गिरफ्तार किसानों को रिहा करने की मांग करने को लेकर रात भर टोहाना थाना के सामने धरना
हरियाणा के फतेहाबाद से टोहाना के जेजेपी विधायक देवेंद्र बबली के साथ हुए कथित दुर्व्यवहार के मामले में किसानों की गिरफ़्तारी को लेकर उपजा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। हालांकि इसी बीच जेजेपी विधायक देवेंद्र बबली के तेवर नर्म पड़ गए हैं। गिरफ्तार किसानों को रिहा करने की मांग करने को लेकर किसान नेताओं ने रात भर टोहाना थाना के सामने धरना दिया। किसान नेता राकेश ने कहा है कि उन्हें छोड़ा जाए नहीं तो हमें भी गिरफ्तार किया जाए।
वहीं जेजेपी विधायक देवेंद्र बबली ने 1 जून को हुए विवाद को लेकर किसानों से माफ़ी मांगते हुए कहा है कि 1 जून को कुछ लोगों ने मुझ पर हमला कर दिया था। हमला करने वाले अपने आपको किसान बता रहे थे लेकिन मेरा मानना है कि वो किसान नहीं हो सकते। वहां ऐसे हालात पैदा हुए कि मेरे मुंह से कुछ अपशब्द निकल गए जिसके लिए मैंने खेद प्रकट किया।
MLA (Devendra S Babli) has said he will withdraw the case he had filed (against farmers). He has also apologised. So why is the police not releasing them now? We have asked them (police) to either release those arrested or arrest us too: Bharatiya Kisan Union leader Rakesh Tikait pic.twitter.com/mWmBnKJrqY
— ANI (@ANI) June 6, 2021
दरअसल 1 जून को टोहाना के शहर थाना रोड पर विधायक देवेंद्र बबली की गाड़ी को रोक कर किसानों ने उनके खिलाफ नारेबाजी की थी। इसी दौरान विधायक और किसानों के बीच गाली-गलौज की नौबत आ गई थी। किसानों ने विधायक देवेंद्र सिंह बबली के ऊपर गाली देने का आरोप भी लगाया था। इस मामले में पुलिस प्रशासन द्वारा शहर थाना में दो तथा सदर थाना में एक केस दर्ज किया गया, जिसमें कुछ किसानों की गिरफ्तारी भी की गई थी।
गिरफ्तार किसानों की रिहाई की मांग को लेकर राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव सहित कई किसान नेता शनिवार को ही टोहना पहुंच गए थे। किसान नेता शनिवार से ही टोहाना थाना के बाहर धरने पर बैठ हुए हैं। किसानों की रिहाई को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि विधायक देवेंद्र बबली ने माफ़ी मांग ली है। इसके बावजूद पुलिस किसानों को रिहा नहीं कर रही है। पुलिस किसानों को जल्दी रिहा करे, नहीं तो हमें भी गिरफ्तार करे।
वहीं किसान नेता योगेंद्र यादव ने भी कहा कि जिन्हें गिरफ्तार किया गया है उन्हें रिहा किया जाना चाहिए और अगर उन्हें रिहा नहीं किया जाता