मुजफ्फरनगर की फैक्ट्रियों पर लगा एक करोड़ का जुर्माना, प्रदूषण और जब तक गंदगी नहीं हटेगी रोज बढ़ेगा, डीएम लेंगी रोज सफाई की रिपोर्ट
मुजफ्फरनगर/भोपा। जौली और जानसठ रोड़ पर भयंकर प्रदूषण फैला रही पेपर और गत्ता मिलो में प्लास्टिक का कचरा फूंकने से बढ़ रहे प्रदूषण से नागरिकों को कुछ राहत मिल सकती है, प्रदूषण विभाग ने पहली बार कार्यवाही करते हुए एक करोड़ का जुर्माना लगाया है।
इस इलाके में इन फैक्टरियों से फैल रहे प्रदूषण से अनेक प्रकार की गंभीर बीमारियों के फैलने से आसपास के गाँव मे दर्जनों लोग मौत के मुँह में समा चुके है। लगातार शिकायत के बावजूद प्रदूषण विभाग कोई सुनवाई नहीं करता है
लेकिन इस बार दो दर्जन पेपर, गत्ता मिलो के खिलाफ बड़ी कार्यवाही करते हुए एक करोड़ रुपये का जुर्माना किया है जिससे पेपर मिल मालिकों में हड़कम्प मच गया है।ये जुर्माना तब तक रोज बढ़ता रहेगा,जब तक फैक्ट्री मालिक अपने आसपास से पूरी तरह सफाई नहीं कर लेंगे, किसने कितनी सफाई कराई इसकी भी रिपोर्ट रोज जिलाधिकारी को दी जायेगी।
प्रदूषण विभाग के अधिकारियो की संतुति पर प्रदूषण विभाग लखनऊ द्वारा जनपद की 24 पेपर मिलो पर निकल रहे प्रदूषित पानी व भट्टियों में फूँके जा रहे प्लास्टिक कचरे से मिलो की चिमनियों से निकलने वाले धुंए से उत्पन्न हुए प्रदूषण से जनपद की हवा भी प्रदूषित होकर जहरीली हो चुकी हैं जिससे मिलो के आसपास के गाँवो में अनेक भयंकर बीमारी नागरिकों में फैल रही हैं
जिससे लोगो को साँस फूलने के साथ ही फेफड़ो में इंफेक्शन ,टीबी जैसी घातक बीमारियां होकर ग्रामीण मौत के मुँह में समा रहे है। कई बार शिकायत होने के बावजूद कोई कार्यवाही नही होने पर जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे से शिकायत की गई तो उनके द्वारा जाँच कराए जाने पर मामला सही पाए जाने के बाद प्रदूषण विभाग के अधिकारियों में हड़कम्प मच गया ।
जिसके चलते बुधवार को प्रदूषण विभाग लखनऊ से सभी दो दर्जन मिलो पर 97 .5 लाख रुपये का जुर्माना किया गया हैं। जिससे सभी मिल मालिको में हड़कम्प मच गया हैं।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के लखनऊ मुख्यालय ने जिले की 24 पेपर मिलों के सामने पड़े प्लास्टिक वेस्ट पाए जाने पर पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के लिए जुर्माना लगाया है। साथ ही निर्णय दिया है कि जब तक औद्योगिक इकाइयों के सामने से प्लास्टिक वेस्ट, राख और कूड़े के ढेर नहीं हटेंगे, उन्हें रोजाना के हिसाब से हर्जाना देना होगा। रविवार को पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) अध्यक्ष डा. भूरे लाल के मुआयने में शहर की जानसठ रोड़, भोपा रोड और जोली रोड़ पर स्थित पेपर मिलों के सामने प्लास्टिक वेस्ट के ढेर पाए गए थे।
इस संबंध में क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अंकित सिंह ने उनसे पहले जांच के बाद 24 फैक्टरियों पर जुर्माना लगाने की संस्तुति बोर्ड मुख्यालय लखनऊ को भेजी थी।
जिले में फैलने वाले वायु प्रदूषण के मद्देजनर लखनऊ से मुख्य पर्यावरणीय अधिकारी एनके चौहान ने भोपा रोड, जौली रोड और जानसठ रोड की अलग-अलग 24 इकाइयों पर करीब एक करोड़ रुपये कर जुर्माना निर्धारित कर दिया। इसके अलावा प्लास्टिक वेस्ट और कूड़े के ढेर हटने तक प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना निर्धारित करने का आदेश दिया है।
जट मुझेड़ा और धंधेडा नाले में पेपर मिलों के अलावा अन्य 12 फैक्टरियों का गंदा पानी बहता है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारी अंकित सिंह ने बताया कि जब तक गंदगी के ढेर नहीं हटेंगे, तब तक उन पर जुर्माना लगता रहेगा।
हर फैक्टरी पर चार से पांच लाख रुपये के करीब पर्यावरण क्षतिपूर्ति जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना नहीं दिए जाने पर राजस्व विभाग रिकवरी करेगा। नाला सफाई की जिम्मेदारी कॉरपोरेट सोशल रेस्पोंसबिलिटी (सीएसआर) के अनुसार फैक्टरी स्वामियों की है
जिनका गंदा पानी इन नालों में बहता है। जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने औद्योगिक इकाईयों के सामने पड़े कचरें, कूड़े के ढेर और प्लास्टिक वेस्ट को तत्काल हटाने के निर्देश दिए है।
इस संबंध में विभिन्न विभागों के तकनीकी इंजीनियरों की टीम की ड्यूटी लगाई गई है। फैक्टरियों के सामने कितना कूड़ा हटा और सफाई हुई? नियमित रिपोर्ट रोजाना डीएम को दी जाएगी।
प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के हरकत में आने पर जनपद के वायु प्रदूषण में सुधार हुआ है। जिले का एक्यूआई 321 था, जो मंगलवार को सुधार होने पर 267 दर्ज किया गया।