एंटीलिया केसः पुलिस मुठभेड़ों में कई गैंगस्टरों का खात्मा करने वाले प्रदीप शर्मा गिरफ्तार
एनआईए ने ‘एंटीलिया’ के सामने वाहन में विस्फोटक रखने और व्यवसायी मनसुख हिरन की हत्या के मामले में कथित संलिप्तता के लिए पूर्व “मुठभेड़ विशेषज्ञ” पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा को मुंबई में बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया। यह जानकारी एक अधिकारी ने दी।
उन्होंने कहा कि एनआईए की टीम ने शर्मा को बुधवार की देर रात मुंबई के नजदीक लोनावाला से पकड़ा और उन्हें पूछताछ के लिए दक्षिण मुंबई स्थित एजेंसी के कार्यालय में लाया गया।
#update राष्ट्रीय जांच एजेंसी(NIA) ने शिवसेना नेता और मुंबई पुलिस के पूर्व 'एनकाउंटर स्पेशलिस्ट' प्रदीप शर्मा को गिरफ्तार किया।
— News & Features Network (@mzn_news) June 17, 2021
अधिकारी ने कहा, “एनआईए ने मुंबई के अंधेरी (पश्चिम) में जे बी नगर स्थित उनके आवास पर सुबह छह बजे छापेमारी भी की और अभियान कई घंटे तक चला। अधिकारियों ने उनके आवास से कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए।” उन्होंने कहा कि कुछ घंटे तक पूछताछ के बाद एनआईए ने गुरुवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने कहा कि चिकित्सा जांच पूरी होने के बाद शर्मा को स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा।
मामले में शर्मा का नाम आने के बाद एनआईए ने करीब दो महीने पहले उनसे अपने कार्यालय में दो दिनों तक पूछताछ की थी। शर्मा पुलिस विभाग के पांचवें व्यक्ति होंगे जिन्हें एनआईए ने इस मामले में गिरफ्तार किया है। मामले में यह आठवीं गिरफ्तारी है।
एजेंसी पहले पुलिस अधिकारी सचिन वाजे, रियाजुद्दीन काजी, सुनील माने को गिरफ्तार कर चुकी है। गिरफ्तारी के बाद उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। एजेंसी ने पूर्व कांस्टेबल विनायक शिंदे को भी इस सिलसिले में क्रिकेट सटोरिया नरेश गोर के साथ गिरफ्तार किया था।
एनआईए ने 11 जून को उपनगर मलाड से संतोष शेलार और आनंद जाधव को गिरफ्तार किया था और कहा था कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के बाहर विस्फोटक रखा वाहन खड़ा करने के षड्यंत्र में उनकी भी संलिप्तता थी।
एसयूवी इस वर्ष 25 फरवरी को दक्षिण मुंबई में अंबानी के आवास ‘एंटीलिया’ के बाहर खड़ा पाया गया था। ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरन ने दावा किया था कि वाहन उनका था, जो पांच मार्च को मुंब्रा क्रीक के पास मृत पाए गए थे।
1990 के दशक में पुलिस मुठभेड़ों में कई गैंगस्टरों का खात्मा करने वाले अफसरों का एक समूह था। प्रदीप शर्मा उनमें से एक थे। उनको मुंबई पुलिस के “मुठभेड़ विशेषज्ञों” में से एक के रूप में जाना जाता है। 90 के दशक में मुंबई में अंडरवर्ल्ड के खतरे के कारण इन अधिकारियों को अंडरवर्ल्ड के पीछे लगने के लिए कुछ छूट दी गई थी।
हालांकि कई मुठभेड़ ऐसे भी हुए हैं, जो फर्जी या गलत पाए गए। प्रदीप शर्मा 100 से अधिक ‘मुठभेड़ों’ में शामिल रहे हैं। एक बार पुलिस ने उन्हें वर्सोवा के नाना नानी पार्क में एक कथित मुठभेड़ को अंजाम देने के बाद गिरफ्तार कर लिया था।