स्पिक मैके कार्यक्रम का आयोजन-पंडित नित्यानंद हल्दीपुर ने शानदार प्रस्तुति दी
मुजफ्फरनगर। पंडित नित्यानंद हल्दीपुर ने अपने बांसुरी वादन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। बांसुरी के माध्यम से भजनों की प्रस्तुति कर छात्र-छात्राओं को भावविभोर कर दिया। पंडित नित्यानंद हल्दीपुर ने विद्यार्थियों को शास्त्रीय संगीत के बारे में जानकारी दी। अपनी गुरु अन्नपूर्णा के बारे में कहा कि उन जैसी महान आत्माएं सदियों में एक बार जन्म लेतीं हैं।
भागवंती सरस्वती विद्यामंदिर इंटर कॉलेज नई मंडी में स्पिक मैके के तत्वावधान में आयोजित देश के शीर्ष बांसुरी वादकों में से एक पंडित नित्यानंद हल्दीपुर ने शानदार प्रस्तुति दी। उन्होंने विद्यार्थियों को शास्त्रीय संगीत के बारे में बताया। कहा कि बांसुरी को शास्त्रीय वाद्य का दर्जा दिलाने का श्रेय पन्ना लाल घोष को जाता है।
उनके पिता और स्वयं उन्हें पन्ना लाल घोष का शिष्य होने का गौरव प्राप्त है। उन्होंने अपने कार्यक्रम का शुभारंभ प्रातरू कालीन राग अहीर भैरव से किया। संक्षिप्त अलाप के उपरांत अहीर भैरव में उन्होंने विलंबित एकताल में तथा द्रुत तीन ताल में बंदिशें प्रस्तुत की। राग की प्रस्तुति में फुलझड़ी की चकाचौंध नहीं थी
बल्कि सुकून भर देने वाली दिव्य आभा थी। उसमें लुभाने की चेष्टा नहीं थी. बल्कि ध्यान की तरफ ले जाने का आमंत्रण था। अपने में लीन संगीत की साधना करते हुए पंडित नित्यानंद हल्दीपुर ने एक कर्णप्रिय धुन प्रस्तुत की, जो दादरा ताल में निबद्ध थी। उन्होंने कार्यक्रम का समापन गांधी के प्रिय भजन वैष्णव जन तो तेने कहिये से किया। साथ ही उन्होंने बताया कि इस भजन को गुजरात में कैसे गाते हैं। बनारस घराने के प्रसिद्ध तबला वादक पंडित शैलेंद्र मिश्र ने बखूबी संगत प्रदान की।
तानपूरे पर निधि ने संगत प्रदान की। दीप प्रज्वलन अरुण खंडेलवाल, छोटू राम कॉलेज के प्राचार्य डॉ नरेश मालिक, प्रधानाचार्या सुनीता गौड़ ने संयुक्तरूप से किया। प्रधानाचार्या ने आभार जताया। संचालन नीरा शर्मा ने किया। राधा मोहन तिवारी, राहुल सेन, अभिनव त्यागी, सागर बेनीवाल, हर्ष, शुभम, मोहित, डॉ मृदुला मित्तल तथा डॉ गरिमा जैन का विशेष सहयोग रहा। डीएवी कॉलेज की प्राचार्या डॉ शशि शर्मा, सुनीता शर्मा, दिलीप मिश्रा, आर्य अकादमी निदेशक सुघोष आर्य विशेषरूप से उपस्थित रहे।