जनता के मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ज्ञानवापी मस्जिद का मसला उठाया- राज्यपाल Satya Pal Malik
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik) ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में जिस रफ्तार से बेरोजगारी और महंगाई बढ़ रही है उससे देश में संकट खड़ा होने वाला है.
राज्यपाल के पद पर रहकर सरकार के खिलाफ बोलने पर सत्यपाल मलिक ने दो टूक कहा कि असली बात यही है कि सरकार के साथ भी रहो और सवाल भी उठाओ. उन्होंने कहा कि अगर मैं गलत सवाल उठाता हूं तो जिस दिन प्रधानमंत्री कह देंगे कि आप पद छोड़ दें, उसी दिन मैं राज्यपाल का पद छोड़ दूंगा.
मेरठ बार एसोसिएशन की ओर से पं.नानक चंद सभागार में आयोजित अपने सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए मलिक ने कहा कि पूरे देश में कोई भी नेता बेरोजगारी और बढ़ती महंगाई पर बोलने को तैयार नहीं है. भारत सरकार चाहे, तो टैक्स घटाकर महंगाई को कम किया जा सकता है. पाकिस्तान जैसे देश में भी डीजल या पेट्रोल इतने महंगे नहीं है जितने हमारे भारत में.
मेरठ कॉलेज के छात्र रहे मलिक ने सक्रिय राजनीति में आने के संकेत भी दिए हैं. उन्होंने कहा कि मैं सेवानिवृति के बाद किसानों की लड़ाई के साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उच्च न्यायालय की पीठ की लड़ाई भी लड़ूंगा. इसके अलावा केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली में कोई जानवर भी मरता है तो उसका भी शोक संदेश जारी किया जाता है, लेकिन किसान आंदोलन के समय कितने किसानों की मौत हुई मगर सरकार की तरफ से कोई संदेश नहीं दिया गया.
उन्होंने कहा कि इस संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री से भी मुलाकात की. मलिक ने कहा कि बाद में प्रधानमंत्री ने किसानों के हित में कदम उठाए लेकिन अभी तक भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून नहीं बनाया है. जबकि सरकार को पता होना चाहिए कि किसान आंदोलन स्थगित हुआ है खत्म नहीं और यह कभी भी बड़ा रूप ले सकता है.
इसके साथ किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली में लालकिले पर झंडा फहराने की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जिन लड़कों ने लालकिले पर झंडा फहराया उनकी वह कोई गलती नहीं थी, क्योंकि वह झंडा किसी पार्टी का नहीं था.
राज्यपाल ने कहा कि उन लोगों ने ‘निशान साहिब’ फहराया जिसके नीचे हजारों सिक्खों ने कुर्बानियां दीं, इसलिए वह अपवित्र झंडा नहीं है. वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के मसले पर मलिक ने कहा कि जनता के मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ज्ञानवापी मस्जिद का मसला उठाया जा रहा है.
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