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Ukraine-Russia War: अमेरिका के युद्धविराम प्रस्ताव पर पुतिन की शर्तें, ट्रंप ने दी खुली चेतावनी! जानें क्या है पूरा मामला

कीव/मॉस्को: यूक्रेन और रूस के बीच जारी खूनी संघर्ष (Ukraine-Russia War) ने एक बार फिर वैश्विक राजनीति को हिला दिया है। अमेरिका द्वारा प्रस्तावित युद्धविराम को यूक्रेन ने समर्थन दिया है, लेकिन रूस ने दूरगामी शर्तें रखकर इसे प्रभावी ढंग से ठंडे बस्ते में डाल दिया है। यूरोपीय देशों ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर युद्ध को लम्बा खींचने का आरोप लगाया है, जबकि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पुतिन को सीधी चेतावनी देते हुए युद्ध को “निरर्थक” बताया है।

यूक्रेन के विभाजन का सुझाव! क्या बर्लिन जैसा होगा भविष्य?

इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कीव दूत जनरल कीथ केलॉग ने एक विवादास्पद सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बर्लिन की तरह विभाजित किया जा सकता है। उनके मुताबिक, पश्चिमी हिस्से में ब्रिटिश और फ्रांसीसी सैनिक तैनात हो सकते हैं, जबकि पूर्वी भाग रूस के नियंत्रण में रहेगा। बीच में यूक्रेनी सेना और एक निरस्त्रीकृत क्षेत्र होगा।

इस प्रस्ताव पर यूक्रेन की प्रतिक्रिया अभी सामने नहीं आई है, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि यह सुझाव यूक्रेन की संप्रभुता के लिए एक बड़ा झटका होगा। क्या वाकई यूक्रेन का भविष्य बर्लिन जैसा होगा? यह सवाल अब पूरी दुनिया के सामने है।

ट्रंप का पुतिन को झटका: “रूस को पीछे हटना होगा!”

डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए पुतिन को सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने लिखा, “रूस को आगे बढ़ना होगा। हर हफ्ते हजारों लोग मर रहे हैं, यह एक भयानक और निरर्थक युद्ध है – जो कभी नहीं होना चाहिए था!” ट्रंप ने यह भी इशारा किया कि अगर वह राष्ट्रपति होते, तो यह युद्ध शुरू ही नहीं होता।

पुतिन और अमेरिकी दूत के बीच माराथन वार्ता

इस बीच, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ के बीच सेंट पीटर्सबर्ग में चार घंटे से अधिक समय तक गोपनीय वार्ता हुई। क्रेमलिन ने इसे “यूक्रेनी समाधान के पहलुओं” पर चर्चा बताया, लेकिन रूसी मीडिया के अनुसार, पुतिन ने अमेरिका के प्रस्तावों पर कोई ठोस रियायत देने से इनकार कर दिया।

यूरोप की चिंता: क्या पुतिन युद्ध को और लम्बा खींचेंगे?

यूरोपीय नेताओं का मानना है कि पुतिन युद्ध को जानबूझकर लम्बा खींच रहे हैं ताकि यूक्रेन और पश्चिमी देश थककर समर्पण कर दें। फ्रांस और जर्मनी ने रूस पर दबाव बनाने के लिए नए प्रतिबंधों की चर्चा शुरू कर दी है। क्या पुतिन वाकई यूक्रेन को तबाह करने पर आमादा हैं? या फिर वह कूटनीतिक समाधान की तलाश में हैं?

युद्ध की भयावह तस्वीर: हज़ारों मौतें, लाखों विस्थापित

तीन साल से जारी इस युद्ध में अब तक हज़ारों सैनिक और नागरिक मारे जा चुके हैं। यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र में रूसी सेना का दबदबा बढ़ता जा रहा है, जबकि यूक्रेनी सेना पश्चिमी हथियारों के सहारे जवाबी कार्रवाई कर रही है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, युद्ध के कारण लाखों लोग बेघर हो चुके हैं, और यूरोप में शरणार्थी संकट गहराता जा रहा है।

क्या होगा अगला कदम?

अब सवाल यह है कि क्या अमेरिका और यूरोप रूस पर और ज्यादा दबाव डाल पाएंगे? क्या यूक्रेन को विभाजन स्वीकार करना पड़ेगा? या फिर पुतिन किसी समझौते के लिए तैयार होंगे? दुनिया की नजरें अब इस जंग के अगले चरण पर टिकी हैं।

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(यह खबर लगातार अपडेट की जा रही है…)

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