‘राम मंदिर देश के नागरिकों की देन है, कोविड-19 हमारे सामने चुनौती- सीएम योगी
महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह शुरू हो गया है। इस दौरान कार्यक्रम के मुख्य अतिथि देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा मौजूद । कार्यक्रम में सीएम योगी ने लोगों को संबोधित मुख्य अतिथियों के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने राम मंदिर बनने का श्रेय भी जनता को दिया है।
उन्होंने कहा कि चुनौती आपकी व्यक्तिगत व सामाजिक जीवन की हो सकती है। राष्ट्रीय जीवन की भी हो सकती है, इन सब में आप की क्या भूमिका होगी, इसका सामना करने के लिए आप सभी को तैयार करना होगा। मेरे गुरु और गुरु पीठाधीश्वर महंत अवैद्यनाथ जी, जिन्होंने लंबे समय तक के माध्यम से शिक्षा परिषद को एक नवीन ऊंचाइयों को लाने का काम किया था उनका लोकार्पण समारोह मुख्य अतिथि ने किया। यह प्रतिमा हमारे लिए प्रेरणा है।
उन्होंने कहा कि मैं रात में जनरल बिपिन रावत से चर्चा कर रहा था, मैंने कहा कि एक बात बताएं- देश की सीमाओं की रक्षा करता हुआ हमारा एक सैनिक उन क्षेत्रों में देश की रक्षा कैसे कर पाता है। जहां एक से दो दिन कोई व्यक्ति गया और मौज-मस्ती कर वापस आ गया। लेकिन जवान निरंतर दिन रात देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए कैसे संभव हो पाता है।
रावत ने कहा कि यह तो आसान कार्य है, सैनिकों को उन पहाड़ों पर नई ऊर्जा मिलती है, इसीलिए वहां रह रहा है। क्योंकि उसको उसी के अनुकूल बनाना है। जब वह अपने अनुकूल बनाता है तब वह दुश्मन की छाती को भेदने की क्षमता रखता है।
उन्होंने कहा कि हमको इस बात का ध्यान रखना होगा कि कोविड-19 हमारे सामने चुनौती जरूर प्रस्तुत की । लेकिन आपदा में हमने नई कार्यपद्धती को विकसित किया। इससे जीवन आसान हो गया। बच्चों ने ऑनलाइन क्लास शुरू कर दी। अब तमाम बच्चे कहते हैं कि हम फिजिकली भी स्कूल जाना चाहते हैं। हमारे स्कूल कब खुलेंगे।
योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार जगह-जगह पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम लगा रही है जो हर व्यक्ति को 2 गज का पालन और मास्क जरूरी को लेकर निरंतर जागरूक कर रहा है।
पूरी दुनिया कोरोना वायरस से लड़ रहा है लेकिन इसमें भारत ही सफलतापूर्वक लड़ाई लड़ रहा है। वहीं हमारी रक्षा सेना देश की सीमाओं की रक्षा पूरी मजबूती के साथ कर रही है। भारतीय सेना जिस मजबूती के साथ भारत के गौरव को आगे बढ़ाने का काम कर रही है, वह अभी अमूल्य है।