ऑल इंडिया इंडियन मैडिकल एसोएसएशन के आह्वान पर 11 दिसम्बर को चिकित्सक रहेंगे हडताल पर
मुजफ्फरनगर। ऑल इंडिया इंडियन मैडिकल एसोएसएशन के आह्वान पर आईएमए की मुजफ्फरनगर शाखा के सभी सदस्य चिकित्सक आगामी 11 दिसम्बर को प्रातः छह बजे से शाम छह बजे तक बारह घंटे की स्ट्राइक पर रहेंगे। इस दौरान इमरजेंसी सेवाएं और कोविड के इलाज की सुविधाएं बराबर जारी रहेगी।
उपरोक्त जानकारी देते हुए इंडियन मैडिकल एसोसिएशन के जनपदीय चैप्टर के अध्यक्ष डा. एमएल गर्ग ने सरकुलर रोड स्थित आईएमए भवन में पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि गत आठ दिसम्बर के भी आल इंडिया इंडियन मैडिकल एसोसिएशन के निर्देश पर सरकार के चिकित्सा शिक्षा में खिचडी तंत्र के विरोध में दो घंटे के लिए बारह बजे से दो बजे तक सांकेतिक आंदोलन किया गया।
इस दौरान सभी डाक्टर ने अपनी अपनी बाहों पर काली पट्टी बांधकर कार्य किया। आईएमए के कोषाध्यक्ष डा. ईश्वर चन्द्रा ने पत्रकारों से कहा कि मिक्सोपैथी यानि एक पद्धति के चिकित्सक को दूसरी पद्धति के कार्यो की अनुमति देना
चिकित्सा के स्तर और उसकी गुणवत्ता को कम करना है। सरकार ने आर्युवेदिक चिकित्सकों को सर्जरी की परमिशन देकर बेहद बेढंगा कार्य किया है यदि सरकार ने अपने फैसले पर विचार नहीं किया तो तो आईएमए के बेहोश करने वाले डाक्टर आर्युवेदिक चिकित्सकों को अपना सहयोग प्रदान नहीं करेंगे
क्योंकि एमबीबीएस डाक्टरों का मानना है कि जिस विधि को सीखने में दस से बारह साल लग जाते है वह कुछ माह की ट्रेनिंग से कैसे सीखी जा सकती है।
यद्य़पि मार्डन चिकित्सा प्रणाली पूरी तरह से रिसर्च पर आधारित है और हर मर्ज का इलाज आधुनिक तरीके से किया जाता है। डा. अनुज माहेश्वरी ने कहा कि बेशक आर्युवेद और होम्योपैथी अच्छी चिकित्सा प्रणाली है लेकिन इमरजेंसी में एलोपैथिक दवाएं ही काम करती है।
उन्होंने कहा कि सरकार के इस दृष्टिकोण का राष्ट्रव्यापी विरोध शुरू हो गया है। सरकार को चाहिए कि यदि अन्य पैथी के चिकित्सकां को अनुमति देनी है
तो उनके लिए मूलभूत शिक्षा में व्यापक इंतजाम करे। इस अवसर पर वरिष्ठ चिकित्सक डा. अरूण अरोरा के अलावा अन्य चिकित्सक भी मौजूद रहे।