उत्तर प्रदेश

UP Board का बड़ा कदम: 2025 की परीक्षा में एआई तकनीक से नकल रोकने की तैयारी!

Hot Topic उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (UP Board) ने आगामी बोर्ड परीक्षाओं में नकल पर पूरी तरह लगाम लगाने के लिए कमर कस ली है। इस बार तकनीक और सतर्कता का संगम देखने को मिलेगा, क्योंकि बोर्ड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग करके परीक्षा को नकलमुक्त बनाने की तैयारी कर रहा है।

परीक्षा केंद्रों पर ऑनलाइन सीसीटीवी कैमरों से सख्त निगरानी होगी। इतना ही नहीं, एआई तकनीक से लैस आई-कैमरों की मदद से प्रश्न पत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। यूपी बोर्ड के इस कदम को शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है।

एआई तकनीक के लिए 25 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत

UP Board ने परीक्षा केंद्रों पर एआई तकनीक के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 25 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है। परीक्षा संचालन के लिए नए टेंडर भी जारी कर दिए गए हैं। बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने यह जानकारी साझा करते हुए कहा कि परीक्षा प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का सहारा लिया जाएगा।

भगवती सिंह, जो 1995 बैच के पीईएस अधिकारी हैं, इस बार पहली बार यूपी बोर्ड परीक्षा आयोजित करने जा रहे हैं। उनकी पहचान एक तेज-तर्रार और ईमानदार अफसर के रूप में होती है। जुलाई 2023 में उन्होंने दिव्यकांत शुक्ला की जगह बोर्ड सचिव का कार्यभार संभाला।

2025 में रिकॉर्ड परीक्षार्थी

आगामी 2025 की परीक्षा में कुल 54,38,597 छात्र शामिल होंगे। हाईस्कूल में 27,40,151 छात्र और इंटरमीडिएट में 26,98,446 छात्र अपनी किस्मत आजमाएंगे। यूपी बोर्ड ने इस बार महाकुंभ के मद्देनजर परीक्षा कार्यक्रम में बदलाव किया है।

महाकुंभ के चलते परीक्षा की तारीखें बदलीं

प्रयागराज में 2025 में महाकुंभ का दिव्य और भव्य आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी तक होगा। यह आयोजन लाखों श्रद्धालुओं को संगम तट पर आकर्षित करेगा। चूंकि महाकुंभ के दौरान ट्रैफिक, भीड़, और प्रशासनिक व्यस्तता अपने चरम पर रहेगी, यूपी बोर्ड ने परीक्षाओं को मार्च में आयोजित करने की योजना बनाई है ताकि पारदर्शिता और सुचारू संचालन में कोई बाधा न आए।

नकलमुक्त परीक्षा के लिए यूपी बोर्ड की रणनीति

यूपी बोर्ड ने परीक्षा में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कंट्रोल रूम तैयार किए हैं। ये कंट्रोल रूम मुख्यालय, मंडल और राज्य स्तर पर स्थापित होंगे। अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि वे तकनीक का सही उपयोग कर सकें।

AI तकनीक के फायदे:

  1. रियल-टाइम निगरानी: एआई आधारित कैमरे हर गतिविधि पर नजर रखेंगे।
  2. संदिग्ध गतिविधियों की पहचान: यदि कोई छात्र या स्टाफ अनुचित गतिविधि में लिप्त पाया गया, तो तुरंत अलर्ट भेजा जाएगा।
  3. डेटा विश्लेषण: एआई के जरिए परीक्षा के बाद निगरानी रिपोर्ट तैयार की जाएगी।

पूर्व के अनुभव और नई उम्मीदें

पिछले साल यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 22 फरवरी से 9 मार्च तक चलीं। इनमें नकल के मामलों में भारी गिरावट देखी गई थी, जो प्रशासन की सफलता का संकेत था। इस बार, तकनीकी सहयोग से यह आंकड़ा और बेहतर होने की उम्मीद है।

शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति

यूपी बोर्ड का यह कदम न केवल नकलमुक्त परीक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि छात्रों को भी यह संदेश देगा कि अब कड़ी मेहनत और ईमानदारी ही सफलता का आधार है।

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