Siddharthnagar के प्रेमी जोड़े की शादी के बाद मच गया बवाल, बच्चों और परिवारों को छोड़कर भागे दोनों!
उत्तर प्रदेश के Siddharthnagar जिले के एक छोटे से गांव महरिया में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जिसने इलाके के लोगों को चौंका दिया है। यहां एक विवाहित जोड़े ने न केवल अपने-अपने जीवनसाथियों और बच्चों को छोड़ दिया, बल्कि दोनों ने एक-दूसरे से प्रेम कर भागकर शादी कर ली। और यह सब हुआ एक फेसबुक पोस्ट के जरिए, जिसने दोनों परिवारों के बीच हंगामे की स्थिति उत्पन्न कर दी।
परिवारों के लिए यह खबर थी एक सैलाब जैसी
यह मामला सिद्धार्थनगर के सदर थाना क्षेत्र स्थित महरिया गांव का है। गीता नाम की महिला और गोपाल नाम के व्यक्ति की प्रेम कहानी ने गांव और आसपास के इलाकों में हलचल मचा दी। दोनों ने एक-दूसरे से विवाह करने के लिए अपने-अपने परिवारों को छोड़ दिया। पहले तो दोनों परिवारों को इसकी जानकारी नहीं थी, लेकिन जब गोपाल ने अपनी और गीता की शादी की तस्वीरें फेसबुक पर पोस्ट कीं, तो यह रहस्य सुलझा और दोनों परिवारों में कोहराम मच गया।
कैसे हुआ इसका खुलासा?
5 अप्रैल को गांव वालों ने गोपाल के फेसबुक अकाउंट पर गीता और गोपाल की शादी की तस्वीरें देखीं, जो गोपाल ने पोस्ट की थीं। इन तस्वीरों को देखकर गांववासियों को इस बात की जानकारी हुई कि गीता और गोपाल ने भागकर शादी कर ली है। जैसे ही यह खबर गांव में फैली, गीता के पति श्रीचंद और गोपाल की पत्नी को इस घटना का पता चला। श्रीचंद और गोपाल के परिवार वाले समझ रहे थे कि वे कहीं काम के लिए गए हैं, लेकिन सच्चाई कुछ और थी।
गीता और गोपाल का भागकर शादी करना
गीता, जिनके पांच बच्चे हैं, जिनमें चार बेटियां और एक बेटा शामिल हैं, एक सप्ताह पहले घर से भाग गई थी। उनका सबसे बड़ा बच्चा 19 साल का है, और सबसे छोटा बच्चा पांच साल का है। गीता के पति श्रीचंद, जो मुंबई में वड़ा पाव बेचने का काम करते हैं, ने बताया कि उनकी पत्नी गोपाल के घर काफी आती-जाती थी। वे इस संबंध के बारे में जानने से पहले कुछ नहीं जानते थे।
उनके मुताबिक, गीता ने घर से 90 हजार रुपये और घर के सारे जेवर लेकर भागी है। श्रीचंद ने यह भी बताया कि जब उसे फेसबुक पर यह तस्वीरें देखने को मिलीं, तब जाकर उसे इस घटना की जानकारी हुई। तब से वह थाने के चक्कर काट रहा है, लेकिन पुलिस की तरफ से कोई सहायता नहीं मिल रही है।
गोपाल की पत्नी की प्रतिक्रिया
गोपाल की पत्नी ने आरोप लगाया कि गोपाल अपनी परिवार की कोई मदद नहीं करता था और वह उन्हें हमेशा मारता-पीटता था। उसकी पत्नी ने यह भी कहा कि अब गोपाल उसके लिए मर चुका है और वह उसकी कोई मदद नहीं चाहती। गोपाल के बच्चों के लिए भी वह कुछ नहीं चाहती, बस उसके बच्चों का भरण पोषण गोपाल से कराया जाए।
पुलिस की प्रतिक्रिया
सिद्धार्थनगर के थाना प्रभारी अनुज सिंह ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि पुलिस को इस घटना की जानकारी है, लेकिन अभी तक किसी भी पक्ष से कोई शिकायत नहीं आई है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि मामले में कोई शिकायत मिलती है, तो वे नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।
घटना के बाद के हालात
इस घटना के बाद गीता और गोपाल के परिवारों में गहरा तनाव और संघर्ष पैदा हो गया है। गीता के परिवार में बच्चे बिना मां के हैं, और गोपाल के परिवार में बच्चों को अपनी मां की तलाश है। श्रीचंद और गोपाल की पत्नी का कहना है कि गोपाल ने दोनों परिवारों के जीवन को नष्ट कर दिया है, और अब वे दोनों अपने बच्चों के भविष्य के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
परिवारों के बिखरे हुए सपने
श्रीचंद और गोपाल की पत्नी दोनों ही इस घटना से बेहद आहत हैं। श्रीचंद का कहना है कि उसकी पूरी मेहनत और कड़ी मेहनत को गीता ने एक पल में खत्म कर दिया। वह खुद को कमजोर महसूस कर रहा है, क्योंकि उसने अपनी पत्नी पर विश्वास किया था, लेकिन गीता ने उसे धोखा दिया। गोपाल की पत्नी का कहना है कि वह अब अपनी जिन्दगी को लेकर आगे बढ़ने की सोच रही है, लेकिन उसे गोपाल के रवैये से घृणा हो गई है।
समाज पर असर
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि क्या सोशल मीडिया, खासकर फेसबुक, का उपयोग गलत दिशा में हो सकता है। गोपाल और गीता ने अपनी शादी की तस्वीरें फेसबुक पर शेयर की, जिससे उनके परिवारों के बीच विवाद उत्पन्न हो गया। इस तरह के मामलों में सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल सामाजिक और पारिवारिक तनाव का कारण बन सकता है।
एक नई शुरुआत?
यह सवाल भी उठता है कि गीता और गोपाल के लिए यह एक नई शुरुआत हो सकती है या फिर यह उनके लिए एक बुरा अंत साबित होगा। जब किसी रिश्ते में विश्वास टूटता है, तो उसका असर केवल दो व्यक्तियों तक सीमित नहीं रहता। ऐसे मामलों में बच्चों की स्थिति सबसे अधिक चिंताजनक होती है। गीता और गोपाल के बच्चों का भविष्य अब किस दिशा में जाएगा, यह सबसे बड़ा सवाल है।
यह घटना सिद्धार्थनगर के ग्रामीणों के बीच चर्चाओं का विषय बन चुकी है। जहां एक ओर गीता और गोपाल के परिवारों में गहरा दुख है, वहीं दूसरी ओर इस घटना ने यह सोचने पर मजबूर किया है कि क्या समाज में इस प्रकार के रिश्तों की स्थिति को समझा और स्वीकारा जा सकता है। इस मुद्दे पर अधिक चर्चा और जांच की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।