थ नहीं रहा, अब हम इसे सबूतों के साथ साबित करेंगे”

राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “यह कोई आरोप नहीं, बल्कि सच्चाई है। हम दुनिया के सामने सबूत पेश करेंगे कि कैसे चीन अब इस युद्ध में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। रूस अकेला नहीं लड़ रहा—उसके साथ अब चीन और उत्तर कोरिया जैसे देशों की छाया दिखाई दे रही है।”

उन्होंने यह भी कहा कि अगर स्थिति यूं ही बढ़ती रही, तो यह युद्ध केवल यूक्रेन-रूस तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह तीसरे विश्व युद्ध की ओर संकेत दे सकता है।


चीन की चुप्पी: अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं

इस गंभीर आरोप के बाद दुनिया की निगाहें बीजिंग की तरफ हैं, लेकिन चीन के विदेश मंत्रालय ने अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। यूक्रेन के दावे को लेकर चीन की चुप्पी को अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों ने “साइलेंट अप्रूवल” की तरह देखा है।

विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि बीजिंग इस मुद्दे पर खुलकर प्रतिक्रिया नहीं देता, तो उसका मौन खुद में बहुत कुछ कहता है।


कुर्स्क में उत्तर कोरियाई सैनिक, अब यूक्रेन में चीनी – ‘फ्रेंड्स ऑफ रूस’ की साजिश?

यह घटना ऐसे समय पर सामने आई है जब कुछ ही महीनों पहले उत्तर कोरिया ने भी अपने सैनिकों को रूस की मदद के लिए कुर्स्क क्षेत्र में भेजा था। उस समय भी यूक्रेन ने दावा किया था कि उत्तर कोरियाई सैनिकों ने मॉस्को की सेनाओं के साथ मिलकर यूक्रेनी क्षेत्रों पर हमले किए थे।

अब जब डोनेट्स्क में चीनी सैनिकों की मौजूदगी की बात सामने आ रही है, तो यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या रूस ने अब अपने वैश्विक सहयोगियों को भी इस युद्ध में सक्रिय कर दिया है?


जमीनी हालात: डोनेट्स्क बना ‘इंटरनेशनल बैटलफील्ड’

यूक्रेन के पूर्वी हिस्से डोनेट्स्क में हालात बेहद तनावपूर्ण हैं। रूसी सेना लगातार आक्रमण कर रही है और अब यूक्रेनी सूत्रों का कहना है कि विदेशी लड़ाके भी रूसी सेना के साथ देखे जा रहे हैं। इन लड़ाकों में न सिर्फ चीनी और उत्तर कोरियाई, बल्कि कुछ अफ्रीकी देशों से लाए गए लड़ाके भी हो सकते हैं।

यह इलाका धीरे-धीरे एक ‘इंटरनेशनल बैटलफील्ड’ का रूप लेता जा रहा है, जहां सिर्फ यूक्रेन और रूस ही नहीं, बल्कि अन्य देशों की छाया भी महसूस की जा रही है।


कैसे पकड़े गए चीनी सैनिक? यूक्रेनी सेना की ऑपरेशन डिटेल्स

यूक्रेनी सेना ने बताया कि यह ऑपरेशन रात के समय हुआ जब एक गुप्त सूचना के आधार पर डोनेट्स्क के बाहरी इलाके में छापेमारी की गई। यहां एक संदिग्ध बंकर में छिपे छह विदेशी सैनिक पाए गए।

संघर्ष के दौरान चार सैनिक अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले, लेकिन दो को पकड़ने में सफलता मिली। इनके पास मिले दस्तावेजों में चीनी भाषा में लिखे प्रशिक्षण दस्तावेज, नकद चीनी मुद्रा और रूसी सैन्य यूनिट के सिग्नल कोड पाए गए।


अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: अमेरिका और यूरोप सकते में

ज़ेलेंस्की के इस दावे के बाद अमेरिकी और यूरोपीय देशों में खलबली मच गई है। वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (Pentagon) ने इस दावे की स्वतंत्र जांच की बात कही है, वहीं यूरोपीय यूनियन ने कहा है कि “अगर यह सही है, तो चीन को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।”

एक पश्चिमी राजनयिक ने कहा, “यह युद्ध अब सीधा लोकतंत्र बनाम तानाशाही की लड़ाई बनता जा रहा है। अगर चीन इसमें कूद पड़ा है, तो हमें रणनीति बदलनी होगी।”

 

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