Air India पर 10 लाख रुपये का जुर्माना-टिकट होने के बावजूद बिठाने से कर दिया था मना: DGCA
DGCA डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने एयर इंडिया (Air India)पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। Air India फ्लाइट में टिकट होने के बावजूद यात्रियों को बिठाने से मना कर दिया गया था। विमानन कंपनी ने इसके एवज में यात्रियों को उचित मुआवजा नहीं दिया। डीजीसीए के सामने मामला पहुंचा तो उसने सुनवाई के बाद एयर इंडिया पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया।
DGCA ने कहा कि टिकट होने के बावजूद यात्रियों को बोर्डिंग से इनकार करने और मुआवजा नहीं देने के लिए एयर इंडिया पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। उसकी तरफ से एयरलाइन को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। उसके बाद दोनों पक्षों की सुनवाई भी की गई थी। डीजीसीए ने एयरलाइन को हिदायत दी कि वह जल्दी से जल्दी इस मुद्दे को हल करने के लिए अपने यहां एक सिस्टम बनाए।
DGCA ने जांच में पाया कि इस मामले में बेंगलुरु, हैदराबाद और दिल्ली के यात्रियों को उचित मुआवजा नहीं दिया गया था। हालांकि एयर इंडिया का कहना था कि उसके पास हर्जाने को लेकर कोई पॉलिसी नहीं है, जिससे यात्रियों को मुआवजे का भुगतान नहीं किया गया।
DGCA ने कहा कि यात्रियों के हितों की रक्षा के मामले में उसके नियम अमेरिकी विमानन नियामक एफएए और यूरोपीय विमानन नियामक ईएएसए के अनुरूप हैं। वैश्विक स्तर पर इसी तरह के नियमों का पालन किया जाता है। डीजीसीए ने सभी घरेलू एयरलाइनों को नियमों की पालना के निर्देश दिए थे।
DGCA की नियमावली के मुताबिक एयरलाइन एक घंटे के भीतर प्रभावित यात्री के लिए वैकल्पिक उड़ान की व्यवस्था कर देती है तो कोई मुआवजा नहीं देना होगा। एयरलाइन अगले 24 घंटों के भीतर वैकल्पिक व्यवस्था प्रदान करने में सक्षम है तो 10 हजार रुपये तक का मुआवजा देना होता है।
24 घंटे से अधिक के लिए 20 हजार रुपये तक का मुआवजा निर्धारित है। डीजीसीए ने हाल ही में प्रभावित यात्रियों को मुआवजा और सुविधाएं देने के लिए कहा था। विमानन कंपनियों को हिदायत दी गई थी कि ऐसा नहीं करने पर उन पर जुर्माना लगेगा।