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चीनी मिलों से मिलेगा गन्ना किसानों को कृषि निवेश पर ब्याज मुक्त ऋण

मुजफ्फरनगर। प्रदेश की प्राइवेट चीनी मिल अब गन्ना किसानों को गन्ने की खेती के गन्ना बीज, खाद, कीटनाशक, व खेती में काम आने वाले कृषि संयंत्रों, मशीनरी आदि निवेशों के लिए ब्याज मुक्त ऋण दे सकेंगे।

प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त संजय आर.भूसरेड्डी ने गन्ना किसानों के हित के लिए प्रदेश की 72 चीनी मिलों को इसकी अनुमति दी है। इसमें मुजफ्फरनगर जिले की मोरना को छोडकर सभी सात प्राइवेट चीनी मिलों को यह अनुमति मिली है। हालांकि किसानों का शोषण रोकने के लिए सख्त प्रावधान व प्रतिबंध भी लगाए गए हैं।

प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त संजय आर. भूसरेड्डी की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया कि गन्ना किसानों को कृषि निवेशों पर ब्याज मुक्त ऋण का वितरण किसान के वास्तविक गन्ना क्षेत्रफल के सापेक्ष में एक निश्चित प्रतिशत तक ही दिया जाएगा। चीनी मिलों द्वारा किसी किसान को बिना उसकी सहमति के कृषि निवेशों का वितरण नही किया जाएगा।

चीनी मिल किसान को कृषि निवेश पर जो ब्याजमुक्त ऋण देंगी उसकी वसूली किसान द्वारा मिलों को दिए गए गन्ने की अंतिम पर्चियों से डाले गए गन्ने के मूल्य से मिल करेगी। शुरूआत या बीच में डाले गए किसान के गन्ने के मूल्य भुगतान से चीनी मिल दिए गए कृषि निवेश ब्याजमुक्त ऋण की वसूली नहीं हो सकेगी।

चीनी मिलों पर ब्याजमुक्त ऋण देते समय यह रहेगा प्रतिबंध

मुजफ्फरनगर। गन्ना आयुक्त द्वारा जिन 72 निजी चीनी मिलों को किसानों को कृषि निवेश पर ब्याजमुक्त ऋण उपलब्ध कराने की अनुमति दी गई है। वह चीनी मिल किसानों का शोषण न कर सकें इसके लिए कई प्रतिबंध भी लगाए गए हैं।

ु किसान को केवल गन्ना बीज, कीटनाशक, खाद और मशीनरी, कृषि संयंत्र के लिए ही ब्याजमुक्त ऋण मिलेगा
ु चीनी मिल किसान द्वारा सबसे आखिर में मिलों की गई गन्ने की आपूर्ति वाले गन्ना मूल्य भुगतान से ही अपने ब्याज मुक्त ऋण की वसूली की जाएगी।
ु चीनी मिलों द्वारा अपने व्यवसायिक गतिविधि के रूप में किसी किसान को बिना उसकी सहमति व आवश्यकता के कोई कृषि निवेश नही दिया जाएगा
ु कृषि निवेश के रूप में मिलों द्वारा दिए जाने वाले संयंत्रों की गुणवत्ता बीआईएस मानकों व उर्वरकों व कीटनाशक की गुणवत्ता नियमानुसार होनी जरूरी है
ु कृषि निवेश पर यदि भारत सरकार व प्रदेश की सरकार को देय करों के भुगतान का दायित्व कृषि निवेश उपलब्ध कराने वाली चीनी मिल का होगा।
ु चीनी मिलों को पांच लाख रुपए की गारंटी भी देनी होगी। यदि चीनी मिलों ने उक्त सुविधा का दुरुपयोग किया तो गारंटी को जब्त कर लिया जाएगा और अनुमति वापस ले ली जाएगी।

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