वैश्विक

समझौता एक्सप्रेस की रद्द: बौखलाहट में पाकिस्तान

भारत के अनुच्छेद 370 के पहले खंड को छोड़कर बाकी खंडों को समाप्त करने के बाद से ही पाकिस्तान की बौखलाहट देखने को मिल रही है। पहले उसने भारत के साथ अपने व्यापारिक और कूटनीतिक रिश्तों को कम कर दिया। अब एक कदम आगे बढ़ते हुए उसने दोनों देशों के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस की सेवाओं को निरस्त कर दिया है। पड़ोसी देश ने ट्रेन को वाघा सीमा पर ही रोक दिया है। पाकिस्तान के रेल मंत्री शेख रशीद ने आज समझौता एक्सप्रेस निरस्त करने का एलान किया। राशिद ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमने समझौता एक्सप्रेस ट्रेन सेवा को निलंबित करने का निर्णय किया है।

जबतक मैं रेल मंत्री रहूंगा, समझौता एक्सप्रेस ट्रेन सेवा नहीं चलेगी। मंत्री ने कहा कि समझौता के उन डिब्बों का इस्तेमाल ईद के मौके पर यात्रियों की आवाजाही के लिए किया जाएगा।पाक रेल मंत्री ने चेताया कि आगामी तीन-चार महीने बहुत महत्वपूर्ण हैं। युद्ध हो सकता है, लेकिन हम युद्ध नहीं चाहते हैं।

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अगर हमपर युद्ध थोपा गया तो यह अंतिम युद्ध होगा। भारत की यात्रा करने के लिए यात्री लाहौर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार रहे थे। उसी बीच मंत्री ने ट्रेन सेवा निलंबित किये जाने का एलान किया। पाकिस्तान ने गुरुवार को सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए समझौता एक्सप्रेस को वाघा में रोक दिया, जिससे 110 यात्री कुछ समय के लिये वहां फंस गए। हालांकि, भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तान की ओर से सुरक्षा को लेकर जताई गई आशंका को खारिज कर दिया।  रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आज दोपहर दो बजकर 14 मिनट पर हमें पाकिस्तानी अधिकारियों से सूचना मिली तो हमने उन्हें आश्वस्त किया कि सुरक्षा की कोई चिंता नहीं है और ट्रेन यहां आनी चाहिए। हालांकि, हमने उन्हें यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो भारतीय चालक दल के सदस्य और गार्ड इसे सुरक्षा देते हुए वाघा से अटारी तक ले जाएंगे। 

ऊहापोह की स्थिति के बीच भारतीय चालक दल ने ट्रेन के इंजन को वाघा से अटारी के लिए रवाना किया। स्टेशन मास्टर ने कहा कि पाकिस्तान के ट्रेन ड्राइवर और गार्ड ने भारतीय सीमा में आने से इनकार कर दिया। उन्होंने हमें संदेश भेजा कि हम इंजन लेकर जाएं और ट्रेन को लेकर आएं। भारत की तरफ से रवाना हुआ इंजन अटारी से ट्रेन लेकर भारतीय सीमा में पहुंचा। वहीं, करीब 70 यात्री वाघा बॉर्डर पर पाकिस्तान जाने का इंतजार करते रहे।

समझौता एक्सप्रेस में छह शयनयान डिब्बे और एक एसी 3-टियर का डिब्बा है। शिमला समझौते के तहत इस ट्रेन सेवा की शुरूआत 22 जुलाई 1976 को की गई थी। गौरतलब है कि भारत की तरफ से यह ट्रेन दिल्ली से अटारी के बीच जबकि पाकिस्तान की ओर से यह लाहौर से वाघा के बीच चलती है।

खुन्नस दिखाने के लिए

वैसे यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने अपनी खुन्नस दिखाने के लिए समझौता एक्सप्रेस की सेवाएं रोकी है। इससे पहले उसने पुलवामा हमले का बदला लेने के लिए भारतीय वायुसेना द्वारा की गई बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद भी समझौता एक्सप्रेस की सेवाओं को रोक दिया था। चार मार्च को ही उसने ट्रेन की आवाजाही को बहाल किया था। अब एक बार फिर उसने अपना पुराना पैंतरा आजमाते हुए ट्रेन की सेवाएं रोकने की घोषणा की है। बुधवार को ही उसने भारत के साथ व्यापार रोकने और राजनयिक संबंधों में कटौती की घोषणा की थी।

इससे पहले छह अगस्त को पाकिस्तान से आई समझौता एक्सप्रेस के अंतिम डिब्बे से एक सफेद रंग की वर्दी पहने व्यक्ति ने हेरोइन से भरा बैग ट्रैक पर फेंक दिया था। बैग को सुरक्षा एजेंसियों ने अपने कब्जे में ले लिया था। बैग की तलाशी के दौरान उसमें तीन किलो 42 ग्राम हेरोइन और दो पाकिस्तानी सिम बरामद हुए थे। अमृतसर रेलवे पुलिस थाना ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी।

News Desk

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