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गृहयुद्ध को खत्म करने के मकसद से 400 तालिबान की रिहाई को मंजूरी

 महासभा ‘लोया जिरगा’ ने रविवार को तालिबान के 400 कैदियों की रिहाई को मंजूरी दे दी। तालिबान आतंकियों को रिहा करने का फैसला अफगानिस्तान में करीब दो दशक से चल रहे गृहयुद्ध को खत्म करने के मकसद से शांति वार्ता की शुरुआत का मार्ग प्रशस्त करेगा।

इससे पहले अफगानिस्तान की सरकार करीब 5 हजार तालिबान कैदियों को रिहा कर चुकी है। बदले में तालिबान ने भी करीब 1100 सरकारी बलों, सरकारी कर्मचारियों और राजनीतिक दलों के लोगों को अपनी कैद से मुक्त किया है।

अफगानिस्तान की आधिकारिक भाषा पश्तो और फारसी में जारी प्रस्ताव में कहा गया कि समस्या को दूर करने के लिए शांति प्रक्रिया की शुरुआत और खून खराबे की समाप्ति के लिए लोया जिरगा ने 400 तालिबान की रिहाई को मंजूरी दी।

राष्ट्रपति अशरफ गनी ने राजधानी काबुल में विधानसभा बुलाई थी, जहां करीब 3,200 अफगान समुदाय के नेताओं ने सरकार को सलाह दी कि तालिबान कैदियों को मुक्त किया जाए।

लोया जिरगा मुख्य रूप से नए संविधान को अपनाने या युद्ध जैसे राष्ट्रीय या क्षेत्रीय मुद्दे को निपटाने के लिए आयोजित किया जाता है। राष्ट्रपति गनी ने लोया जिरगा के फैसले का स्वागत किया और तालिबान से युद्ध खत्म करने का आग्रह किया। वहीं, तालिबान के राजनीतिक प्रवक्ता सुहेल शाहीन ने फैसले का स्वागत करते हुए इसे सकारात्मक कदम बताया।

तालिबान ने सरकार से वार्ता शुरू करने के लिए इन कैदियों की रिहाई की शर्त रखी थी। अफगानिस्तान के राजनीतिक नेतृत्व और तालिबान के बीच बातचीत अगले सप्ताह की शुरुआत में होने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि यह बातचीत कतर में होगी, जहां तालिबान का राजनीतिक कार्यालय है।

इसके लिए अभी कोई तारीख निर्धारित नहीं की गई है। अफगानिस्तान के इस कदम से अमेरिका को अपने सैनिकों को वापस बुलाने और अपनी सबसे लंबी सैन्य भागीदारी को समाप्त करने के लिए और करीब ले आया है।

News Desk

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