बुंदेलखंड/ Chitrakoot: पर्यावरण मंत्रालय की लंबी जांच के बाद चित्रकूट में डिफेंस कॉरिडोर बनाने की अनुमति
बुंदेलखंड/ Chitrakoot भारतीय सेना की ताकत को मजबूत करने के लिए देश में डिफेंस उत्पाद निर्माण हब्स के विकास का काम जोरों पर है। इसी दिशा में प्रयासरत उत्तर प्रदेश सरकार के बहुमुखी विकास कार्यों ने बेहतर परिणाम दिखाने का रास्ता दिखाया है।
पर्यावरण मंत्रालय की लंबी जांच के बाद चित्रकूट में डिफेंस कॉरिडोर बनाने की अनुमति देने से एक नई उम्मीद की किरण जगमगाई है। इस कॉरिडोर का निर्माण कर्वी में खुटरिया गांव की जमीन पर होगा, जिसमें ड्रोन से लेकर हेलीकॉप्टर तक और गोला बारूद से लेकर तोप तक के उत्पाद बनाए जाएंगे। यह कार्यक्षेत्र 60 हेक्टेयर के आसपास है और इससे लगभग 5000 करोड़ की इंडस्ट्री और लाखों लोगों को रोजगार का मौका मिलेगा।
इस डिफेंस उत्पाद निर्माण हब्स के निर्माण में प्राकृतिक संसाधनों का समुचित उपयोग किया जाएगा। इस क्षेत्र में कोई वन्यजीव अभयारण्य नहीं है और न ही कोई प्रदूषण का स्रोत है, जिससे इसके निर्माण में किसी भी प्रकार की पर्यावरण संबंधी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
इस नोड में बनने वाले उत्पादों में हथियार, हेलीकॉप्टर, ड्रोन, और तोप जैसी चीजें शामिल होंगी। इसके साथ ही उत्पादों का निर्माण स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, ऊर्जा संरक्षण, शोर नियंत्रण, वायु प्रदूषण नियंत्रण, और जल प्रदूषण नियंत्रण के लिए उच्च स्तरीय तकनीकी संसाधनों का उपयोग किया जाएगा।
योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश के विकास में एक नई दिशा स्थापित की है, जो कि उत्तर प्रदेश को देश के सबसे महत्वपूर्ण डिफेंस उत्पाद निर्माण हब्स में से एक बनाने की दिशा में अहम कदम है। इस कार्यक्रम से न केवल रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी, बल्कि यह स्थानीय आदिवासी समुदायों के लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगा।
इस प्रकार, डिफेंस कॉरिडोर के निर्माण से यहां के लोगों को सीधा रोजगार का मौका मिलेगा और प्रदेश के विकास में एक नई दिशा मिलेगी। यह एक ऐसा कदम है जो प्रदेश को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में मदद करेगा और साथ ही देश की सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।