मुजफ्फरनगर में फूड सप्लीमेंट निर्माताओं के यहां छापेमारी, एसएसपी ने किया बड़ा खुलासा, 3 गिरफ्तार
मुजफ्फरनगर। जीरो ड्रग्स अभियान के अर्न्तगत नकली बॉडी बिल्डिंग सप्लीमेन्ट बनाने वाली फैक्ट्री का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने तीन अभियुक्तो के कब्जे से अलग-अलग कम्पनी के भारी मात्रा मे प्रोटीन व नकली रैपर जिनकी कीमत करीब डेढ करोड रूपये बरामद किए है।
पुलिस लाइन स्थित सभागार मे आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान एसएसपी अभिषेक यादव ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि जनपद मुजफ्फरनगर मे चलाए जा रहे जीरो ड्रग्स अभियान के अर्न्तग्त विभिन्न सूत्रो से मिली सूचना के आधार पर क्राईम ब्रान्च स्वाट टीम तथा थाना सिविल लाईन पुलिस ने 22 नवम्बर 2020 की रात्रि मे अनाधिकृत संचालित बॉडी बिल्डिंग सम्लीमेन्टस की फैक्ट्री पर छापा मारकर संचालक जुबैर आलम सहित 03 अभियुक्तो को गिरफ्तार किया गया।
एसएसपी अभिषेक यादव ने बताया कि अभियुक्तो के कब्जे से भारी मात्रा मे अलग-अलग कम्पनी के नकली प्रोटीन के भरे डिब्बे,टेबलेट, नकली रैपर व नकली प्रोटीन बनाने मे उपयोगी सामान बरामद किया गया।
एसएसपी अभिषेक यादव ने प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि अभियुक्तगण ब्रान्डेड विदेशा कम्पनियो के नकलनी उत्पाद फर्जी रूप से भारी मात्रा में बनाते एवं सस्ते काब्रोहाईड्रेडस के साथ दवाईयां मिलाकर फर्जी रूप से प्रोटीन तैयार करते है।
जिसकी सप्लाई मुजफ्फरनगर सहित देया के दूरदराज हिस्सो में भारी मात्रा में की जा रही है। उन्होने बताया कि दिल्ली इत्यादि से माल्टो डेक्सट्रिन फ्लेवर इत्यादि को लाते हैं। इसमे साइप्रोहेप्ताडिन डेक्सामेथोसन जैसी दवाईयो को मिलाकर मिलावअी उत्पाद बनाते हैं।
जिसको प्रोटीन सप्लीमेन्ट बताकर लोगो को बेचा जा रहा है। इस प्रकार के नकली सप्लीमेन्ट का सेवन करने से नौजवान युवकों के शरीर के महत्वपूर्ण अंग खराब होने शुरू हो जाते हैं। जिससे भविष्य में सेवन करने वाले व्यक्ति की मृत्यु की पूर्ण सम्भावना बढ जाती है।
गोदाम मे अस्वास्थकर परिस्थियो मे सभी कच्ची सामग्री को मिलाकर नकली प्रोटीन तैयार किया जाता है। लखनउ,नागपुर,बरेली, यमुनानागर जैसे देश के विभिन्न शहरों से खरीददार जिस कम्पनी की नकल बनवाना चाहते है।
उसे इनके पास भेजते है जिनके नकली उत्पाद तैयार करते हैं। ब्रान्डेड कम्पनी के डिब्बो की नकल वाले डिब्बे बनवाते हैं। मिश्रित पदार्थ को डिब्बे मे डालकर नकली रैपर लगाकर ब्रान्डेड कम्पनी का बनाकर पैक कर देश के विभिन्न हिस्सो मे भेजा जाता है।
इस तरह एक किलो व तीन किलो के डिब्बे की लागत क्रमशः 150-200 रूपये व 300-400 रूपये आती हैं, जिसे ब्रान्डेड कम्पनी के नाम पर क्रमशः 1700-2000रूपये व 4000-6000रूपये मे बेचा जाता है।
एसएसपी ने बताया कि मशहूर ब्रान्डेड कम्पनियो के नकली उत्पाद बनाकर न केवल धोखाधडी की जा रही है। बल्कि मासूम नौजवानो के जीवन व सेहत से खिलवाड किया ज रहा है।
जिसका सेवन उनके शरीर को खोखला करता है एवं मृत्यु का खतरा भी उत्पन्न करता है। इसके साथ ही इस पूरी प्रक्रिया मे काब्रोहाईड्रेटस से नकली प्रोटीन तैयार कर ब्रान्डेड प्रोटीन बेचकर लोगो के जीवन से खिलवाड करते थे।